गांधीवादी विचारक सुब्बाराव का 93 वां जन्म दिन

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गांधीवादी विचारक सुब्बाराव का 93 वां जन्म दिन

भोपाल.आज युवातुर्क प्रसिद्ध गांधीवादी चिंतक, सर्वोदय नेता और युवा तरुणाई के प्रेरणा स्रोत पद्मश्री डॉ.एसएन सुब्बाराव का 93 वां जन्म दिवस हैं.  यह समझा जाता है कि उनका जन्म राष्ट्रीय सद्भावना, विश्व बंधुत्व शिक्षा, संस्कार युवाओं में रचनात्मक व  सर्जनात्मकता के निर्माण के लिए ही हुआ है.अपने कार्य व्यवहार के कारण ही देश समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गये है. वे हमेशा देशभर के शिविरों में जुड़े रहते हैं. 


प्रसिद्ध गांधीवादी युगपुरुष डॉ0 एस. एन. सुब्बाराव जी का 93वां जन्मदिवस निर्मला देशपांडे संस्थान में मनाया गया. इस अवसर पर हाली अपना स्कूल के बच्चों ने सर्वधर्म प्रार्थना एवं उनके 'जय जगत' गीत का सस्वर पाठ किया एवं क्रेच के बच्चों ने केक काटकर उनके जन्मदिन को मनाया. इस अवसर पर बोलते हुए संस्थान के निदेशक राममोहन राय एडवोकेट ने कहा कि श्री एस एन सुबाराव जी का संपूर्ण जीवन मानवता को समर्पित है.उन्होंने अपने जीवन में देश-विदेश में 5000 से भी अधिक युवा शिविर लगाकर लाखों युवाओं को प्रेरणा दी है.  

जब चंबल में दस्यू समस्या  पूरे जोरों पर थी ,उस समय उन्होंने उसके निदान के लिए पहल की.डॉक्टर एसएन सुबाराव ने चंबल घाटी के दुर्दांत बागियों के समर्पण के लिए मुरैना, भिंड, ग्वालियर और धौलपुर, आगरा आदि जिलों के संभ्रांत व्यक्तियों को साथ लेकर शांति मिशन का गठन कर वर्ष 1972 में लोकनायक जयप्रकाश नारायण के समक्ष समर्पण करवाया एवं सभी समर्पित बागियों के पुनर्वास की व्यवस्था प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाशचंद्र सेठी, राजस्थान केे मुख्यमंत्री बरकतुल्लाह खान और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी के सहयोग से करवाई. परिणाम स्वरूप हजार  दस्युओ  ने उनके सम्मुख आत्मसमर्पण कर स्वयं को राष्ट्रीय धारा में शामिल किया. 

देश के दलित हरिजन आदिवासियों को जीवन जीने के संसाधन मुहैया कराने के लिए एकता परिषद का गठन कर राजगोपाल पीवी को सौंपा. वे 1972 से निरंतर देश के युवा वर्ग को राष्ट्रप्रेम, गांधीवाद का संदेश देकर महाविद्यालयों में व्याख्यान व संगोष्ठियों के माध्यम से एक साधक के रूप में देश की सेवा में समर्पित होकर कार्य कर रहे हैं। आज भी 90 वर्ष की आयु में भी एक नौजवान जैसा जबा रखते हैं. 


संत विनोबा भावे के साथ मिलकर उन्होंने लंबी भू -दानयात्रा की और आज सर्वधर्म समभाव की यात्रा उनके नेतृत्व में लगातार चल रही है. वह आतंक, हिंसा एवं शोषण को सभी समस्याओं का कारण मानते हैं.इसलिए न केवल नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अपितु कश्मीर सहित अन्य प्रांतों में भी गांधीवादी ढंग को अपनाकर शांतिमय अहिंसक  क्रांति का काम कर रहे हैं.उन्हें न केवल भारत सरकार ने अपितु अनेक देशों ने अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया है. भारत में राष्ट्रीय सेवा योजना एन एस एस के  वह प्रवर्तक है.जिन की सलाह पर ही पंडित जवाहरलाल नेहरू ने एनएसएस की स्थापना की थी. वह बाल सुलभ एवं  चिर युवा है.जिनका  मार्गदर्शन एवं नेतृत्व  युवाओ के लिए एक क्रांति पथ प्रदर्शन है. 

कार्यक्रम में माता सीता रानी सेवा संस्था की परामर्श दात्री सुनीता आनंद ने कहा उनकी वाणी पर स्वयं सरस्वती विराजमान है.वह न केवल एक शिक्षाविद है अपितु एक अध्येता,संगीतज्ञ एवं स्वर कोकिल है. निर्मला देशपांडे संस्थान में अनेक बार उनका आगमन हुआ है.आज उनकी भावनाओं से प्रेरित होकर यह संस्थान शांति, एकता एवं सद्भाव का कार्य कर रहा है .कार्यक्रम को दीनाक्षी मनोचा व रोजी चावला आदि ने भी संबोधित किया. 



अनेक लोगों में डॉ रनसिंह परमार,अनीश के,प्रदीप प्रियदर्शी,अनिल कुमार गुप्ता आदि ने प्रात:स्मरणीय परमादरनीय डा.एस.एन,सुब्बाराव भाई जी को 93वें जन्मदिन की ढेर सारि शुभकामनाएं दी है.उनका कहना है कि हम खुशनसीब है की आपका सानिध्य और आशीर्वाद मिला.उनका मानना है कि देश और दुनिया मे राष्ट्रीय एकता, अखंडता, भाईचारा, अहिंसा , विश्वबंधुत्व, समाज कार्य और परिवर्तन के लिये लाखों  नवजवानों को प्रेरित करने के लिये आपका योगदान सदैव याद रखा जायेगा.

 

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