आलोक कुमार
नई दिल्ली. लोकसभा में चंद्रयान-3 की सफलता पर जब चर्चा हो रही थी तो रमेश बिधूड़ी ने दानिश अली पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए उन्हें ‘ओए भड़वे… ओए उग्रवादी… ओए उग्रवादी… बोलने नहीं दूंगा, खड़ा होगा तो… कटुवे… ये आतंकवादी है, उग्रवादी है. ये मुल्ला आतंकवादी है, मुल्ले को बाहर देखूंगा मैं’ कहा था. इसके बाद से विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है और बिधूड़ी की सदस्य्ता रद्द करने की मांग कर रहा है.
'मुल्ले को बाहर देखूंगा मैं'.जो सच साबित होने लगा है.
बसपा सांसद दानिश अली ने कहा कि अब वे बाहर मेरी हत्या करना चाहते हैं. लोगों को उकसाना चाहते हैं. मेरे फोन पर भी धमकी भरे मैसेज आ रहे हैं.’
बीजेपी ने बसपा सांसद दानिश अली के खिलाफ असंसदीय भाषा के इस्तेमाल के लिए पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देश पर पार्टी सांसद रमेश बिधूड़ी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. पार्टी ने 15 दिनों के भीतर इसका जवाब देने को कहा है.
लोकसभा में बसपा सांसद दानिश अली के खिलाफ बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल किया था. फिलहाल ये मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. रमेश बिधूड़ी पर कार्रवाई की मांग को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है. इसी बीच बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से दानिश अली के अमर्यादित शब्दों और आचरण की भी जांच करवाने की मांग की है.
रविवार को दानिश अली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर निशिकांत दुबे के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि ‘मैं (लोकसभा) अध्यक्ष से अनुरोध करता हूं कि इसकी जांच होनी चाहिए, क्योंकि यह विशेषाधिकार हनन का एक और मामला है. मैं मांग करता हूं कि निशिकांत दुबे ने जो लिखा है उसके लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए. अगर निशिकांत दुबे जो कह रहे हैं वह सच है तो उसका वीडियो भी होना चाहिए. क्या ये सच है कि बीजेपी के सभी सांसद वहां बैठकर हंस रहे थे? इसका मतलब ये है कि वे पीएम के समर्थन में नहीं आये. उन्होंने अंदर तो मेरी वरबल लिंचिंग की. अब वे बाहर मेरी हत्या करना चाहते हैं. लोगों को उकसाना चाहते हैं. मेरे फोन पर भी धमकी भरे मैसेज आ रहे हैं.’
इस बीच कांग्रेस नेताओं ने राष्ट्रपति को प्रेषित ज्ञापन में कहा कि रमेश बिधूड़ी ने असंसदीय व्यवहार का परिचय दिया है वह भारतीय लोकतंत्र का इतिहास में कभी देखा और सुना नहीं गया है.न सिर्फ यह संसदीय लोकतंत्र की परंपराओं के खिलाफ था बल्कि देश के अल्पसंख्यक समुदाय को अपमानित करने का प्रयास था.जिस देश के अल्पसंख्यक समुदाय आहत भी हुआ है और आक्रोशित भी है. बिधूड़ी की इस हरकत से न सिर्फ लोकतंत्र का पवित्र मंदिर सांसद का अपमान हुआ है बल्कि दुनिया में भी देश की छवि खराब हो रही है.
कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मांग की कि रमेश बिधूड़ी की संसद सदस्यता रद्द की जाए. अक्सर सरकार के खिलाफ सरकार की नीतियों की आलोचना करने पर विपक्ष के सांसदों को लोकसभा से निलंबित कर दिया जाता है लेकिन भाजपा का एक सांसद जो लोकसभा में खुलेआम नक्सलीय नस्लीय टिप्पणी कर अल्पसंख्यक समुदाय को आतंकवादी कहकर संबोधित कर रहा है उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती. भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो इसीलिए बिधूड़ी के खिलाफ कार्रवाई जरूरी हो जाती है.
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