स्वामीनाथ शुक्ल
अमेठी,. अमेठी में 41 साल पुराने संजय गांधी अस्पताल की बुनियाद पूर्व प्रधानमंत्री स्व इंदिरा गांधी ने भरी थी. 350 बेड वाले अस्पताल में रोजाना आठ सौ के आसपास की ओपीडी है. लेकिन एक महिला की मौत के मामले में सोमवार को संजय गांधी अस्पताल का रजिस्ट्रेशन निलंबित हो चुका है. जिससे अस्पताल की सभी स्वास्थ्य सेवाएं मंगलवार से बंद हो गई है. संजय गांधी अस्पताल सीधे गांधी परिवार से जुड़ा है. इसकी अध्यक्ष यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी है. जिससे अस्पताल कैंपस में जगह-जगह सुरक्षा व्यवस्था के लिए पुलिस तैनात की गई है. साथ में कांग्रेस कार्यालय के बाहर भी सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है. कांग्रेस नेताओं का जमावड़ा शुरू हो गया है. चिकित्सालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अवधेश शर्मा ने बताया कि मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के आदेश पर अस्पताल का रजिस्ट्रेशन निलंबित किया गया है. अग्रिम आदेश तक अस्पताल की सभी स्वास्थ्य सेवाएं तत्काल प्रभाव से बंद कर दी गई है. अस्पताल का रजिस्ट्रेशन निलंबित होने के बाद सोनिया गांधी के प्रतिनिधि केएल शर्मा और प्रशासक मनोज मट्टू दिल्ली से अमेठी पहुंच गए हैं. केएल शर्मा ने कहा कि अस्पताल समाज की संपत्ति है. इसमें जाति बिरादरी और दल देखकर इलाज नहीं होता है. यह सभी के लिए है. अमेठी, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, रायबरेली, बाराबंकी आदि के मरीजों को कम पैसों में बेहतर तरीके से इलाज मुहैया कराया जाता है. इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. हमने भी मृतक आत्मा की शांति के लिए शोक सभा आयोजित की थी. मृतक परिवार के साथ कांग्रेस खड़ी हैं. बाकी सजा दोषी को मिलनी चाहिए. संस्था का क्या दोष है. इसी अस्पताल में कोरोना काल के दौरान भाजपा के जिम्मेदार लोगों की भी जान बचाई गई है. चूंकि अस्पताल सभी के लिए होता है. जबकि संजय गांधी अस्पताल के प्रशासक मनोज मट्टू ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग तीन महीने के अंदर जबाव देने के लिए नोटिस भेजा था. लेकिन तीन महीने की कार्रवाई तीन दिन में की है. इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे. बाकी रजिस्ट्रेशन का निरस्तीकरण बदले की भावना से कराया गया है. इसका जवाब अमेठी की जनता तय करेगी. जबकि मुख्यचिकित्सा अधीक्षक डॉ अंशुमान सिंह ने कहा कि सभी कार्यवाही नियमानुसार की गई है. मृतक महिला के परिजनों का आरोप था कि दिव्या शुक्ला 13 सितंबर को पथरी के आपरेशन के लिए भर्ती थी. बेहोशी का डोज ज्यादा होने से मौत हो गई. मौत के आरोप में आपरेशन से जुड़े तीन डाक्टरों और मुख्य कार्यकारी अधिकारी के खिलाफ मुंशीगंज थाने में मामला दर्ज कराया गया है. मौत की खबर सुर्खियों में आने के बाद उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक तीन सदस्यीय समिति से मामले की जांच कराई. समिति की जांच रिपोर्ट में दोषी पाए जाने पर अमेठी के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ अंशुमान सिंह ने 18 सितंबर को संजय गांधी अस्पताल का रजिस्ट्रेशन तत्काल प्रभाव से निलंबित खत अस्पताल प्रशासन को थमा दिए हैं. जिससे अस्पताल की सभी स्वस्थ सेवाएं बंद हो गई है. अस्पताल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अवधेश शर्मा ने बताया कि भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व इंदिरा गांधी 22 सितंबर 1982 को संजय गांधी अस्पताल की बुनियाद भरी थी. रोजाना 20 से 25 आपरेशन के साथ 33 साल से ओपीडी चल रही है. उन्होंने बताया कि 400 सौ से ज्यादा कर्मचारी तैनात हैं. हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ चेतन तिवारी ने बताया कि रोजाना आपरेशन के साथ डेढ़ दो सौ की ओपीडी करते हैं. जनरल सर्जन डॉ मोहम्मद रजा ने बताया कि रोजाना आपरेशन होते हैं. कभी किसी के साथ कोई दुर्घटना नहीं हुई है. कांग्रेस के पूर्व विधायक दीपक सिंह ने कहा कि स्मृति ईरानी बदले की भावना से काम कर रही है. अमेठी की सारी योजनाएं बंद करवाने में जुटी है. पेपर मिल, ट्रिपल आईटी आदि पहले ही छू मंतर कर चुकी हैं. अब संजय गांधी अस्पताल पर जुटी है. कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि अस्पताल के मामले में राहुल गांधी भी अमेठी आ सकते हैं.
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