किराए की हैं ये गोवा की कुर्सियां !

गोवा की आजादी में लोहिया का योगदान पत्रकारों पर हमले के खिलाफ पटना में नागरिक प्रतिवाद सीएम के पीछे सीबीआई ठाकुर का कुआं'पर बवाल रूकने का नाम नहीं ले रहा भाजपा ने बिधूड़ी का कद और बढ़ाया आखिर मोदी है, तो मुमकिन है बिधूड़ी की सदस्य्ता रद्द करने की मांग रमेश बिधूडी तो मोहरा है आरएसएस ने महिला आरक्षण विधेयक का दबाव डाला और रविशंकर , हर्षवर्धन हंस रहे थे संजय गांधी अस्पताल के चार सौ कर्मचारी बेरोजगार महिला आरक्षण को तत्काल लागू करने से कौन रोक रहा है? स्मृति ईरानी और सोनिया गांधी आमने-सामने देवभूमि में समाजवादी शंखनाद भाजपाई तो उत्पात की तैयारी में हैं . दीपंकर भट्टाचार्य घोषी का उद्घोष , न रहे कोई मदहोश! भाजपा हटाओ-देश बचाओ अभियान की गई समीक्षा आचार्य विनोबा भावे को याद किया स्कीम वर्करों का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न क्या सोच रहे हैं मोदी ?

किराए की हैं ये गोवा की कुर्सियां !

अंबरीश कुमार 

 कलंगूट समुद्र तट पर ये जो कुर्सियां पड़ी हैं इनपर घंटे भर बैठने का भाड़ा पचास से सौ रुपए है .सरकार ने समुद्र तट की बालू को भी बेच दिया है .होटल रिसार्ट बहुत ही महंगे होते जा रहे है .पानी की बोतल होटल में चालीस रुपए की मिलेगी और अच्छी व्हिस्की भी इसी दाम एक पैग .दारु सस्ती है .खाना महंगा होता जा रहा है .सबसे ज्यादा मनमानी आटो टैक्सी वालों की है .वे ओला उबर चलने भी नही दे रहे है .ज्यादा फ्लाईट का समय ऐसा रखा गया है कि होटल में बेवजह एक दिन की बुकिंग करानी 

पड़े  चेक आउट दिन में ग्यारह बजे होता है दो घंटा भी रुकना है तो पूरा भाड़ा पड़ेगा .और टैक्सी वालों जो पांच सौ रूपये नाइट चार्ज भी देना पड़े .अगर आप यह समझ कर आ रहे हैं कि इधर समुद्र के चलते मछली सस्ती होगी तो आप गलतफहमी में हैं 

.एक किलों भर की भुनी हुई बांगडा या मैकरेल हजार रुपए की तो टूना दो हजार की .रेड स्नैपर भी दो हजार के आसपास .बेहतर है अपने तरफ की ढाई सौ रुपए किलो वाली रोहू लौटकर खा लें .समुद्री व्यंजनों से दूर रहे .ज्यादा महंगे है .बीफ पोर्क का दाम पता ही नहीं किया .जो खाना नहीं उसकी क्या जानकारी लें .बेहतर है दक्षिण भारतीय वेज भोजन करे .या खुद बनाकर खाए हमने तो यही किया .

पहली बार गोवा करीब तीस साल पहले अकेले आया था वह भी पच्चीस दिसंबर के दिन .बिना किसी एडवांस बुकिंग के .जनसत्ता के दिल्ली संस्करण में था और मुंबई संस्करण के एक साथी जो सांसद बन गए उन्होंने मुंबई से टिकट आदि कराया था .शाम को पहुंचा .अकेले था और बहुत जानकारी नहीं थी .रात आठ बजे पता चला सारे होटल बुक हैं .सर्किट हाउस पहुंचा .एक सरदार जी प्रबंधक थे पर्यटन विभाग के .उनसे मिला और परिचय भी दिया .सिख विरोधी दंगों पर आलोक तोमर ने सरकार को उधेड़ रखा था .जनसत्ता  सिखों का लोकप्रिय अख़बार बन गया था .सरदार जी ने पंजाबी में कहा ,कोई न कोई व्यवस्था जरुर होगी .आधे घंटे बाद उन्होंने बुलाया और कहा ,देखिये सर्किट हाउस में सिर्फ एक कमरा खाली है .एमपी यानी मध्य प्रदेश के एक डीआईजी भी कमरा चाहते है पर यह एक दिन के लिए आपको दे रहे है .कल दिन में आपको कलंगूट बीच पर अपने पर्यटन के गेस्ट हाउस में दे देंगे .मै आशंकित था कि कहीं बहुत ज्यादा किराया तो नहीं पड़ेगा .वैसे यह मानकर आया था कि हजार रुपए तक कोई दिक्कत नहीं होगी .सरदार जी ने बताया कि सर्किट हाउस के कमरे का भाड़ा दस रुपए पड़ेगा और कलंगूट रेजीडेंसी का सी  फेसिंग रूम का एक सौ साठ रुपए .मै हैरान .सर्किट हाउस का कमरा भव्य और खाना भी बहुत सस्ते में ही हो गया .

  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :