ये लखनवी खरबूज़ है 'मिठवा'

गोवा की आजादी में लोहिया का योगदान पत्रकारों पर हमले के खिलाफ पटना में नागरिक प्रतिवाद सीएम के पीछे सीबीआई ठाकुर का कुआं'पर बवाल रूकने का नाम नहीं ले रहा भाजपा ने बिधूड़ी का कद और बढ़ाया आखिर मोदी है, तो मुमकिन है बिधूड़ी की सदस्य्ता रद्द करने की मांग रमेश बिधूडी तो मोहरा है आरएसएस ने महिला आरक्षण विधेयक का दबाव डाला और रविशंकर , हर्षवर्धन हंस रहे थे संजय गांधी अस्पताल के चार सौ कर्मचारी बेरोजगार महिला आरक्षण को तत्काल लागू करने से कौन रोक रहा है? स्मृति ईरानी और सोनिया गांधी आमने-सामने देवभूमि में समाजवादी शंखनाद भाजपाई तो उत्पात की तैयारी में हैं . दीपंकर भट्टाचार्य घोषी का उद्घोष , न रहे कोई मदहोश! भाजपा हटाओ-देश बचाओ अभियान की गई समीक्षा आचार्य विनोबा भावे को याद किया स्कीम वर्करों का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न क्या सोच रहे हैं मोदी ?

ये लखनवी खरबूज़ है 'मिठवा'

डा शारिक अहमद खान 

तस्वीर में नज़र आ रहा पीला खरबूज़ जिसके ऊपर हरी धारियाँ हैं ये लखनवी खरबूज़ है और इसका नाम है 'मिठवा'.ये लखनऊ के आसपास बोयी जाने वाली किस्म है.ये खरबूज़ कल हमने लिया था.दूसरी तस्वीर में नज़र आ रहा ब्राऊन खरबूज़ लखनऊ और फ़ैज़ाबाद में बोया जाता है.ये डस्क नस्ल का खरबूज़ है.ये बीते बरसों लाए थे.बदख़्शाँ-नेशापूर और वो दीगर मुल्क जो कभी रशियन सल्तनत का अंग रहे वहाँ से इसके बीज मुग़ल काल में आए जब तरबूज़ आया और यहाँ बोया जाने लगा.खरबूज़ों की इतनी किस्में आयी हैं और स्थानभेद से इंडिया में लगीं कि खरबूज़ स्थानभेद से रंग बदलते हैं,तमाम किस्मों के हैं.खरबूज़ के बीज भी बहुत फ़ायदेमंद होते हैं.बहुत से लोग इन्हें धूप में सुखाकर शीशी में रखते हैं.ये खिचड़ी में भी पड़ते हैं.हाई ब्लडप्रेशर को कम करते हैं.किडनी साफ़ करते हैं.विटामिन सी और पोटेशियम से युक्त होते है.टमी के  लिए लाभदायक हैं.खरबूज़ के बीजों में बीटा कैरोटिन होता है,विटामिन ए भी होता हैं,आँखों को चौचक रखते हैं.हम बचपन में इसके बीज सुखाकर तो नहीं रखते थे लेकिन इसके गीले बीजों के गोले को मोहल्ले के एक पिनपिने नमाज़ी बूढ़े को खींचकर मारते और भाग लेते.फिर बुढ़ऊ हंगामा करते कि किसने बीज खींचकर मारे,उन्हें पता नहीं चलता.हम शैतान बालक थे.हम मस्जिद में सजदे में निहुरे नमाज़ियों के हिपों पर भी खरबूज़ के बीज खींचकर मारते और भाग लेते.नमाज़ी बाद में चकल्लस करते कि ये किसका काम है.अमूमन वो इसे किसी जनसंघी हिंदू का काम मानते.एक बार तो हमने रोज़ा खोलने बैठे रोज़ेदारों का रोज़ा एक बूढ़े जनसंघी वकील की आवाज़ में नकली अज़ान देकर तोड़वा दिया,हम आवाज़ें बदलकर बोलने में माहिर थे,जिसकी आवाज़ एक बार सुन लेते,ठीक वैसी निकाल लेते.तो उन दिनों लाइट बहुत कटती,बैटरी भी हमेशा चार्ज नहीं रहती,अज़ान बिना लाउडस्पीकर ही कई बार होती.उन दिनों वो एक बुढ़ऊ वकील जो जनसंघी थे वो मोहल्ले में रहते थे.अब हमने उस दिन वकील की आवाज़ निकाल तेज़ आवाज़ में असली अज़ान से पहले नकली अज़ान दे दी कि 'अल्लाह हु अकबर अल्लाह हु अकबर'.जैसे ही रोज़ेदारों ने अज़ान सुनी,बिना कुछ सोचे समझे उसे असली अज़ान समझ लप्प से रोज़ा खोल लिया.अब हम तो रोज़ेदारों की छत पर ही बैठे थे,एक छत से दूसरी छत होते हुए वहाँ गए थे,अब हमने छत से खरबूज़ के बीज फेंककर रोज़ेदारें को मारे और नकली अज़ान बंद कर भाग गए.आवाज़ वकील की हमने निकाली थी इसलिए सबने इसे उसी जनसंघी वकील का कारनामा माना.बड़ा बवाल हुआ,सबने कहा कि ये जनसंघी तो अब इतनी नीच हरकत पर उतर आया कि नकली अज़ानें देने लगा.इन सबों की मीटिंग सुबह होती है,ये बुड्ढा वहीं से सीखकर आया होगा कि मुसलमानों को ऐसे परेशान करो,नकली अज़ानें दो,ताकि इनका रोज़ा ख़राब हो.अब सब वकील के यहाँ झगड़ा करने पहुंचे.वहाँ उनके घर के लोगों ने बताया कि दादाजी तो कई दिनों से हाईकोर्ट गए हैं,यहाँ हैं हीं नहीं.मोहल्ले के दूसरे मुसलमानों ने भी इस बात की पुष्टि की.अब सब हैरान कि आवाज़ तो वकिलवा की ही थी,ये कैसे संभव है.किसी मुसलमान ने अब उन लोगों से कहा कि साहब जिन्नातों की अज़ान रही होगी.उनकी भी तो अज़ानें होती हैं.

ये अलग कि इंसान को सुनाई नहीं देतीं.आप लोगों की किस्मत अच्छी है कि आप लोगों को सुनाई पड़ी.ये सुन सबने कहा कि लेकिन जिन्नातों की आवाज़ और वकिलवा की आवाज़ एक जैसी कैसे,खरबूज़ के बीज भी फेंककर मारे,क्या जिन्न खरबूज़ भी खाते हैं.अब किसी ने कहा कि ग़लतफ़हमी हुई होगी,आवाज़ अलग होगी,और साहब जिन्न क्यों नहीं खरबूज़ खाते,अच्छे-अच्छे खाते हैं,वो तो अपने लिए प्यारे-प्यारे से बढ़िया खरबूजे़ पहले ही छांट लेते हैं.भेस बदलकर घूमते हैं साहब,भेस बदलकर,बिल्कुल इंसान लगते हैं.आप में से किसी ने कोई ग़लत काम रोज़े में किया होगा,तभी जिन्नों ने खरबूज़ के बीज फेंककर मारे.अब सब लोग इसी बात पर सहमत हो गए.अब हमने सबको देख मन में कहा कि आई ला खल्लास.आई ला खल्लास.धुर धुर धुर धुर्तास.आई ला खल्लास,अहो खल्लास अहो खल्लास.धुर धुर्तास,धुर धुर्तास.आई ला खल्लास,आई ला खल्लास.

  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :