छह साल बाद मंच पर लालू प्रसाद यादव

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छह साल बाद मंच पर लालू प्रसाद यादव

आलोक कुमार 

पटना. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सह राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव करीब 6 साल बाद किसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिये.दिसंबर 2017 में चारा घोटाले से जुड़े एक केस में दोषी पाए जाने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था. तीन साल बाद यानी 2021 में उन्हें झारखंड हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी. उसके बाद से वे लगातार बीमार रहने लगे.वे कहते है कि अब मैं फिट हूं…अब मोदी को बढ़िया से फिट करना है..

     उन्होंने अपने आठ मिनट के भाषण में लालू ने कहा- अब मैं फिट हूं. अब बढ़िया से नरेंद्र मोदी को फिट करना है और भाजपा को.बता दें कि पटना में विपक्षी दलों की जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में सभी नेता ने अपनी-अपनी बात रखी, लेकिन हमेशा की तरह महफिल लूट ले गए लालू प्रसाद यादव.

   राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव फिट होने और महफिल लूटने के बाद भाकपा-माले के राष्ट्रीय महासचिव कॉमरेड दीपंकर भट्टाचार्य के नेतृत्व में माले नेताओं की एक टीम ने राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री लालू प्रसाद जी से मुलाकात की और ताजा राजनीतिक परिस्थिति पर चर्चा की. टीम में माले राज्य सचिव कुणाल, पोलित ब्यूरो के सदस्य धीरेन्द्र झा, वरिष्ठ नेता केडी यादव, विधायक दल के नेता महबूब आलम और रामबलि सिंह यादव शामिल थे. 

लालू प्रसाद ने देश में लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए बिहार से विपक्षी एकता के हुए शंखनाद में भाकपा-माले की भूमिका की सराहना करते हुए माले से विशेष उम्मीद जताई.      माले महासचिव ने कहा कि भाजपा के खिलाफ़ बिहार ने एक सकारात्मक संदेश दिया है. 23 जून की बैठक से विपक्षी एकता को नई गति मिलेगी. उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में महागठबंधन और ज्यादा एकताबद्ध होकर भाजपा के खिलाफ़ चल रहे आंदोलनों को नया विस्तार और नई गति देगा. 

       वार्ता में यह भी चर्चा हुई कि महागठबंधन सरकार को जनता की समस्याओं पर सकारात्मक विचार करना चाहिए और  यथोचित कारवाई भी करनी चाहिए. शिक्षक नियमावली को लेकर शिक्षक आंदोलित हैं. गरीबों- दलितों को उजाड़ने की प्रक्रिया अब भी जारी है. आशा सहित अन्य स्कीम वर्कर न्यूनतम मानदेय को लेकर संघर्षरत हैं. ऐसे कई मुद्दे हैं जिन्हें बिहार सरकार को डील करना है. हमारी मांग है कि सरकार शिक्षक संगठनों से वार्ता कर जारी गतिरोध को खत्म करे.  यदि सरकार उपर्युक्त मुद्दों के प्रति सकारात्मक होती है तो महागठबंधन को और भी ताकत मिलेगी. भाकपा- माले ने इन मसलों पर लालू जी से हस्तक्षेप करने की अपील भी की.

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