पप्पुओं की बारात और महुआ मोइत्रा का सवाल ?

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पप्पुओं की बारात और महुआ मोइत्रा का सवाल ?

अब बताइए, पप्पू कौन? 

संजय कुमार सिंह 

तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने मंगलवार को लोकसभा में अनुपूरक अनुदान की मांग पर अपना पक्ष रखते हुए एक सवाल को केंद्र में रखा, पप्पू कौन? अंग्रेजी में उनके इस भाषण में कई सवाल, कई आंकड़े और हाल के चुनाव नतीजे के रूप में तथ्य थे और इन तथ्यों को रखते हुए उन्होंने बाकायदा कहा कि वे बार-बार पूछेंगी कि पप्पू कौन है.  तथ्यों के आलोक में, यह उनके भाषण का अंदाज था - ये रहा तथ्य, अब बताइए पप्पू कौन है? 

वे पूछ नहीं रही थीं, बिना नाम लिए बता रही थीं कि ऐसा हुआ है, इस तथ्य के आलोक में फलाना पप्पू है या हुआ कि नहीं? लेकिन पार्टी विशेष के लोगों की आदत है, मौके पर चुप रहेंगे पर जब नहीं बोलना हो तो जरूर बोलेंगे.  इस बार भी निर्मला सीतारमन ने जवाब दिया है.  हालांकि उसमें कुछ है नहीं, ही खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे.  उसपर आने से पहले सवाल को ठीक से समझ लेना चाहिए क्योंकि वह सवाल है ही नहीं, वह तंज है और बाकायदा है.  जगदंबिका पाल जैसे सांसद इसे समझ नहीं पाए और जवाब में जो कहा उसे रिकार्ड से निकाल दिया गया इसलिए मैं लिख नहीं रहा हूं.  लेकिन, पप्पू कौन?

बजट अनुमानों से ज्‍यादा धन की जरूरत बताने पर महुआ मोइत्रा ने कहा कि 'सरकार और सत्‍ताधारी पार्टी ने पप्‍पू शब्‍द का आविष्‍कार किया.  आप इसका इस्‍तेमाल अपमानित करने और घोर अक्षमता जताने के लिए करते हैं. ' सरकार कहती है, दुनिया के एफआईआई का 15 प्रतिशत हिस्सा भारत आ रहा है.  लेकिन सच्चाई यह है कि सदन में दी गई जानकारी के अनुसार, इस साल के शुरुआती 10 महीनों में 1.82 लाख लोगों ने देश छोड़ दिया.  आखिर देश के अमीर लोग पुर्तगाल और सेनेगल जैसे देशों की नागरिकता क्यों ले रहे हैं? इसके लिए वे करोड़ों रुपये भी क्यों खर्च कर रहे हैं.  पप्पू कौन? 

महुआ मोइत्रा ने सदन में वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण के बयान का भी हवाला दिया और कहा, 'वित्‍त मंत्री ने कल हमारे बारे में कहा कि हम विदेश के दुश्‍मन हैं और हमारे भीतर जलन की भावना है. ' सांसद ने कहा कि सरकार से सवाल पूछना विपक्ष का अधिकार है और उन्हें सुनना उसका राजधर्म है.  मोइत्रा ने कहा कि सीतारमण 'खिसियानी बिल्‍ली' की तरह व्‍यवहार कर रही हैं.  महुआ मोइत्रा ने इस दौरान ईडी की रेड पर भी सवाल उठाए.  उन्होंने कहा कि अब तक की 1800 रेड में से दोषी पाए गए लोगों की संख्या महज 0.5 फीसदी ही है.  पप्पू कौन?  

आपको लगता है कि आप देश को डरा पाएंगे... बार-बार चुनाव जीतते चले जाएंगे लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है.  आपने अभी तीन राज्‍यों में चुनाव लड़ा.  पूरी ताकत, पूरे संसाधनों के साथ... जीता सिर्फ एक राज्‍य.  सत्‍ताधारी पार्टी के अध्‍यक्ष अपना गृह राज्‍य तक नहीं बचा सके.  पप्‍पू कौन है? मोइत्रा ने आंकड़ों के जरिए भी बार-बार यही सवाल उठाया कि 'असली पप्‍पू कौन है. ' समझने वाले समझ गए लेकिन जिसकी लाठी उसकी भैंस में यकीन करने वाले कोशिश में लगे हैं.  

कहने की जरूरत नहीं है कि भक्त किस्म के लोगों ने महुआ के सवाल तो सुने नहीं पर निर्मला के जवाब का वीडियो फॉर्वार्ड कर रहे हैं.  अखबारों में अमूमन खबर होती नहीं है या होती भी है तो पूरी बात नहीं बताई जाती इसलिए वे बेचारे पप्पू के पप्पू बने हुए हैं और कोई मान भी नहीं रहा है.  हालत यह है कि सरकार के विरोधियों को गिरफ्तार करने के लिए एजेंसी के लोगों ने पीड़ित के कंप्यूटर में सबूत प्लांट करवाए हैं और अब वह सब पकड़ा जा रहा है अखबारों को छापना पड़ रहा है. 

ऐसे माहौल में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने जगदंबिका पाल को महुआ मोइत्रा के आरोप समझ में नहीं आए और उन्होंने जो कहा उसे रिकार्ड से निकाल दिया गया.  लेकिन हमला तो मुख्य रूप से निर्मला सीतारमन पर था और खिसियानी बिल्ली का उदाहरण भी.  तो खंभा नोचा ही जाना था (हालांकि मंत्री पद का सम्मान होता है और उसे उन्हें ही बचाना था).  पर उन्होंने जो कहा वह उनके समर्थकों को पसंद आया, लोग वीडियो फॉर्वार्ड कर रहे हैं.  द टेलीग्राफ ने भी पहले पन्ने पर खबर छापी है.  हालांकि यहां महुआ मोइत्रा का भाषण भी छपा था.  

निर्मला जी ने ये नहीं बताया कि पप्पू कौन है लेकिन यह जरूर कहा है कि पप्पू पश्चिम बंगाल में मिलेंगे.  उनका यह जवाब कितना गंभीर है या गंभीरता से लेने लायक - यह मैं नहीं जानता.  मेरी राय में वित्त मंत्री को ऐसे जवाब देने की जरूरत नहीं थी.  उनका राजधर्म है शिकायत सुनना.  किसी पप्पू ने उनसे यह जवाब देने के लिए कहा हो तो अलग बात है.  अखबारों से अब यह सब समझ में नहीं आता है.  अखबारों का क्या है जो संसद की कार्यवाही से निकाल दिया गया उसे भी छाप दिया है.    ऐसे में महुआ मोइत्रा ने ठीक ही कहा, पंगा नहीं लेने का लेकिन उनकी समझ में आए तब ना, जिनके लिए कहा गया है.  वे तो लठैती करते दिख रहे हैं. फोटो साभार सोशल मीडिया 


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