स्मृति ईरानी ने कोई अपराध नही किया है !

गोवा की आजादी में लोहिया का योगदान पत्रकारों पर हमले के खिलाफ पटना में नागरिक प्रतिवाद सीएम के पीछे सीबीआई ठाकुर का कुआं'पर बवाल रूकने का नाम नहीं ले रहा भाजपा ने बिधूड़ी का कद और बढ़ाया आखिर मोदी है, तो मुमकिन है बिधूड़ी की सदस्य्ता रद्द करने की मांग रमेश बिधूडी तो मोहरा है आरएसएस ने महिला आरक्षण विधेयक का दबाव डाला और रविशंकर , हर्षवर्धन हंस रहे थे संजय गांधी अस्पताल के चार सौ कर्मचारी बेरोजगार महिला आरक्षण को तत्काल लागू करने से कौन रोक रहा है? स्मृति ईरानी और सोनिया गांधी आमने-सामने देवभूमि में समाजवादी शंखनाद भाजपाई तो उत्पात की तैयारी में हैं . दीपंकर भट्टाचार्य घोषी का उद्घोष , न रहे कोई मदहोश! भाजपा हटाओ-देश बचाओ अभियान की गई समीक्षा आचार्य विनोबा भावे को याद किया स्कीम वर्करों का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न क्या सोच रहे हैं मोदी ?

स्मृति ईरानी ने कोई अपराध नही किया है !

चंचल 

एक सच छुपाने के लिए , अनगिनत झूठ बोलने के अलावा स्मृति जुबिन  ईरानी  ने कोई अपराध नही किया है .दूसरी तरफ़ कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने  एक हक़ीक़त की  ऐसी गोपनीयता को भंग कर  दिया है , जिसपर ईरानी की पार्टी हिंदुत्व का ढक्कन लगा रखा था .और अपनी सुचिता की  नक्कासी बनाता फिरता था .   कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने निहायत  अदब से  , गोवा के पॉश इलाक़े में चल  रहे एक कैफ़े का ज़िक्र किया क़ि वह बग़ैर लाइसेंस के “ बार “ चलाया जा  रहा है , वह जोईश ईरानी का है .और जोईश ईरानी केंद्रीय मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी की बेटी है . बहुत छोटा सा आरोप था - कैफ़े के पास शराब परोसने का लाइसेंस नही था .  स्मृति जी को यह मान लेना चाहिए था और जवाब दे देती लाइसेंस ले लिया जायगा .

   गोवा में कैफ़े खोलना जुर्म नही है , कैफ़े में शराब परोसना  जुर्म  नही है , हाँ ! लाइसेंस ले लेना चाहिए था और स्मृति ईरानी के लिए गोवा में लाइसेंस एक इशारे पर मिल जाता .गोवा में भाजपा की सरकार है , दूसरे स्मृति ईरानी के जलवे से पूरा गोवा  परचित है .अभी कितने दिन  हुए जब गोवा में फैबइंडिया के शोरूम में स्मृति जी ने हंगामा कर दिया था क़ि इसके “ चेंज रूम “ जहां महिलाएँ कपड़ा बदलती हैं कैमरा लगा हुआ है .इस हंगामे से फ़ायदा दोनो का हुआ .फैबइंडिया चर्चा में आ गया और स्मृति ईरानी का रुतबा   बढ़ गया . 

  बहरहाल स्मृति ईरानी यहाँ चूक गयी .कहनेवाले कहते हैं स्मृति जुबिन ईरानी राजनीति में बाद में आयी , ग्लैमर की दुनिया उनकी पहली पसंद है .गैलमर का स्वभाव है ढकना और ढकना मेकअप  कहा जाता है .गड्ढे , धब्बे , निशान , खरोंच सब को मेकअप धता बता कर ग्लैमर खड़ा करता है और राजनीति ? जितना छुपाओगे , उतना ही खुलेगा , मैकियाबेलि गुर बताता है - आरोप स्वीकार कर लो , धब्बे , गड्ढे , निशान सब दिखा दो , सब खुला रखो .' फाल्स पैराडाइज ' मत बनाओ .शीशे के महल को पनाहघर मत बनाओ .एक बार चिटक  गया तो नंगे हो जाओगे .इसलिए जो हो उसे खुला रखो .राजनीति  में बीमारी भी गोपनीय नही रखनी चाहिए .सियासत में बापू इसका सबसे बड़ा उदाहरण है , उनकी आत्म कथा दुनिया की बेहतरीन आत्मकथा की सूची में यूँ ही  नही आयी है .सुभाष चंदबोस , डॉक्टर लोहिया , अटल बिहारी वाजपायी , ज़ार्ज़ फ़र्नांडिस , अनेक नाम हैं .अटल  कभी यह छुपाया की वे शराब नही पीते या मांस मछली नही खाते या मोहब्बत नही करते ? सियासत में अनेक उदाहरण है .   आरोप इतना संगीन लगता है की लोग सम्भावित आशंकाओं से भर जाते हैं , लेकिन स्वीकारोक्ति की ताक़त देखो , जवाब सुनते ही हंसते हंसते लोटपोट हो जाओगे .एक वाक़या है - बाबू जगजीवन राम पर टैक्स चोरी  का आरोप लगा .लम्बी  बहस  चली .  सदन में बाबू जी ऊँघते रहे , जवाब देने खड़े हुए तो कुल दो सतर बोले - भूल हो गयी होगी , कल जमा हो जायगा .स्मृति जी ! क्यों ढकने लगी आरोप को .कांग्रेस की मीडिया से भाजपा का आदमी हटाया जा चुका है. 

 अब ये जयराम  रमेश जी हैं .ज़हीन इंसान और  बी टेक हैं .देहतर अर्थशास्त्री हैं .कांग्रेस के तपे तपाए लोग हैं इनका ग्लैमर इनका ज्ञान है , हिमालय क्रीम और संखिया पावडर नही .कांग्रेस का सौदर्य बोध और व्यक्तित्व महँगे लिबास और महकते साबुन से नही नापा जाता .इनका सौदर्य बोध समाज की आख़िरी सीढ़ी पर बैठे मजबूर और मज़लूम को ऊपर उठाने से सजता है .ये माफ़ भी करना जानते हैं .आप तो महिला है क्यों झूठ बोलने लगी ? कांग्रेस के लोग गाँव गाँव बैठे हैं .आपने घुड़की दी पवन जी ने दूसरा पन्ना खोल दिया की स्मृति ईरानी का एक  मकान गोवा में भी है , 65 लाख में ख़रीदा गया बताया गया है असल क़ीमत क्या होगी पब्लिक जाने .आपकी बेटी को सुअर का मांस पसंद है , खाए क्या  हर्ज है ? यह तो  कोई अपराध नही है .आपका मंत्री गो मांस खाता है , किसने टोका उन्हें मत खाओ ? गोवा के खानपान में पूरोत्तर के राज्यों की तरह गोमांस पर कोई प्रतिबंध नही है .न संविधान  में न क़ानून में .तो आप क्यों सफ़ाई पर उतर आयीं ? इसलिए क़ि आप जिस पार्टी में हैं वही ड्रेस कोड बनाती है , जनता क्या खाए , इसका मीनू तय करती है .पब में लड़कियाँ न शराब पिएँ न पिलाएँ आपकी पार्टी तय करती है .आपकी पार्टी तय करती है मोहब्बत किससे और कब करो ! आप अपना बचाव नही कर रहीं हैं , पार्टी को सफ़ाई दे रही  हैं .जितना उलझेंगी उतने ही  पर्दे उठेंगे .मध्यप्रदेश के उमरायी गाँव ( बजार ) में जुबिन साहब के ज़मीन का सवाल भी आ रहा  है .और दिलचस्प ये है कि ये सब घटनायें उसके खाते में जा  रही  हैं जो मर  चुके हैं .वे आपको लाइसेंस भी देते हैं ज़मीन और कैफ़े भी ?

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