फ़ज़ल इमाम मल्लिक
सारे चुनाव निपट गए हैं. बिहार में भी और दूसरे प्रदेशों में भी. भाजपा चुनाव के निपटने के इंतजार में ही थी. नीतीश सरकार में शामिल अपने कई मंत्रियों को अब वह हटा कर दूसरों को मौका देगी. नीतीश कुमार मंत्रिमंडल में फेरबदल लंबे समय से लटका पड़ा था. यूपी में चुनाव नहीं होता तो पिछले साल के अंत में ही नीतीश सरकार से भाजपा के कई मंत्रियों की छुट्टी हो गई होती लेकिन भाजपा ने यूपी चुनाव तक किसी तरह के छेड़छाड़ से परहेज किया. लेकिन अब फेरबदल जल्द ही होने के आसार हैं. नीतीश कुमार अपने कोटे के एकाध मंत्री की छुट्टी जरूर करेंगे लेकिन ज्यादातर भाजपा कोटे के मंत्री ही पैदल होंगे. दरअसल भाजपा 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी के नजरिए से अपने नाकारा मंत्रियों की छुट्टी करने के मूड में है. भाजपा जिन मंत्रियों को हटाने पर विचार कर रही है उनका प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा है. नीतीश सरकार के गठन हुए करीब डेढ़ साल हो चुके हैं. भाजपा को अब लगता है कि लोकसभा चुनाव में जनता को हिसाब भी देना है. लिहाजा कैबिनेट में बेहतर काम करने वाले मंत्रियों को ही जगह दी जाएगी. भाजपा सूत्रों की मानें तो दोनों उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और रेणू देवी के साथ-साथ जीवेश मिश्रा, आलोक रंजन झा, अमरेंद्र प्रताप सिंह, सुभाष सिंह, रामप्रीत पासवान, नारायण प्रसाद और रामसूरत राय की कुर्सी खतरे में है. कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह को अधिक उम्र होने की वजह से कुर्सी गंवानी पड़ सकती है तो स्वास्थ्य कारणों से सहकारिता मंत्री सुभाष सिंह मंत्रिमंडल छोड़ सकते हैं. वे गंभीर बीमारी से जूझ हैं और लगातार उनका इलाज चल रहा है.. बोचहा उपचुनाव में हार के लिए राम सूरत राय को ही ज़िम्मेदार माना जा रहा है. भाजपा के कई नेताओं का कहना है कि विधानसभा के अध्यक्ष विजय सिन्हा के काम करने के तरीके से पार्टी खुश नहीं है और उनकी भी अध्यक्षपद से छुट्टी हो सकती है. हालांकि हाल ही में विजय सिन्हा दिल्ली गए थे और गृह मंत्री अमित शाह सहित शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की थी. ऐसा माना जा रहा है कि वे अपनी कुर्सी बचाने के लिए ही दिल्ली गए थे. लेकिन उनकी कुर्सी बचेगी लगता नहीं है. उनके मंत्री बनाए जाने की चर्चा है. मंत्रिमंडल फेरबदल में भाजपा सामाजिक और जातिगत समीकरण के साथ-साथ बेहतर कामकाज पर अपना फोकस रखेगी. भाजपा कोटे से जिन नए चेहरों को नीतीश मंत्रिमडल में जगह मिल सकती है, उनमें नीतीश मिश्रा, देवेश कुमार, देवेश कांत, राजू सिंह, सुवर्णा सिंह या राणा रणधीर सिंह की चर्चा है. चर्चा तो केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय की भी मंत्री बनने की है लेकिन वे बिहार की राजनीति में आना चाहेंगे, लगता नहीं है.इनके अलावा नवल किशोर यादव व कृष्ण कुमार ऋषि के नाम की भी चर्चा है. चर्चा तो यह भी है कि कई मंत्रियों के विभागों में भी फेरबदल किया जाएगा. जदयू कोटे से जयंतराज कुशवाहा का जाना तय माना जा रहा है. संभावना व्यक्त की जा रही है कि उनकी जगह उपेंद्र कुशवाहा को मंत्री बनाया जा सकता है फिलहाल नीतीश मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित कुल 31 मंत्री हैं. इसमें भाजपा के 16 और जदयू के 15 मंत्री हैं. विधायकों की संख्या के हिसाब से 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं. ऐसे में पांच और मंत्री बनाया जा सकता है. मुकेश साहनी की बर्खास्तगी के बाद एक सीट खाली हुई है. यानी छह मंत्रियों की जगह खाली है.
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