रेणुका और रामविचार में वर्चस्व की लड़ाई

गोवा की आजादी में लोहिया का योगदान पत्रकारों पर हमले के खिलाफ पटना में नागरिक प्रतिवाद सीएम के पीछे सीबीआई ठाकुर का कुआं'पर बवाल रूकने का नाम नहीं ले रहा भाजपा ने बिधूड़ी का कद और बढ़ाया आखिर मोदी है, तो मुमकिन है बिधूड़ी की सदस्य्ता रद्द करने की मांग रमेश बिधूडी तो मोहरा है आरएसएस ने महिला आरक्षण विधेयक का दबाव डाला और रविशंकर , हर्षवर्धन हंस रहे थे संजय गांधी अस्पताल के चार सौ कर्मचारी बेरोजगार महिला आरक्षण को तत्काल लागू करने से कौन रोक रहा है? स्मृति ईरानी और सोनिया गांधी आमने-सामने देवभूमि में समाजवादी शंखनाद भाजपाई तो उत्पात की तैयारी में हैं . दीपंकर भट्टाचार्य घोषी का उद्घोष , न रहे कोई मदहोश! भाजपा हटाओ-देश बचाओ अभियान की गई समीक्षा आचार्य विनोबा भावे को याद किया स्कीम वर्करों का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न क्या सोच रहे हैं मोदी ?

रेणुका और रामविचार में वर्चस्व की लड़ाई

कही-सुनी 
रवि भोई 
कहते हैं सरगुजा संभाग में भाजपा पर कब्जे के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह और राज्यसभा सांसद और पार्टी के वरिष्ठ नेता रामविचार नेताम के बीच वर्चस्व की लड़ाई चल रही है. चर्चा है कि जिस बैठक में  रेणुका सिंह जातीं हैं, उसमें रामविचार नेताम नहीं जाते हैं और जिस बैठक में नेताम रहते हैं , वहां रेणुका नहीं जाती हैं या फिर दोनों एक-दूसरे के जाने का इंतजार करते हैं. अब सूरजपुर जिले के प्रेमनगर नगर पंचायत चुनाव की घोषणा हो चुकी है. अगले महीने चुनाव होना है. प्रेमनगर विधानसभा से रेणुका सिंह विधायक रह चुकी हैं. वह उनकी परंपरागत सीट है. माना  जा रहा है कि प्रेमनगर नगर पंचायत चुनाव की कमान रेणुका ही संभालेंगी, पर सूरजपुर जिला भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल गोयल से उनकी दूरी क्या गुल खिलाएगा, यह देखना होगा ? खबर है कि गोयल द्वारा अब तक बुलाई गई बैठकों से रेणुका ने अपने को अलग रखा है. चुनावी बैठकों में क्या नजारा रहता है, लोगों को उसका इंतजार है. गोयल को संघ और रामविचार नेताम का करीबी माना जाता है. कहा जाता है कि रेणुका के विरोध के बाद भी गोयल जिला अध्यक्ष बनने में कामयाब रहे थे. 

छत्तीसगढ़ कांग्रेस में नए नारे की गूंज 

"नाम नहीं, काम बोले, तो हर कोई मोहन मरकाम बोले." यह नारा आजकल छत्तीसगढ़ कांग्रेस में खूब गूंज रहा है. कहते हैं पिछले दिनों प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम के बिलासपुर संभाग के दौरे में जगह-जगह यह नारा पार्टी के लोगों ने लगाया. 2018 के विधानसभा चुनाव में बिलासपुर संभाग में कांग्रेस को कम सीटें मिली थी. मरकाम कांग्रेस के खाते में नहीं आई सीटों पर जा-जाकर कह रहे हैं , इस बार पैराशूट वाले प्रत्याशी नहीं होंगे. मरकाम के इस बात पर कांग्रेसी तालियां बजा रहे हैं.  कहा जा रहा है बिलासपुर जिले में अब कांग्रेस की राजनीति बदल गई है.  जिला अध्यक्ष के बदल जाने से हवा का रुख भी बदल गया है. पर हकीकत तो 2023 के विधानसभा चुनाव में ही पता लगेगा ? 

महिला नेत्री पर फूटा गुस्सा 

कांग्रेस के जन-जागरण अभियान की समीक्षा बैठक में रायपुर जिला कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश दुबे द्वारा एक महिला नेत्री को फटकार बड़ी चर्चा में है. कहते है महिला नेत्री एक इलाके का रिपोर्ट बता रही थी , तब जिलाध्यक्ष उस पर भड़क गए. खबर है कि जिलाध्यक्ष के गुस्से ने महिला नेत्री के आँखों में आंसू ला दिया.बैठक में मौजूद प्रदेश महामंत्री और दूसरे नेताओं ने महिला नेत्री को पुचकारा और जिलाध्यक्ष को पाठ पढ़ाया.  कहा जाता है कि महिला नेत्री किसी समय नगर निगम सभापति प्रमोद दुबे की समर्थक रही है और अब विधायक विकास उपाध्याय से जुड़ गई हैं. माना जाता है कि गिरीश दुबे को जिला अध्यक्ष बनवाने में प्रमोद दुबे का बड़ा हाथ है. वैसे कभी प्रमोद दुबे और विकास उपाध्याय भी एक थे. यह तो राजनीति है.  राजनीति में समीकरण बनते और बिगड़ते रहते हैं. महिला नेत्री का आंसू कोई रंग लाएगा क्या,इसका कांग्रेसियों को इंतजार है. 

सरगुजा के कांग्रेसियों में सिर फुटौव्वल 

कहते हैं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव और खाद्यमंत्री अमरजीत भगत की राजनीतिक लड़ाई में सरगुजा के कांग्रेसियों में सिर फुटौव्वल जैसा माहौल बन गया है. युवक कांग्रेस के अध्यक्ष अजय सिंह और कुछ अन्य कांग्रेसियों की शिकायत पर जिला प्रशासन और फूड एंड सेफ्टी विभाग के अफसरों ने कांग्रेस पिछड़ा वर्ग के जिला अध्यक्ष लक्ष्मी गुप्ता के वाटर बाटलिंग प्लांट पर गुणवत्ताविहीन पानी बेचने के आरोप में छापा मार दिया. लक्ष्मी गुप्ता खाद्यमंत्री अमरजीत भगत के खास माने जाते हैं, तो अजय सिंह का नाता टीएस सिंहदेव से होना बताया जा रहा है. फूड एंड सेफ्टी विभाग स्वास्थ्य महकमे के अधीन आता है , जिसके मंत्री टीएस सिंहदेव हैं. छापे के बहाने सरगुजा में कांग्रेस की राजनीति गरमाई हुई है. 

नौकरी पुलिस की, डेप्युटेशन परिवहन में 

कहते हैं एक डीएसपी साहब रिटायमेंट के बाद परिवहन विभाग में संविदा में अपनी सेवाएं देना चाहते हैं. कहा जा रहा है कि डीएसपी साहब 30 नवंबर को रिटायर होने वाले हैं , पर रिटायरमेंट के पहले ही उन्हें सविंदा में नियुक्ति देने की फाइल दौड़ने लगी.  खबर है कि मंत्रालय स्तर पर कुछ लोगों ने फ़ाइल में रिवर्स गेयर लगा दिया. फ़ाइल में लिख दिया पुलिस वाले को पुलिस विभाग ही संविदा पर रखे.  अब परिवहन मंत्री पर सबकी निगाह है. वैसे भी कांग्रेस राज में किसी को संविदा पर न रखने की बात करते -करते सचिव और संचालक के पद पर संविदा वाले विराजमान हैं. तो भला डीएसपी साहब ने कोशिश कर कौन सा अपराध कर लिया. कहते हैं न कोशिश करने वालों की हार नहीं होती. 

नान कांड की सुनवाई और एसजी 

नान घोटाले की सुनवाई में 23 नवंबर को देश के सालिसिटर जनरल तुषार मेहता की अनुपस्थिति चर्चा में है. कहते हैं सालिसिटर जनरल ने ही इस मामले में तत्काल सुनवाई की मांग सुप्रीम कोर्ट से की थी, लेकिन वे ही अनुपस्थित रहे. सालिसिटर जनरल की अनुपस्थिति में असिस्टेंट सालिसिटर जनरल ने पैरवी की.  नान कांड को लेकर छत्तीसगढ़ के दो व्यूरोक्रेट के भाग्य का फैसला होना 
है , इस कारण यहां के लोगों की दिलचस्पी है. कहते हैं अब एक हफ्ते बाद मामले की सुनवाई होगी. नान का मामला चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बैंच में है| 
एसटी आयोग के अध्यक्ष चुनाव पर्यवेक्षक 

कांग्रेस द्वारा कोरिया जिले के शिवपुर चरचा नगर पालिका चुनाव के लिए राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष भानुप्रताप सिंह को पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाने पर भाजपा ने सवाल खड़े कर दिए हैं. भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अनुराग सिंहदेव का मानना है कि अनुसूचित जनजाति आयोग संवैधानिक संस्था है और किसी संवैधानिक संस्था के मुखिया को राजनीति से दूर रहना चाहिए. कांग्रेस पर संवैधानिक पद के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए अनुराग सिंहदेव ने इसे आचार सहिंता का उल्लंघन माना है. चुनाव है, तो इस तरह के सवाल खड़ा करना   और बवाल मचाना स्वाभाविक बात है. अब देखते हैं राज्य निर्वाचन आयोग ऐसे सवालों का हल कैसे निकालता है ? 

(-लेखक, पत्रिका समवेत सृजन के प्रबंध संपादक और स्वतंत्र पत्रकार हैं.) 
 

  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :