परभौती क छोटका लड़िका जनम से मुरहा है

गोवा की आजादी में लोहिया का योगदान पत्रकारों पर हमले के खिलाफ पटना में नागरिक प्रतिवाद सीएम के पीछे सीबीआई ठाकुर का कुआं'पर बवाल रूकने का नाम नहीं ले रहा भाजपा ने बिधूड़ी का कद और बढ़ाया आखिर मोदी है, तो मुमकिन है बिधूड़ी की सदस्य्ता रद्द करने की मांग रमेश बिधूडी तो मोहरा है आरएसएस ने महिला आरक्षण विधेयक का दबाव डाला और रविशंकर , हर्षवर्धन हंस रहे थे संजय गांधी अस्पताल के चार सौ कर्मचारी बेरोजगार महिला आरक्षण को तत्काल लागू करने से कौन रोक रहा है? स्मृति ईरानी और सोनिया गांधी आमने-सामने देवभूमि में समाजवादी शंखनाद भाजपाई तो उत्पात की तैयारी में हैं . दीपंकर भट्टाचार्य घोषी का उद्घोष , न रहे कोई मदहोश! भाजपा हटाओ-देश बचाओ अभियान की गई समीक्षा आचार्य विनोबा भावे को याद किया स्कीम वर्करों का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न क्या सोच रहे हैं मोदी ?

परभौती क छोटका लड़िका जनम से मुरहा है

चंचल  
दो विषय ऐसे हैं जो इंसान की फितरत के साथ ऐसे  जुड़े है कि बाजदफे शख्सियत तक बन जाते हैं .  ये विषय  समझने या जानने के लिए , न मोदर्रीस कि जरूरत होती है , न ही मदरसे की , ये दोनों विषय इंसान के जीवन मे चलनेवाले जद्दोजेहद कब पढा कर चले गए ,याद तक नही रहता .  ये विषय है गणित और रसायन शास्त्र .   
     परभौती क छोटका लड़िका जनम से  मुरहा है , महतारी बहु मारेस , स्कूल भेजने वास्ते बहुत मिन्नत किहेस , भल भल चिरौरी किया , पर का मजाल कि बस्ता उठाले .  बड़े मन से फिल्मी नाम रखे रही , फिल्मी नाम दिलीप कुमार उनाय .  जनता ने उसे कलुआ बना दिया .  रंग की वजह से नया नाम करन  हुआ , फिर भी स्कूल नॉय गया .  मारते मारते महतारी थक जाती ,तो रोने लगती .  सारे विधि विधान फेल हो गए तो  महतारी ने सूरज की ओर हाथ उठा के  उसी को गवाह  बना लिया - है सूरज भगवान तू देखिह .  ई मुहझौंसा पूरे गांव के टहलुआ  ना बने तो कहा ! कलुआ आज पूरे गांव के टहलू बना खिदमत कर रहा है .  चटकोरा के लिए रग्घुआ के छोला समोसा हो या चिखुरी दुबे के लिए  अठन्नी क खैनी लाना हो , कलुआ पे सब को भरोसा है .   का मजाल कि ,धेला तक का हेर- फेर हो जाय .  साढ़े तीन रुपये के हिसाब से सात  समोसा  के दाम ? लमका मिसिर क लड़िका नॉय बता सका , कानवेंट में है चौथी कलम पास होगा इस साल .  - हम्मे नॉय मालूम ! चिखुरी मुस्कुराए लौट गए अपने बचपन मे - दुई कलम तक पहुंचते पहुंचते सवैया , ड्योढ़ा , पौना तक जबान पर याद रहता था , आज देख लो , तोहार गलती  ना है बाबू !  जब सरकार बहादुर के डिग्री बनावे के पड़त बा , तीन का पहाड़ा ना याद बा तो तू का करबे .  तै बताव कलुआ ?  
     - साढ़े चौबीस  
      - कैसे ?  
      - साढ़े तीन रुपिया के हिसाब से सात समोसा .  मानी की तीन के हिसाब से एकइस रुपिया औ सात  अठन्नी के भवा साढ़े तीन रुपिया .  एकइस ,तीन भ चौबीस रुपिया एक अठन्नी .   
   यहां गणित पाठ्य विषय नही है रोजमर्रा की अनुभूति है .  हमारी शिक्षा पद्धति से स्वानुभूति गायब है बगैर इसे बदले हम  सार्थक डगर नही पकड़ सकते .   
   भारत का  महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन का यह सबक याद है जो आज तक काम आ रहा है ,अंतरिक्ष यात्रा की सीढ़ी बनकर खड़ा है .  वो कौन सी गिनती है जो 1 से लेकर 10 तक के बीच की सारी गिनती से विभाजित हो जाती है ? रामानुजन ने बताया है 2520 ही वह गिनती है जो 1 से लेकर 10 के बीच की हर अंक  से  
विभाजित हो जाती है .   
        - 2520  आया कहाँ से ? .   
    - काल गणना है , एक सप्ताह में कितने दिन  
      - 7  
     - एक महीने में  कितने दिन ?  
      - 30  
     - एक साल में कितने महीना ?  
      - 12  
      12,x30x7 =2520  
 हमने अपने ज्ञान को मिटाया है ,मिटाते जा रहे हैं .  दो अतियों के पाट में .  एक तरफ  अंग्रेजियत की  नकली नकल और दूसरी तरफ पोंगा पंथ पर  बेहूदी आस्था .   
    - और रसायन शास्त्र ,? 
     - तुम एक नम्बर के कमीने हो .   
     - क्या कहा , तुम्हारी ये हिम्मत  बैन   
    - यही रसायन शास्त्र है .  कमीना एक शब्द है लेकिन जब यह उत्प्रेरक बना कर किसी पर चस्पा किया जाता है तो शरीर मे रासायनिक क्रिया होती है .  इंसानी फितरत में क्रोध , मोह , माया , राग विराग , वगैरह जितने भी भाव आते है  सब रसायन की वजह से .

  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :