चंचल
इंडियन एक्सप्रेस 'भी' एक अखबार है , प्रभु ! कब तक मन मसोस कर चुप रहता ? जब- सब वैतरणी पार कर रहे हैं , तो उसने भी डुबकी मार दी .यह गंगा नहान पहली बार नही हुआ है , पीछे भी होता रहा है लेकिन ' करौना की छैयां - छैयां ' .किसी ने देखा नही , और जिसने देखा उसने मुह घुमा लिया - पूरे कुएं में भांग पड़ी है , कौन सी नई बात है ' .इस बार कुछ ज्यादा ही विभत्स हो गया . सबने देख लिया , जिसने नही देखा ,उसने सबसे ज्यादा देखा .
इंडियन एक्सप्रेस में एक खबर (?) छपी .( खबर और विज्ञापन में ' बाल ' भर का फर्क होता है , विज्ञापन को चालाकी में डुबो कर चेप दीजिये - खबर बन जायगी ) यहां भद्द पिट गयी , केवल अखबार का नही , प्रशासनिक अमले का भी नही , पूरी कायनात ही उघार हो गयी .लिख दिया गया - 'यह दलाल युग है ' .गोलमाल।
तो जान लीजिए -
- उत्तर प्रदेश में अगले साल चुनाव है .उत्तर प्रदेश में 'ब्रह्मचारी' सरकार है .लेकिन सोहर तो गाना ही है , नवैयत है .सत्ता संचालन में कारकून , अमले , सिपाही , कोतवाल , मुलाजिम सरकार बहादुर का मुह देखते रहते हैं . जिल्ले सुब्हानी ने 'सु ' कहा और अमला जा पहुंचा सुरहुर पुर .साहब ने कहा 'हमने क्या किया' ? अमला रफ़ुगरी का करतब दिखाना शुरू कर देता है .
- हुजूरे आला ! ये आप का है .
- क्या है ? ये तो आइफेल टॉवर है
- नही हुजूर ! यह आपके हुकुम से तामीर हुआ बिजली का खम्भा है यह लीटर के हिसाब से बिजली देता है लिक्विड फार्म में गांव के लोग बाल्टी में भरकर बिजली ले जांयँगे .
- कब से ?
- बस ,अच्छे दिन आने ही वाले हैं .
- एक यह भी है सर !
- यह तो हावड़ा ब्रिज है
- नही से यह कौशाम्बी में बनी पुलिया है .पुल पुलिया
मंत्री ने अपनी देखरेख में बनवाया है .
- लेकिन ला एंड ऑर्डर में जो बदलाव हुआ है , उसका कुछ है ?
- सब है हुजूरे आला ! यह है
- यह ? मोटा थुलथुला पुलिसवाला , इसका पेट देखो , यह कितना ला ऐंड आर्डर दुरुस्त करेगा ?
- नही सर ! इसका जो पेट बाहर निकला है , यह आवाज है .
- आवाज ?
- इसे बंदूक चलाना नही आता लेकिन मुह से ऐसा ठांय ठांय की आवाज निकालता है कि मुसोलनी की फट जाय .
- क्या चुतियापा करते हो ! ठीक है एक एक कर छपवाओ .
इंडियन एक्सप्रेस ने छापा .योगी जी निहायत खूबसूरत नफीस फ्लाईओवर पर खड़े हैं इसे यूपी का विकास बताया जा रहा है .
अखबार सफॉइ दे रहा है .पत्रकारिता में एक एडोटोरियल होता है एक एडवरटोरियल होता है .अखबार जितनी सफॉइ दे रहा है उतना ही उलझता जा रहा है .एडवरटोरियल होता है किसी विज्ञापन पर टिप्पणी करना .अगर अखबार ने अपनी वाजिब टिप्पणी ही कर दी होती कम से कम अपनी इज्जत बचा लेते और सरकार की नालायकी को नौकशाही पर धकेल कर सरकार भी किसी तरह बच लेती . ममता बनर्जी के बंगाल का फ्लाईओवर उत्तर प्रदेश में आ गया .इससे बड़ा क्या विकास होगा ?
- प्रधानमंत्री इस कांड (?) की खोज खबर नही लेंगे ?
- बिल्कुल नहीं
- क्यों ?
- गुजरात के मुख्यमंत्री थे मोदी .गुजरात मे एक तरफ मुसलमानों का कत्लेआम हुआ पड़ा था , दूसरी तरफ विज्ञापन छपा बुर्का पहने लडकिया कम्प्यूटर क्लास कर रही हैं .कहा गया यह गुजरात है .फोटो निकली सिबली कालेज आजमगढ़ उत्तर प्रदेश की .
सब फ्राड है .
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