दिल्ली.प्रजातंत्र के चतुर्थ स्तंभ समझे जाने वाले पत्रकार अनमोल प्रीतम को जब सोचना पड़ा कि अगर मैंने भीड़तंत्र से समझौता नहीं किया तो ये लोग मुझ पर आक्रमण करेंगे, मेरे शरीर की हड्डियां तोड़ देंगे और सारी चोटें मेरे शरीर पर लगेंगी. ये चोटें महीने, साल दो-साल में रिकवर हो जाएंगी. लेकिन अगर मैं इनकी बात मान लेता हूं तो जो चोट मेरे उसूलों पर, मेरी आत्मा पर, मेरे एथिक्स पर लगेगी...ये चोट शायद मैं पूरी ज़िंदगी रिकवर न कर पाऊं और किसी भी रात चैन से सो न पाऊं कि मैं ऐसे लोगों के सामने सरेंडर कर दिया जो लोग इस देश में बोलने की आज़ादी की कद्र नहीं करते. इसलिए मैंने खुद को और अपने विचार को बचाने का फैसला लिया और उनसे बोला कि मेरा मन होगा तो बोलूंगा अन्यथा मैं नहीं बोलूंगा, और अगर आप लोग ऐसे घेरकर मुझसे कहेंगे तब तो बिल्कुल भी नहीं बोलूंगा.
जब से मोदी सरकार आयी है,तब से विशेष किस्म के व्यक्तियों द्वारा सोच में परिवर्तन करने पर बल दिया जा रहा है.क्या खाना है?कैसा वस्त्रधारण करना है?इस तरह की चपेट में वेबसाइट नेशनल दस्तक के पत्रकार अनमोल प्रीतम आ गये.उनसे जबरन 'जय श्री राम' का नारा लगाने को कहा गया. उन्हें धमकी दी गई. उन्हें बेइज्जत किया गया. ये सब उस जंतर मंतर पर हुआ जो हाई सिक्योरिटी जोन है. जहां पुलिस का पूरा पहरा रहता है. लेकिन फिर ये भीड़ अनमोल को काफी देर तक प्रताड़ित करती रही. अनमोल यहां 8 अगस्त को बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय के बुलाए प्रदर्शन को कवर करने आए थे.
इस पर पत्रकार ने कहा कि, ‘मेरा मन कहेगा तो मैं बोल दूंगा. लेकिन आप लोग मुझसे जबरदस्ती मत बुलवाइए.इतने सारे लोग मुझे घेरकर कहेंगे कि तुम जय श्री राम बोलो तो मैं नहीं बोलूंगा.’ कुछ लोग पत्रकार से बार-बार एक ही सवाल पूछ रहे हैं कि जय श्री राम क्यों नहीं बोल रहे हो.वहीं भीड़ में उपस्थित कुछ लोग कहते हैं कि इस व्यक्ति को चैनल से निकाल दिया जाना चाहिए.इस पर पत्रकार ने कहा कि एक बात बताइए मैं आप लोगों का कहना न मानूं तो मैं गलत? बता दें कि यह वीडियो नेशनल दस्तक के पत्रकार ने अपने टि्वटर हैंडल से शेयर किया है.बीजेपी भक्तों ने भगवान को आस्था के मंदिर से उठाकर मॉबलिंचिंग के दरबार में खींच लिया है.
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