आलोक कुमार
पटना.ईसाई समाज के 40 दिवसीय उपवास और परहेज 17 फरवरी राख बुधवार से शुरू हो गया.यह उपवास 02 अप्रैल को गुड फ्राइडे तक चलेंगा. आज पहले दिन सभी लोग खजूर की डालियों की पवित्र राख माथे पर अंकित कर उपवास शुरू किये.पुरोहित ने श्रद्धालुओं के माथे पर पवित्र राख लगाकर कहा कि हे! मनुष्य तुम मिट्टी हो और मिट्टी में मिल जाओंगे. अर्थात मानव शरीर नश्वर है, जिसे एक दिन मिट्टी में मिल जाना है.
ईसाई समाज के लोग इन दिनों दु:ख भोग के रूप में मनाते हुए प्रभु यीशु के क्रूस पर दिए गए बलिदान को याद कर प्रार्थना और उपवास और परहेज रखकर सेवा कार्यों में लीन रहते हैं.आज प्रेरितों की रानी ईश मंदिर में सुबह 06:30 बजे मिस्सा बलिदान अर्पित किया गया.उसके बाद पुरोहित ने पवित्र राख माथे पर लगाया.इसके बाद श्रद्धालु उपवास और परहेज करने लगे.बच्चे परहेज करते हैं.
बताया गया कि शाम 3:30 बजे पहला क्रूस रास्ता यानी चौदह मुकाम हुआ.फिर शाम 4:30 बजे दूसरा क्रूस रास्ता हुआ.दूसरे क्रूस रास्ता के तुरंत बाद मिस्सा बलिदान चढ़ाया गया और माथे पर पवित्र राख लगाया गया.इस चालीसा काल में अपने और दूसरों के पापों की क्षमा के लिए ईश्वर से दया की याचना की जाती है.राख बुध उपवास और परहेज का दिन है.कुर्जी यूथ ने चाय और बिस्कुट खिलाकर उपवास और परहेज तोड़वाया.
बुधवार से 40 दिन के उपवास और परहेज का समय प्रारंभ होगा. इस उपवास का धर्म में बहुत महत्व है. इन विशेष दिनों में समाज का हर व्यक्ति एक समय भोजन करके सात्विक आचरण करता है. इस दौरान शुक्रवार की शाम सभी चर्च में क्रूस का रास्ता के साथ विशेष प्रार्थना सभाएं होंगी. दु:ख भोग के इन दिनों में समुदाय के लोग परोपकार व सेवा कार्य करेंगे.इस दौरान सभी को पीड़ित मानवता की सेवा के लिए प्रेरित किया जाता है. प्रभु यीशु ने हमें त्याग और सेवा का संदेश दिया है.
इन चालीस दिनों के बुधवार और शुक्रवार को अल्पसंख्यक ईसाई कल्याण संघ के द्वारा आज (17 फरवरी 2021) से प्रभु यीशु के दुखभोग (प्रभु यीशु को प्राणदंड के लिए पकड़वाये जाने से लेकर सूली पर चढ़ाए जाने तक )की कष्टमय यात्रा एवं घटना से सम्बन्धित 'मुसीबत' नामक भजन,भक्तिमय गीत तथा प्रार्थना का भक्तिमय कार्यक्रम किया जाएगा.आज यह कार्यक्रम रिचर्ड अब्राहम के निवास स्थान,चश्मा सेंटर गली,कुर्जी में शाम 06.30 बजे से किया गया.एसके लॉरेंस ने कहा कि कोविड 19 को ध्यान में रखते हुए तथा सुरक्षा नियमों का पालन करते हुए आप सभी आमंत्रित हैं.
इसके पूर्व मंगलवार को ईसाई समुदाय गोस्त-भूजा दिवस के रूप में मनाया .इस अवसर पर अल्पसंख्यक ईसाई समुदाय लजीज भोजन किये. इसके बाद आज बुधवार से प्रभु येसु ख्रीस्त का दुखभोग चालीसा शुरू हो जाता है.इन 40 दिनों के दरम्यान लजीज भोजन नहीं करते हैं.
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