फज़ल इमाम मल्लिक
कोयंबटूर के कारी मोटर स्पीडवे पर अश्विन दत्त का जलवा दिखा. कमाल की कलाकारी की और शुरुआती दौर को रोमांचक बना डाला. आमिर सईद ने भी कमाल भरे प्रदर्शन से लोगों को कायल किया. जेके टायर-एफएमएससीआई नेशनल रेसिंग चैंपियनशिप (जेकेएनआरसी) का शुरुआती दौर सईद और अश्विन के नाम ही रहा. दूसरे चालकों को पीछे छोड़ते हुए दोनों ने ट्रैक पर कमाल की कलाकारी की और पहले स्थान पर रहे.
सईद कोट्टयम के हैं. उनकी उम्र अभी सोलह साल ही है, लेकिन ट्रैक पर फर्राटा भरने में उन्होंने महारत दिखाई. सईद ने जेके टायर नोवाइस कप में अपना वर्चस्व दिखाया और हर रेस में जीत हासिल की. अब तक वे चार रेस जीत चुके हैं. सईद पहली बार कारी मोटर स्पीडवे पर प्रतिस्पर्धा कर रहे थे लेकिन अपी प्रतिभा से उन्होंने सबको कायल किया. ट्रैक पर उनका आत्मविश्वास देखते ही बनता था.
एक तरफ जहां दूसरे चालक काफी ट्रिकी और धीमे पहले कार्नर पर संघर्ष करते नजर आए, तो सईद ने सीमित ट्रैक टाइम के बावजूद इसे बड़ी सरलता से पार किया. दरअसल सईद ने इस मुश्किल कार्नर को अपनी मजबूती बनाकर रेस जीती और खुद को मजबूत स्थिति में ले जाने में सफल रहे. इसके बाद सईद ने दो रेसें जीत कर लोगों का मन मोहा.
प्रीमियर क्लास के तौर पर जाने जाने वाले फार्मूला एलजीबी-4 में डॉर्क डॉन रेसिंग टीम के अश्विन दत्ता ने शानदार और रेयर डबल हासिल किया. एमस्पोर्ट टीम के विष्णु प्रसाद ने पहले दिन दोनों रेसें जीती थीं लेकिन चेन्नई के इस अनुभवी चालक को दूसरे रेस में प्रतिस्पर्धा कड़ी होने का अंदाजा लग गया क्योंकि अश्विन दत्ता ने शानदार ड्राइविंग की. इस रेस के दौरान कुछ सांस रोक देने वाले लम्हे भी आए क्योंकि कई मौकों पर कारें स्पिन भी कर गईं. सेफ्टी कार को ट्रैक पर बुलाना पड़ा लेकिन इन सबके बीच अश्विन ने अपना संयम बनाए रखा और जीत हासिल की. निश्चित तौर पर अश्विन ने येलो फ्लैग के तले रेस पूरी की क्योंकि सेफ्टी कार को चौथी बार ट्रैक पर बुलाना पड़ा था.
एमस्पोर्ट के स्टार रघुल रंगास्वामी और विष्णु प्रसाद से आगे रहते हुए रेस पूरी करने वाले अश्विन ने कहा कि पहले सेक्टर में मैं थोड़ा स्लो था लेकिन वे आत्मविश्वास से भरे थे. इसीलिए बाद में पेस हासिल करने में सफल रहा. यह रेस काफी खतरनाक घटनाओं से भरी रही और सेफ्टी कार को केई मौकों पर ट्रैक पर बुलाना पड़ा. रेस इसी का तो नाम है’
दूसरी रेस में रघुल ने शुरुआत से बढ़त ले रखी थी लेकिन बीच रास्ते में उनकी कार ने धोखा दे दिया. विष्णु ने इस मौके का फायदा उठाया और आगे निकल गए. अब मुकाबला विष्णु और अश्विन के बीच था. विष्णु ने अच्छी खासी बढ़तले रखी थी और वे डबल की ओर बढ़ते दिखाई दे रहे थे तभी रेस समाप्त होने के दो लैप पहले सेफ्टी कार आ गई. दत्ता ने इस मौके का फायदा उठाया और दूसरे कार्नर पर विष्णु को पीछे छोड़ने में सफल रहे. विष्णु ने कोशिश जरूर की लेकिन दत्ता उन्हें मौका नहीं दिया और रेस जीत ली.
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