सवाल टमाटर का जवाब तिहाड़ का

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सवाल टमाटर का जवाब तिहाड़ का

आलोक कुमार

नई दिल्ली.एक गोदी मीडिया के टीवी एंकर को अपमानित होना पड़ा.वह टीवी एंकर सुधीर चौधरी है.उनके पास दशकों का अनुभव है.बीजेपी के पक्ष में ब्लैक लेकिन महंगाई पर एक सवाल पूछ लिया तो केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने भारी सभा में बेइज्जत कर दिया. लेकिन इसमें गलती भी सुधीर चौधरी की ही है.अगर पहले दिन से ही सत्ता से सवाल पूछते तो ये दिन नहीं देखना पड़ता.

        सुधीर चौधरी एक भारतीय पत्रकार हैं. वह हिंदी समाचार चैनल आज तक में सलाहकार संपादक हैं और ब्लैक एंड व्हाइट ( बी एंड डब्ल्यू ) शो की मेजबानी करते हैं. वह पूर्व में ज़ी न्यूज़ , WION , ज़ी बिज़नेस , ज़ी 24 तास के प्रधान संपादक और सीईओ थे  और प्राइम-टाइम शो डेली न्यूज़ एंड एनालिसिस की मेजबानी की थी । डीएनए ) ज़ी न्यूज़ पर.बीजेपी के पक्ष में सुधीर चौधरी ब्लैक एंड व्हाइट सीरिएल में ब्लैक को व्हाइट करने में लगे रहते हैं.

        टीवी ऐंकर ने एक टमाटर के भाव पर मिमियाती हुई आवाज़ में पूछे एक सवाल के लिए स्मृति इरानी ने उस आदमी की इज्ज़त को तार-तार कर दिया जो नफरत के सरकारी एजेंडे को आगे बढ़ाने पर रात-दिन काम कर रहा है.

        यह फर्क देख लीजिए कि साल 2000 के आस-पास गैस सिलेंडर महंगा होने पर तत्कालीन पेट्रोलियम मंत्री राम नाइक की पत्नी के हवाले से एक स्टोरी की थी. श्रीमती नाइक ने कहा था कि कीमत बढ़ने का असर हर गृहणी पर पड़ता ही है.चैनल पर लगातार खबर चली कि मंत्रीजी की पत्नी तक मूल्य वृद्धि से परेशान हैं.लेकिन ना तो मंत्रीजी ने एतराज किया ना पार्टी के किसी गुर्गे ने फोन करके संपादक को हड़काया.

            रविवार को केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी से टमाटर पर सवाल पूछना टीवी एंकर के लिए भारी पड़ गया.केंद्रीय मंत्री ने टीवी एंकर को तिहाड़ जेल की याद दिला दी. केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी का यह इंटरव्यू का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. स्मृति इरानी एक टीवी कार्यक्रम में इंटरव्यू के लिए पहुंची थी. बातचीत के दौरान एक न्यूज चैनल के टीवी एंकर ने केंद्रीय मंत्री से टमाटर की बढ़ी हुई कीमतों से जुड़ा सवाल पूछ लिया. इस पर केंद्रीय मंत्री भड़क गईं. आजकल सवाल पूछना गुनाह बनते चला जा रहा है.

          टीवी एंकर सुधीर चौधरी ने केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी से पूछा, 'जब टमाटर 250-300 रुपये किलो हुआ तो आपके घर में भी बात होती थी टमाटर के बारे में'? इस सवाल को सुनते ही केंद्रीय मंत्री का रवैया बिल्कुल बदल गया.केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आप चीजों को ट्रिवीलाइज (महत्वहीन) करना चाह रहे हैं. इस पर टीवी एंकर ने कहा कि वह ऐसा नहीं कर रहे हैं? इस पर एंकर और केंद्रीय मंत्री में बहस बढ़ गई. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस पर मैं भी पूछ सकती हूं कि क्या हुआ जब आप तिहाड़ जेल में थे.

          इस वीडियो के बात केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगीं. लोगों का कहना था कि जिम्मेदारी और जवाबदेही मोदी सरकार की डिक्शनरी में नहीं है.एक यूजर ने लिखा कि इसमें जेल की बात कहा से आ गई, जो सवाल था उसका जवाब दो, टमाटर 200-250 रुपये हो गए पर बीजेपी अब भी अपने सवालों से भाग रही है? एक अन्य यूजर ने लिखा कि सिर्फ टमाटर के दाम पूछने पर भड़क गयी सोचो अगर सिलेंडर के बड़े हुए दामों पर पिछला आंदोलन याद दिलाता तो क्या होता.

  प्रणव सिरोही नामक यूजर ने लिखा कि सुधीर चौधरी के व्यक्तित्व और उनकी पत्रकारिता को लेकर लोगों की अपनी पसंद-नापसंद हो सकती है. लेकिन बातचीत में मर्यादा एवं सामान्य शिष्टाचार तो एक बुनियादी शर्त होती है.स्मृति जी ने तो अपने पलटवार से ट्रोल और मंत्री का अंतर ही खत्म कर दिया.

          टमाटर की कीमतों देशभर में आसमान पर पहुंच गई थीं. देश में टमाटर 200 से 300 रुपये किलो तक बिक रहा था. बारिश की वजह से टमाटर की फसल खराब होने और कम सप्लाई के कारण लोगों की थाली से टमाटर गायब हो गया था. ऐसे में सरकार की तरफ से कम कीमत पर टमाटर बेचने की भी पहल की गई थी.



 


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