सीएम हेमंत सोरेन ईडी के रडार पर

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सीएम हेमंत सोरेन ईडी के रडार पर

रांची.हर साल 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है.आदिवासी आबादी के अधिकारों को बढ़ावा देने और उनके मुद्दों पर ध्यान खींचने के लिए यह दिन दुनियाभर में मनाया जाता है. भारत में आदिवासी आबादी अनुसूचित जनजाति के तहत आती है.इस महत्वपूर्ण दिवस की पूर्व संध्या पर सीएम हेमंत सोरेन ईडी का गिफ्ट मिला है.14 अगस्त को हेमंत सोरेन को पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय बुलाया गया है.

     प्रवर्तन निदेशालय ( ईडी) ने जमीन घोटाला मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नोटिस भेजा है। ईडी इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के परिवार की संलिप्तता भी मान रही है, इसमें परिवार के सदस्य के नाम का जिक्र नहीं किया गया है। केस नंबर 25/23 के आधार पर यह नोटिस भेजा गया है। 14 अगस्त को हेमंत सोरेन को पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय बुलाया गया है। इससे पहले ईडी ने अवैध खनन मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से 18 नवंबर 2022 को करीब 10 घंटे तक पूछताछ की थी। ई़डी ने इस पूछताछ में पत्थर खनन से जुड़े कई सवाल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पूछे थे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ईडी को एक खुली चिट्ठी लिखकर चुनौती दी थी। अब एक बार फिर हेमंत सोरेन जमीन घोटाला मामले में ईडी की रडार में हैं.

       सरकारी मशीनरी से चुनाव आते -आते कितने नेता निपट जायेंगे यह कोई नहीं जानता.अभी 15 सितंबर तक ईडी प्रमुख संजय मिश्रा को अपने पद पर बना रहना है.इस बीच कई नेता जेल जा सकते हैं.इसे नकारा नहीं जा सकता है.बेशक जिसको निपटाना है उसकी फाइल तैयार है और उसे कब तक निशाने पर लेना है इसके गणित बैठाये जा रहे हैं.साथ में यह भी देखा जा रहा है कि इसके लाभ हानि क्या होने वाले हैं. 

  अब झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन यदि के निशाने पर आ गए हैं.कहा जा रहा है कि अब उन्हें निपटाने की तैयारी शुरु कर दी गई है.मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन डरने वाले नहीं है.इतना तो जरूर है कि बीजेपी के वाशिंग मशीन में धुलाने नहीं जाएंगे.नए प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी जीतना कोशिश कर लें पर नाकामयाब ही रहेंगे.

        सर्वचर्चा है कि जबसे रांची में बीजेपी को नया अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी मिले हैं तभी से इस बात की आशंका जताई जा रही थी कि अब कोई बड़ा खेल हो सकता है.इसलिए अब खेल का वक्त भी सामने आ गया है. ईडी जमीन घोटाले में हेमंत सोरेन को 14 अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया है.ध्यान रहे कि ईडी इस मामले में अब तक कई लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. ईडी को जमीन घोटाला मामले की जांच कर रही है और ईडी इसी सिलसिले में हेमंत सोरेन से पूछताछ करेगी. 

            ईडी इस मामले में अब तक रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन और कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया है. इस मामले में अब तक 13 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं.जिसमें कोलकाता के एक कारोबारी और मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल भी शामिल हैं. इसके अलावा बड़गाई अंचल के सीओ भानु प्रसाद को गिरफ्तार किया गया है.

             इस मामले में ही पूर्व से जेल में बंद सेटर प्रेम प्रकाश से भी पूछताछ हो चुकी है. ईडी इस मामले की तह तक जाने में जुटी हुई है. इस मामले में गिरफ्तार एक आरोपी विष्णु अग्रवाल की रिमांड भी बढ़ाई जा चुकी है.उधर, हाल में जांच एजेंसियों ने जब बड़गाई के सीओ से पूछताछ की थी तो उसने इस मामले में ईडी के सामने कई बड़े चेहरों का पर्दाफाश किया था.ईडी के सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक सीओ ने कई बड़े नेताओं और अधिकारियों के मिलीभगत की बात की थी.

             इस घोटाले के केंद्र में फर्जी कागजात हैं. जिसके आधार पर जमीन की खरीद-बिक्री की गई.ध्यान रहे कि रांचे के चेशायर होम रोड स्थिति एक एकड़ जमीन और सेना के कब्जे वाले पांच एकड़ के लगभग जमीन को नकली कागजात के आधार पर बिक्री कर दिया गया.इस मामले में ईडी ने पश्चिम बंगाल सहित जमशेदपुर और हजारीबाग के साथ कई ठिकानों पर छापेमारी की थी.ईडी को छापेमारी के दौरान जमीन घोटाले से जुड़े काफी दस्तावेज मिले थे. इस छापेमारी में पता चला कि भू माफिया और बड़े लोगों ने कैसे आपस में सांठगांठ कर पूरी की पूरी जमीन फर्जी कागजात के आधार पर बेच डाली.

    खैर खेल तो और भी बहुत कुछ है लेकिन जानकारी इस बात की भी मिल रही है कि बीजेपी एक बार फिर से झारखंड ऑपरेशन कमल खिलाने की कोशिश कर रही है. कोशिश तो लगभग पूरी भी हो गई थी लेकिन मामला ऐन वक्त पर ख़राब हो गया.अगर यह सब नहीं हुआ होता तो आज बीजेपी वहां सत्ता में रहती.लेकिन अब बाबूलाल मरांडी के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद बीजेपी एक बार फिर से सक्रिय हुई है. उसे लग रहा है कि सरकार को गिराकर या फिर सरकार के नेताओं पर नकेल कसकर विपक्ष को कमजोर किया जा सकता है.ईडी इसी खेल को आगे बढ़ा रही है.

       जानकारी के अनुसार सर्वोच्च न्यायालय की नजर है.वहीं,विपक्षी पार्टियों का आरोप है कि पिछले 9 साल में ईडी और सीबीआई ने बीजेपी के एक भी बड़े नेताओं के यहां कोई कार्रवाई नहीं की है. कई नेताओं पर पहले केस दर्ज हैं, जो फाइलों में खोया हुआ है.

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