लोकसभा में अडानी का नाम लेते ही..

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लोकसभा में अडानी का नाम लेते ही..

आलोक कुमार

नई दिल्ली.लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हो गई है. गौरव गोगोई ने कहा कि अगर मणिपुर जल रहा है तो भारत जल रहा है.अगर मणिपुर में आग लगी है तो भारत में आग लगी है. अगर मणिपुर विभाजित हुआ है तो भारत विभाजित हुआ. देश के मुखिया होने के नाते प्रधानमंत्री सदन में आएं और जवाब दें. संवेदना जताएं. यह हमारी अपेक्षा थी. लेकिन अफसोस कि ऐसा नहीं हुआ. प्रधानमंत्री ने मौन व्रत ले लिया और हमें अविश्वास प्रस्ताव द्वारा मोदी जी का मौन व्रत तोड़ने का रास्ता निकाला गया.

     अविश्वास प्रस्ताव पर गौरव गोगोई ने कहा कि प्रधानमंत्री लगातार चुप्पी साधे हुए हैं. जबकि त्रिपुरा और असम के लोग आपस में गोली चला रहे हैं. उन्होनें कहा कि राहुल गांधी ने चेतावनी दी थी कि आप पूर्वोत्तर को बांटने की कोशिश कर रहे हैं. इसके अलावा गोगोई ने कहा कि प्रधानमंत्री बोलें कि उनकी राज्य सरकार से चूक हुई तो जनता इसे भी मान लेगी. प्रधानमंत्री लगातार चुप हैं.  

     उन्होंने PM मोदी से 3 सवाल पूछे कि 1. PM मोदी आज तक मणिपुर क्यों नहीं गए?2. PM मोदी को मणिपुर पर बोलने में लगभग 80 दिन क्यों लगे? 3. PM मोदी ने आज तक मणिपुर के CM को बर्खास्त क्यों नहीं किया?इस पर क्या बोलेंगे? अगर प्रधानमंत्री बोलें कि उनकी राज्य सरकार से चूक हुई तो जनता इसे भी मान लेगी. इस लिए प्रधानमंत्री लगातार चुप हैं.  

 केवल मणिपुर पर ही प्रधानमंत्री मौनधारण नहीं करते हैं.जब भारत के कुश्ती महिला खिलाड़ी प्रदर्शन कर रहे थे तब भी प्रधानमंत्री मौन थे, किसानों के प्रदर्शन पर भी, जब दिल्ली में दंगे हुए तो भी पीएम मौन थे.मौनधारण कर विफलताओं पर पर्दा डाल रहे हैं.अब 'इंडिया' गठबंधन की आंधी में पर्दा पर से रहस्य हट जाएगा.

      आगे उन्होने कहा कि आज भारत सरकार का गृह विभाग फेल हो गया है. मणिपुर में 6 लाख गोलियां और हजारों हथियार छीन लिए गए. कहां हैं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार.क्या यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला नहीं है.इसके अलावा गोगोई ने  अडानी का नाम लेकर भी निशाना साधा.इसके बाद सत्ताधारी विरोध करने लगे.तब उन्होंने कहा कि आप प्रधानमंत्री,गृहमंत्री, मुख्यमंत्री आदि का नाम लेने पर संदन में हंगामा नहीं करते हैं परंतु एक कंपनी के मालिक का नाम लेते ही सदन में उछलने लगते हैं.आखिर यह रिश्ता क्या कहलाता है?

       आगे कहा कि आज ही सुनने को मिला कि मुख्यमंत्री के विधायक ही सवाल खड़े कर रहे हैं.असम राइफल्स को  हटाया जा रहा है. पुलिस उसपर उंगली उठा रही है और असम राइफल्स पुलिस पर उंगली उठा रही है. आज सुप्रीम कोर्ट ने इसीलिए कमेटी बैठाई है.

         गौरव गोगोई ने कहा कि इस सरकार को अटल जी को याद करते हुए कहा कि उन्होने कहा था कि उन्होंने कहा था कि राजा को किसी जाति या धर्म के आधार पर भेद नहीं करना चाहिए. मणिपुर में सबसे ज्यादा महिलाओं और बच्चों पर अत्याचार हुआ. इस हिंसा को ड्रग  का नाम दे कर छिपाया जा रहा है.उन्होंने कहा, सरकार कह रही है कि यह सब ड्रग्स की वजह से हो रहा है.जब आरोपी को पकड़ा गया तो मुख्यमंत्री के दफ्तर से फोन पहुंच गया. इनके मुख्यमंत्री महोदय के दफ्तर से ही उसको संरक्षण मिलता है.

      कहा सरकार की डबल इंजन की सरकार मणिपुर में फेल

गौरव गोगोई ने कहा कि जब राहुल गांधी और विपक्ष के नेता मणिपुर जा सकते हैं तो पीएम क्यूं नहीं. उन्होनें मणिपुर की सरकार बर्खास्त क्यों नहीं की जबकि आपने त्रिपुरा की सरकार बदल दी. तो मणिपुर के मुख्यमंत्री में ऐसा क्या है. उन्होंने कहा, कि सरकार की डबल इंजन की सरकार मणिपुर में फेल हो गई है. वहां पांच हजार घर जलाए गए.हजारों लोग शिविर मे हैं. पिछले दो तीन साल से वह भड़काऊ कदम ही उठाते जा रहे हैं.

           मौके पर एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले बोलीं, 9 साल में राज्यों की नौ सरकारें गिरा दीं.नवरत्न' - 9 वर्षों में केंद्र की 9 अभूतपूर्व विफलताएँ: केंद्र द्वारा गिराई गई 9 राज्य सरकारें - अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर, मेघालय, कर्नाटक, गोवा, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, महाराष्ट्र - भाजपा एक अलग पार्टी कैसे है?

       एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा भाजपा जब सरकार में नहीं थी तो कह रही थी कि पार्टी विद द डिफरेंस.जब महाराष्ट्र में इतना प्याज था तो मैं विनती करके थक गई कि इसे बाहर भेज दीजिए लेकिन उन्होंने नहीं किया. यह सरकार किसान विरोधी है. किसी आय दोगुनी हो गई है. नौ साल में भाजपा की नौ उपलब्धि बेरोजगारी, महंगाई, राज्य की सरकारों को गिराना, कानून व्यवस्था खराब करना. नौ साल में भाजपा ने नौ सरकारें गिराईं. महाराष्ट्र की सरकार दो बार गिराई. 


1. निम्नलिखित कारणों से नागरिकों का केंद्र सरकार पर से विश्वास उठ गया है:


2. मिल्टन फ्रीडमैन ने उद्धृत किया - 'बड़ी गलतियों में से एक नीतियों और कार्यक्रमों को उनके परिणामों के बजाय उनके इरादों से आंकना है।' हालांकि केंद्र की नीतियों का इरादा अच्छा हो सकता है, लेकिन वे केवल नागरिकों के लिए कठिनाइयां पैदा कर रहे हैं;


3. जब मैं केंद्र के बारे में सोचता हूं तो 'अहंकार' दिमाग में आता है.क्या वाकई आपका इस बात में विश्वास है कि मणिपुर की घटना पर प्रधानमंत्री को नहीं बोलना चाहिए? क्या आप इस बात पर भरोसा रखते हैं कि तीन महीने से हिंसा हो रही है, प्रधानमंत्री मोदी ने वहां नहीं जाकर बहुत अच्छा किया है? प्रधानमंत्री मोदी को केवल अपनी नाकामी पर नहीं बोलना है, वे चाहते तो बोलने के नाम पर मणिपुर की जनता से शांति की अपील भी कर सकते थे, वो भी नहीं किया.अगर इन सवालों पर आपको विश्वास है कि ये सवाल सही हैं और प्रधानमंत्री को बोलना चाहिए तब फिर आपको लोकसभा में उनके खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को ध्यान से सुनना चाहिए. कॉपीराइट के नियमों के कारण हम आपको पूरे पूरे भाषण नहीं सुना सकते हैं। लेकिन आपको ये भाषण लोक सभा-राज्य सभा की वेबसाइट पर देखने और पढ़ने को मिल जाएँगे.


4. 'नवरत्न' - 9 वर्षों में केंद्र की 9 अभूतपूर्व विफलताएँ:

5. केंद्र द्वारा गिराई गई 9 राज्य सरकारें - अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर, मेघालय, कर्नाटक, गोवा, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, महाराष्ट्र - भाजपा एक अलग पार्टी कैसे है?;


6. 2014 में यूपीए के दौरान घरेलू भोजन की आवश्यक वस्तुओं की कीमत 500 रुपये से कम थी, जो 2023 में बढ़कर 1000 रुपये से अधिक हो गई है। यही कारण है कि नागरिकों ने केंद्र में विश्वास खो दिया है;


7. इस सरकार की किसान विरोधी नीतियां - जब भारत में अधिशेष है तो दूसरे देशों से दूध का आयात क्यों? जब देश में प्याज का उत्पादन अधिशेष था तो निर्यात पर प्रतिबंध क्यों लगाया गया?;


8. भारत 2014 की तुलना में 2022 में स्वास्थ्य और उत्तरजीविता सूचकांक, भूख सूचकांक, मानव स्वतंत्रता सूचकांक, विश्व खुशी सूचकांक, पर्यावरण संरक्षण सूचकांक, लिंग समानता सूचकांक, लोकतंत्र सूचकांक, मानव विकास सूचकांक, प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक के विभिन्न वैश्विक सूचकांकों में पिछड़ गया था;


9. मेरे बारामती निर्वाचन क्षेत्र में दौंड, नीरा, भिगवन के किसी भी 3 स्टॉप पर वंदे भारत ट्रेनों के न रुकने का मुद्दा उठाया। इन ट्रेनों का क्या फायदा अगर ये नागरिकों की रोजगार और शिक्षा संबंधी जरूरतों को पूरा नहीं कर रही हैं। गरीबों के लिए सिर्फ गरीबरथ ट्रेन है;


10. केंद्र सरकार का ऋण 2014 में 55.87 लाख करोड़ से 178.5% से अधिक बढ़कर 2023 में 155.6 लाख करोड़ हो गया। इसी अवधि के दौरान बाहरी ऋण में 41% से अधिक की वृद्धि हुई। क्या सरकार LIC जैसी संपत्ति बेचकर यह कर्ज चुकाएगी?;


11. RBI के अनुसार, पिछले 9 वर्षों में प्रचलन में मुद्रा 161% बढ़ी है। केंद्र से सवाल किया कि अगर हाथ में मुद्रा तेजी से बढ़ रही है तो नोटबंदी का क्या फायदा;


12. एनडीए के तहत, एनपीए बढ़कर रु. 18.2 लाख करोड़, और लगभग रु. पिछले 9 वर्षों में 14.56 लाख करोड़ बट्टे खाते में डाले गए;


13. पिछले 9 वर्षों में 12 लाख से अधिक लोगों ने अपनी नागरिकता त्यागकर नागरिकों ने स्पष्ट रूप से इस सरकार पर कोई भरोसा नहीं व्यक्त किया है;


14. मणिपुर में 179 लोग मारे गए, 60152 लोग विस्थापित हुए, 350 राहत शिविरों में और 40000 शिविरों में, 3662 घर जलाए गए, 321 धार्मिक स्थल जलाए गए, केंद्रीय बलों की 161 कंपनियां तैनात की गईं, आगजनी, दंगा, हिंसा और बलात्कार के 10243 मामले दर्ज किए गए;


15. मणिपुर राज्य सरकार की शर्मनाक भूलों को देखते हुए, मैंने मणिपुर के मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की;

16. यूनाइटेड कुकी लिबरेशन फ्रंट (यूकेएलएफ) के अध्यक्ष द्वारा चुनाव के दौरान भाजपा को समर्थन देने का आरोप लगाते हुए एनआईए अदालत में दायर जनहित याचिका पर स्पष्टीकरण मांगा। उग्रवादी संगठनों को समर्थन देने पर सरकार से सवाल किया कि क्या यह देश विरोधी है;


17. मणिपुर में जो हो रहा है वह देश की महिलाओं को शर्मसार कर रहा है - यह उनकी गरिमा के बारे में है। केंद्र से हम बनाम वो की बहस से दूर हटने का आग्रह किया;


18. एकता और शांति के लिए मिलकर काम करने के लिए केंद्र को आमंत्रित करने के लिए गांधी जी की सलाह की पेशकश की;


19. जूलियस सीज़र -'अगर मैं असफल हो गया तो यह मेरा एकमात्र अहंकार है'- और जॉन मिल्टन की पैराडाइज़ लॉस्ट को उद्धृत करते हुए समाप्त किया गया, जहां शैतान घोषणा करता है कि 'स्वर्ग में सेवा करने की तुलना में नर्क में शासन करना बेहतर है.'

PM मोदी मौन रहे-


1. जब न्याय के लिए महिला पहलवान सड़कों पर उतरीं


2. जब किसान आंदोलन के दौरान 750 किसानों ने सड़कों पर दम तोड़ दिया


3. जब 2020 में दिल्ली में दंगे हुए


4. जब सदन में अडानी पर राहुल गांधी जी ने सवाल किया


5. जब चीन पर सवाल किया गया


6. जब पुलवामा में जवानों के लिए सुरक्षा की मांग की गई


7. जब कोरोना के समय ऑक्सीजन की कमी के कारण लोग मरते रहे


8. जब मणिपुर में महिलाओं पर अत्याचार हो रहा था



पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने कहा कि संसद में मंत्रीगण गुंड-मवालियों की तरह बोल रहे है.एक ट्यूट कर लालू ने आगे कहा कि संस्कार विहीन, मर्यादाहीन भड़काऊ जनता पार्टी के नेता और मंत्रीगण संसद में गुंडे-मवालियों की तरह सड़कछाप भाषा और गाली-गलौज पर उतर चुके है.2024 की स्पष्ट हार को देखकर ये लोकतांत्रिक मर्यादाएं, परंपराएँ, संस्कृति और स्वस्थ संवाद को छोड़, डर से बुरी तरह बौखला गए है.




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