आलोक कुमार
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (4 अगस्त) को मोदी सरनेम से जुड़े मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगा दी. ऐसे में उनकी लोकसभा सदस्यता बहाल करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है. सुप्रीम कोर्ट से कांग्रेस नेता राहुल गांधी को राहत मिलने के बाद अब उनकी लोकसभा सदस्यता बहाल करने की मांग तेज हो गई है.राहुल गांधी फिर से सदन में दिखें इसके लिए कांग्रेस पुरजोर कोशिश कर रही है.इस बीच कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने शनिवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को चिट्ठी लिखी और कई सवाल भी दागे.
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि राहुल गांधी की संसद सदस्यता जिस तेजी से रद्द की गई थी, उसी तेजी से बहाल भी की जानी चाहिए.चौधरी ने शनिवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उन्होंने इस संबंध में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से बातचीत कर स्थिति से अवगत कराया है.चौधरी ने कहा कि उनकी ओर से संबंधित कागजात भी लोकसभा कार्यालय को भेजे जा चुके हैं.वह लोकसभा अध्यक्ष से अनुरोध करते हैं कि वे यह सुनिश्चित करें कि राहुल गांधी जल्द लोकसभा पहुंचें.
उन्होंने कहा कि मैंने स्पीकर को फोन किया. स्पीकर ने मुझे महासचिव से बात करने और दस्तावेज उनके कार्यालय में जमा करने के लिए कहा.मैंने महासचिव को फोन किया जिन्होंने कहा कि उनका कार्यालय आज बंद है और मुझे अध्यक्ष को पत्र सौंपने के लिए कहा और मैंने पत्र डाक से भेज दिया.
आगे अधीर रंजन ने कहा कि लोकसभा के अवर सचिव ने पत्र पर हस्ताक्षर तो किए लेकिन मोहर नहीं लगाई. हम अध्यक्ष से अनुरोध कर रहे हैं कि वे यह सुनिश्चित करें कि उन्हें वापस आने में कोई समस्या न हो.साथ ही बोले कि सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी है.इसका मतलब क्या है? इसका मतलब है कि उन्हें एक बार फिर संसदीय कार्यवाही में हिस्सा लेने का मौका मिलेगा.
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने आगे कहा कि मैं किसी भी तरह का संदेह नहीं पाल रहा हूं.मैंने आपको केवल राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल करने के लिए हमारी ओर से किए गए प्रयासों का वर्णन किया है.वह एक निर्वाचित व्यक्तित्व हैं और जब संसद का सत्र चल रहा हो और जब संसद में महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हो रही हो तो वह इसमें शामिल होने के हकदार हैं. कल भी हमने कहा था कि उनकी अयोग्यता के दौरान जो गति अपनाई गई थी वह अब तक स्पष्ट नहीं है.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की सदस्यता बहाल नहीं करने को लेकर पार्टी केंद्र सरकार पर हमलावर है. पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राहुल गांधी अविश्वास प्रस्ताव में शामिल होने से डर रहे हैं.
कांग्रेस ने शनिवार को मणिपुर हिंसा मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘चुप्पी’ पर सवाल उठाया और पूछा कि उन्होंने मुख्यमंत्री बीरेन सिंह को पद पर बने रहने की अनुमति क्यों दी. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘बार-बार शस्त्रागार लूट’ के बारे में एक समाचार रिपोर्ट का हवाला दिया, जिससे सुरक्षा बल चिंतित हो गए. इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि 1 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि मई की शुरुआत से ही मणिपुर में ‘सांविधानिक मशीनरी और कानून एवं व्यवस्था मशीनरी पूरी तरह से चरमरा गई है.फिर भी प्रधानमंत्री चुप हैं और पूरी तरह से बदनाम मुख्यमंत्री को बने रहने देते हैं.
उन्होंने ट्वीट किया, कि ''23 मार्च को सूरत सेशंस कोर्ट ने राहुल गांधी को "दोषी" क़रार दिया था. उसके 26 घंटे बाद उनकी संसद सदस्यता को रद्द करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया था." उस पूरी तरह से ग़लत दोषसिद्धि पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रोक लगाए 26 घंटे बीत चुके हैं.राहुल गांधी की संसद सदस्यता अब तक बहाल क्यों नहीं की गई?क्या प्रधानमंत्री को अविश्वास प्रस्ताव में उनके शामिल होने का डर है?
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