स्वामीनाथ शुक्ल
लखनऊ. मिशन 2024 के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नौ साल के नफा नुकसान की ज़मीनी हकीकत परखने के लिए भाजपा का महाजनसंपर्क अभियान चला था. मोदी मिशन को धरातल पर उतारने के लिए सांसद, विधायक, मंत्री, मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री तक को जिम्मेदारी सौंपी गई थी. लेकिन जिम्मेदारों के लापरवाही बरतने की खबर है. जिससे लापरवाही बरतने वालों की कुर्सी खतरे में है. निगरानी के लिए खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और दोनों उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और केशव मौर्य थे. निगरानी के लिए ब्रजेश पाठक को 25 जनपदों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. महा जनसंपर्क अभियान की आख्या रिपोर्ट सबसे पहले उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक शीर्ष नेतृत्व को सौंप दिए हैं. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि 25 जिले की आख्या रिपोर्ट राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, जेपी नड्डा आदि को सौंप दिए हैं. पार्टी के कार्यों की रिपोर्ट गोपनीय होती है. जिससे रिपोर्ट में क्या है इसका खुलासा नहीं होता है. लेकिन भाजपा के बड़े नेताओं का कहना है कि निगरानी समिति की रिपोर्ट में विकास कार्यों की ज़मीनी हकीकत, अधिकारियों की कार्यशैली,बूथ अध्यक्ष, मंडल अध्यक्ष, जिलाध्यक्ष, प्रभारी मंत्री, सांसद, विधायक,जनता की पहली पसंद के लोकसभा उम्मीदवार, जीत-हार का आकलन, लोगों की अपेक्षा, उपेक्षा, नाराजगी का कारण, संगठन और सरकार के बीच का तालमेल आदि का लेखा जोखा है. भाजपा लोकसभा चुनाव के एक साल पहले से विपक्ष की घेराबंदी में जुटी है. कारण 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 62 सीटें मिली थी. जबकि बसपा 10, सपा 5, कांग्रेस 1और अपना दल एस को 2 सीटें मिली थी. आजमगढ़ और रामपुर के उप चुनाव में भी भाजपा कब्जा जमा चुकी है. भाजपा 2019 की हारी हुई सीटों पर विशेष नजर बनाए हुए हैं. टीबी चैनलों के नए सर्वे रिपोर्ट में भाजपा को 70,सपा 4, कांग्रेस 2, अपना दल एस 2,सुभासपा 1 और रालोद को 1 सीट मिलने की संभावना जताई जा रही है. लेकिन नए सर्वे रिपोर्ट में मायावती की बसपा का खाता नहीं खुलेगा. आने वाले लोकसभा चुनाव पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि भाजपा 80 सीटों पर कब्जा करेंगी. इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिन-रात मेहनत करते हैं. जबकि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि भाजपा महाजनसंपर्क अभियान की आख्या रिपोर्ट के मुताबिक लोकसभा चुनाव के उम्मीदवारों का चयन करेगी. इसके बाद जिलाध्यक्षों और मंत्रिमंडल के फेरबदल में रिपोर्ट शामिल की जाएंगी. जिससे लापरवाही बरतने वालों की कुर्सी पर खतरा मंडराने लगा है.
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