माफी मांगने से इनकार

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माफी मांगने से इनकार

  आलोक कुमार

 नई दिल्ली.आज शुक्रवार चार अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी.अब सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर जाकर टिक गई हैं.भारत के सुप्रीम कोर्ट (उच्चतम न्यायालय) को संविधान का रक्षक कहा जाता है तथा समय-समय पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा संविधान की रक्षा की गई है. संवैधानिक व्यवस्था के माध्यम से ही उच्चतम न्यायालय को इतना महत्व और इतनी शक्तियां दी गई हैं.

  इस बीच मोदी सरनेम केस में राहुल गांधी ने माफी मांगने से इंकार कर दिया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा कि यह माफी मांगने का कृत्य नहीं है. इस मामले में 4 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी.

  कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ‘मोदी सरनेम’ मानहानि मामले में कोर्ट में माफी मांगने से इनकार करते हुए कहा कि मेरा बयान राजनीतिक था. राहुल गांधी ने अदालत में कहा कि मैंने एक राजनीतिक नेता की हैसियत से बयान दिया था. उन्होंने कहा कि करप्शन पर बोलना मेरी जिम्मेदारी है और मैंने अपना फर्ज निभाया है. राहुल ने कहा कि मैं माफी नहीं मांगूंगा, मुझे कोर्ट की दया नहीं चाहिए. अदालत से सजा सुनाए जाने के बाद राहुल गांधी ने महात्मा गांधी के प्रसिद्ध कथन श्मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है. सत्य मेरा भगवान.

  राहुल गांधी ने कहा कि उनके खिलाफ मामला एक अपवाद है, जिसके मद्देनजर दोषसिद्धी पर रोक लगाई जाए. राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट से गुजरात हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग की. राहुल गांधी ने 2019 मानहानि मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगाने की अपनी याचिका पर पूर्णेश मोदी के जवाब पर हलफनामा दाखिल किया.

     राहुल गांधी ने मामले से जुड़े याचिकाकर्ता पूर्णेश मोदी द्वारा खुद को अहंकारी कहने पर उनके जवाब की निंदा की. राहुल ने अपने हलफनामे में कहा कि मेरे खिलाफ पूर्णेश मोदी ने अहंकारी शब्द का इस्तेमाल सिर्फ इसलिए किया, क्योंकि उन्होंने इस मामले मे माफी मांगने से इनकार करते हुए मामला कोर्ट पर छोड़ दिया.

  राहुल गांधी ने अपने जवाब मे कहा है कि माफी मांगने से मामले मे चल रहे ट्रायल की दिशा बदल सकती है. साथ ही आरपी एक्ट के तहत आपराधिक प्रक्रिया और उसके परिणामों का उपयोग करना अदालत में चल रही प्रक्रिया का दुरुपयोग भी हो सकता है. राहुल ने अपने हलफनामे में कहा है कि बिना किसी गलती के माफी मांगने के लिए किसी भी जनप्रतिनिधि को मजबूर नहीं किया जा सकता है. यह जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत आपराधिक प्रक्रिया के साथ न्यायिक प्रक्रिया का घोर दुरुपयोग जैसा है और सुप्रीम कोर्ट को इसे स्वीकार नहीं करना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट अब 4 अगस्त को मामले की सुनवाई करेगा.

     पूर्णेश मोदी ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में राहुल गांधी की अपील को खारिज करने की मांग की थी. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने मोदी उपनाम वाले सभी लोगों को बदनाम किया है. पूर्णेश मोदी ने 2019 में राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था. 13 अप्रैल, 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान राहुल गांधी ने टिप्पणी की थी.  


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