पटना.लोकसभा का चुनाव 2024 में है.उसके बाद 2025 में बिहार विधानसभा का चुनाव है. 26 दलों के गठबंधन इंडिया यानी इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस ने बुनियाद मजबूत करने में लग गयी है.इस संदर्भ में बिहार में छह आयोग और बोर्ड का पुनर्गठन किया गया है.जदयू और राजद ने आपस में अध्यक्ष का पद बांट लिया है.एक पूर्व सांसद और पांच पूर्व विधायकों को अध्यक्ष पद मिला है.वहीं राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पुनर्गठन में एक वर्ग विशेष को छोड़कर अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की अनदेखी करने से लोगों में व्यापक आक्रोश व्याप्त है.
संस्कृत शिक्षा बोर्ड के राजद के पूर्व विधायक भोला यादव को अध्यक्ष बनाया गया हैं.राजद के प्रवक्ता चितरंजन गगन के अलावा कांग्रेस के विधान परिषद सदस्य प्रेमचंद मिश्रा जदयू के विधायक विनय चौधरी और ललित मंडल इसके सदस्य बनाए गए हैं.
दो साल नौ महीने के बाद बिहार सरकार ने राज्य महिला आयोग का पुनर्गठन कर दिया है.आयोग की कमान उजियारपुर की पूर्व सांसद सह जदयू जिलाध्यक्ष अश्वमेध देवी को सौंपी गई है.उन्हें इस पद पर मनोनीत किया गया है.पूर्व सांसद अश्वमेध देवी राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बनायी गयी हैं.अध्यक्ष श्रीमती अश्वमेध देवी, ग्राम-मधुरापुर,बाजार समिति के निकट समस्तीपुर.सदस्य (गैर सरकारी अनुसूचित जाति)श्रीमती प्रभावती मांझी,कायमगंज,वार्ड नं.2,नगर पंचायत,मखदुमपुर, जहानाबाद,सदस्य (गैर सरकारी अनुसूचित जनजाति ) डॉ. सुजाता सुम्ब्रई,ग्राम और पोस्ट तरवारा,थाना-जीबी नगर,सिवान, सदस्य ( गैर सरकारी अल्पसंख्यक) रबिया खातून, ग्राम और पोस्ट पुरैनी बाजार,जिला-भागलपुर,सदस्य (गैर सरकारी पिछड़ा वर्ग ) श्रीमती सुनीता कुशवाहा, पोस्ट और थाना भोरे गोपालगंज,सदस्य (गैर सरकारी विधि-विधान )श्रीमती श्वेता विश्वास,गा्रम पोस्ट मसौढ़ी,पालीगंज,पटना,सदस्य (गैर सरकारी सामाजिक कार्यकर्ता) श्रीमती सुलोचना देवी, ग्राम और पोस्ट दुर्गापुर,थाना-भवानीपुर,पूर्णिया,सदस्य (गैर सरकारी शिक्षाविद्) प्रो. गीता यादव,ग्राम-गौतम नगर,गंगजाला,वार्ड नं.15,सहरसा,
पदेन सरकारी सदस्य समाज कल्याण द्वारा मनोनीत एक प्रतितिधि,पदेन सरकारी सदस्य गृह विभाग द्वारा मनोनीत एक प्रतिनिधि और पदेन सदस्य-सचिव प्रबंध निदेशक,बिहार राज्य महिला एवं बाल विकास निगम,पटना.
बिहार राज्य अल्पसंख्यक आयोग का भी पुनर्गठन किया गया है. विभागीय अधिसूचना के मुताबिक पूर्व विधान पार्षद रियाजुल हक उर्फ राजू को अध्यक्ष और किशनगंज के नौशाद आलम को उपाध्यक्ष बनाया गया है. वहीं जहानाबाद के मुजफ्फर हुसैन राही, रोहतास के महताब आलम उर्फ काबुल अहमद, पश्चिम चंपारण के इफतेखार अहमद उर्फ मुन्ना त्यागी, मुजफ्फरपुर के डा. इकबाल समी, नवादा की अफरोजा खातून, सिवान के मुर्तजा अली कैसर और बेगूसराय के मुकेश जैन यानी कुल सात सदस्य को मनोनीत किये गये है.
अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष का पद राजद को और उपाध्यक्ष पद जदयू को मिला है.तो उपाध्यक्ष पद पर जदयू के नौशाद आलम मनोनीत हुए. सदस्यों के सात में से राजद को चार और जदयू को दो पद मिला है.एक सदस्य मुकेश जैन स्वतंत्र हैं. आयोग के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सदस्यों के रूप में मनोनीत पदधारकों की कार्य अवधि 25 जुलाई से अगले तीन वर्षों के लिये होगी.
अल्पसंख्यक मोर्चा भारतीय जनता पार्टी बिहार के प्रदेश उपाध्यक्ष राजन क्लेमेंट साह कहते है कि बिहार के नीतीश कुमार की सरकार द्वारा राज्य अल्पसंख्यक आयोग के पुनर्गठन में एक वर्ग विशेष को छोड़कर अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की अनदेखी अत्यंत ही खेद का विषय है.सरकार द्वारा जारी अध्यादेश के मुताबिक पूरे अल्पसंख्यक आयोग की कमान एक वर्ग विशेष के हाथों सौंप कर सरकार ने अपनी तुष्टिकरण की मानसिकता जाहिर कर दिया है.राज्य एवं राष्ट्र के निर्माण में ईसाई,सिख,पारसी एवं बौद्ध समुदाय की अहम भूमिका सर्वविदित है,किंतु आयोग में इन्हें समुचित प्रतिनिधित्व नहीं देकर सरकार ने इन्हें अपमानित करने का काम किया है.
मालूम हो कि बिहार सरकार के द्वारा पंजीकृत क्रिश्चियन वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव ए.ए.ओस्ता को 1993-94 में पहली बार राज्य अल्पसंख्यक आयोग में सदस्य के रूप में मनोनीत किए गए थे.इसके बाद आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में पहली बार फादर बेनी एक्का को मनोनीत किया गया.वे
21-08-1998 से 20-08-2001 तक उपाध्यक्ष पद पर रहे.इसी तरह फादर पीटर अरोकियासामी05-08- 2006 से 04-08-2009 तक रहे.पद्मश्री सुधा वर्गीस 07-08-2012 से 06-06-2015 तक रहे.एम्ब्रोस पैट्रिक 07-08-2015 से 17-06-2016 तक रहे.केवल आठ माह ही उपाध्यक्ष पद पर रहे.उसके बाद सरकार ने ईसाई समुदाय को हाशिए पर ढकेल दिया है.
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