स्वामीनाथ शुक्ल
लखनऊ,18 जुलाई. उत्तर प्रदेश में लोकनिर्माण विभाग की सड़कों का बुरा हाल है. जबकि सड़कों के निर्माण, मरम्मत और रखरखाव के लिए भारी भरकम रकम खर्च की जाती है. लेकिन सरकारी धन के बंटवारे में सड़कों का निर्माण और मरम्मत दोनों बेहद घटिया सामग्री से होता है. जिससे सड़कें महीने भर में उखड़ जाती है. लेकिन अफसर और निर्माण एजेंसियां सड़कों की तरफ मुड़कर नहीं देखते हैं. जिससे यात्रा करने वाले ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर चलने के लिए मजबूर हैं. सड़क निर्माण के लिए दर्जन भर से ज्यादा विभाग बने हैं. लोकनिर्माण विभाग में निर्माण खंड, प्रांतीय खंड, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना खंड, नेशनल हाईवे खंड, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग, जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत, ग्राम पंचायत, विधायक निधि, सांसद निधि, विधानपरिषद सदस्य निधि, विश्व बैंक योजना,नहर विभाग, सिंचाई विभाग आदि सड़कों का निर्माण करती है. लेकिन सड़कों के निर्माण में पत्थर की गिट्टी के बजाय मिट्टी भरी जाती है. जिससे सड़कें बनने के बाद ध्वस्त हो जाती है. अमेठी जनपद के लोकनिर्माण विभाग के निर्माण खंड में सड़कों की तस्वीर बदल गई थी. लेकिन अधिशासी अभियंता अजय कुमार के जाने के बाद से सड़कों पर सारा काम कागज पर चल रहा है. छह महीने से निर्माण खंड का चार्ज सुल्तानपुर के पास था. हस्ताक्षर के लिए फाइल सुल्तानपुर जाती थी. फिरोजाबाद के अधिशासी अभियंता रमेश चंद्र को अमेठी की जिम्मेदारी सौंपी गई है. रमेश चंद्र पहले से ही विवादों के घेरे में है. इनके खिलाफ गाजीपुर और मिर्जापुर में घपले की जांच चल रही है. रमेश चंद्र जौनपुर, आजमगढ़, महराजगंज, बनारस, बलिया, फिरोजाबाद, गाजीपुर, विश्वबैंक आदि में काम कर चुके हैं. मिर्जापुर में मां विंध्यवासिनी कारीडोर और बनारस में गंगा नदी का पुल भी बना चुके हैं. अमेठी के प्रांतीय खंड में सड़कों का और बुरा हाल है. सूफी संत मलिक मोहम्मद जायसी को जाने वाली सड़क पर छावनी से मन्नू राम के पुरवा तक हल्की बारिश में भी गंगा भर जाती है. इस सड़क की मरम्मत के लिए तीसरे महीने सरकारी धन खर्च किए जाते हैं. लेकिन सड़कों की हालत गंभीर बनी हुई है. इस सड़क पर अधिशासी अभियंता शैलेंद्र कुमार ने बताया कि छावनी और पूरे मन्नू राम तक विशेष मरम्मत के लिए प्रस्ताव भेजा गया है. रामदैयपुर से नौगवा तक की सड़क एक महीने पहले पेंटिंग की गई थी. लेकिन सड़क पर गिट्टी के बजाय मिट्टी भरी गई थी. जिससे उखड़ गई है. सिंचाई विभाग की अधिकांश सड़कें खस्ताहाल है. अधिशासी अभियंता धर्मेंद्र वर्मा ने बताया कि सड़क निर्माण के दौरान वे अवकाश पर थे. जिससे सामग्री घटिया लग गई थी. प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अधिशासी अभियंता लखनऊ से निगरानी करते हैं. जिससे इनकी सड़कों का हाल किसी से छिपा नहीं है. सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में सड़कों का और बुरा हाल है. जबकि दिनेश सिंह राज्यमंत्री है. रायबरेली के छतोह ब्लाक में सिसनी में नौ किमी पर पेंटिंग नीचे और मिट्टी ऊपर आ गई है. प्रतापगढ़ की खस्ताहाल सड़कों का मुद्दा पूर्व कैबिनेट मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया सदन में उठा चुके हैं. लेकिन सड़कों की तस्वीर बदली नहीं है. भाजपा के एक मंत्री ने कहा कि लोकनिर्माण मंत्री जितिन प्रसाद के आने के बाद सड़कों की हालत बिगड़ी हुई है. मंत्री को सड़कों की ज़मीनी हकीकत परखने के लिए जिलों में जाना चाहिए. लेकिन भाजपा में आने के बाद भी कांग्रेस का कल्चर नहीं गया है. खस्ताहाल सड़कों पर अयोध्या मंडल के मुख्य अभियंता हरीश त्रिवेदी ने कहा कि आखिरी जुलाई तक बजट आने की उम्मीद है. धन के अभाव में काम बंद पड़े हैं. एक महिला कर्मचारी के यौन शौषण के मामले में त्रिवेदी ने कहा कि अशरफ़ जगी के खिलाफ दो अधिशासी अभियंताओं को जांच सौंपी गई है. रिपोर्ट आने के बाद मुकदमा दर्ज कराएंगे. अशरफ़ जगी प्रांतीय खंड में सहायक लिपिक के पद पर तैनात हैं. साथ में काम करने वाली महिला कर्मचारी के साथ सालों से जबरन यौन शौषण करता था.
Copyright @ 2019 All Right Reserved | Powred by eMag Technologies Pvt. Ltd.
Comments