आलोक कुमार
भोपाल.मध्यप्रदेश में चुनाव होने वाले है.राजनीति दलों के साथ-साथ निर्वाचन आयोग ने भी 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए काम शुरू कर दिया है. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीख से जुड़ी इस वक्त की बड़ी खबर सामने आई है. मिली जानकारी के अनुसार विधानसभा चुनाव 1 अक्टूबर के बाद ही होगा.मध्य प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 6 जनवरी 2024 को समाप्त होने वाला है. पिछला विधानसभा चुनाव नवंबर 2018 में हुआ था.मध्य प्रदेश विधानसभा की सभी 230 सीटों में बहुमत के लिए 116 सीटों की जरूरत है.
इस बीच मध्यप्रदेश के सीधी जिले में आदिवासी युवक के मुंह पर पेशाब करने की घटना के पूरे देश को हिला कर रख दिया. जब इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. अब इस पर सियासत भी होने लगी. कांग्रेस लगातार ही बीजेपी पर आदिवासी विरोधी होने का इलाजाम लगाती रही, उधर आगामी चुनाव को लेकर चिंतिच बीजेपी ने न सिर्फ आरोपी के घर पर बुलडोजर की कार्रवाई की, बल्कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीधी पेशाब कांड के पीड़ित आदिवासी युवक से मुलाकात की. गुरुवार को सीएम हाउस में सीएम शिवराज ने पीड़ित युवक के पैर धोकर माफी मांगी. सीएम बोले मैं इस घटना से द्रवित हूं.मन दु:खी है; दशमत जी आपकी पीड़ा बाँटने का यह प्रयास है, आपसे माफी भी माँगता हूँ, मेरे लिए जनता ही भगवान है!
इस पर उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ट्वीट कर कहा है कि मध्यप्रदेश के सीएम द्वारा सीधी ज़िले के पेशाबकाण्ड के पीड़ित आदिवासी युवक को लगभग 600 किलोमीटर दूर भोपाल बुलाकर सीएम हाऊस में कैमरा के घेरे में उसके पैर धोना सरकारी पश्चाताप कम तथा इनकी नाटकबाजी व चुनावी स्वार्थ की राजनीति ज्यादा लगती है. ऐसा नुमाइशी कार्य क्या उचित?
चूँकि मध्यप्रदेश में विधानसभा का आमचुनाव निकट है, इसलिए सरकार की ऐसी बेचैनी स्वाभाविक. किन्तु पूरे राज्य में खासकर एससी, एसटी, अतिपिछड़े व मुस्लिम समाज के साथ ही सर्वसमाज के लोगों का महंगाई व बेरोजगारी आदि से इनका जीवन जितना त्रस्त हुआ है उसका हिसाब वे जरूर ही माँगेगे.
मध्य प्रदेश के सीधी जिले में एक आदिवासी/दलित युवक पर स्थानीय दबंग नेता द्वारा पेशाब किए जाने की घटना अति-शर्मनाक, जिस अमानवीय कृत्य की जितनी भी निन्दा की जाए वह कम.इसका वीडियो वायरल होने के बाद ही सरकार का जागना इनकी संलिप्तता को साबित करता है, यह भी अति-दुःखद.
मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा इस सम्बंध में मुजरिम को बचाने व उसे अपनी पार्टी का न बताने आदि को त्याग कर उस अपराधी के खिलाफ केवल एनएसए नहीं बल्कि उसकी सम्पत्ति कोे जब्त/ध्वस्त करने की कार्रवाई करनी चाहिए। ऐसी घटनायें सभी को शर्मसार करती हैं.
कोसी प्रमंडल के सुपौल जिले के एक चर्च के पुरोहित ने संपूर्ण कृत्य को अमानवीय करार दिया है.उन्होंने कहा कि यह बहुत ही निंदनीय और घिनौनी करतूत है.पता नहीं कुछ लोगों की क्या मानसिकता है? उक्त पीड़ित को रहने के लिए मकान,खाने के लिए भोजन और पहने के लिए वस्त्र की व्यवस्था करनी चाहिए.वह भी सतत विकास होना चाहिए. आर्थिक, सामाजिक और जैविक तीनों स्तर पर सतत या अनवरत जारी रहे.यह अवधारणा यह भी सुनिश्चित करती है कि विकास के लिए ऐसे वित्तीय प्रबंधन किए जाएं जिसे आने वाली पीढ़ी को चुकाना न पड़े.
वहीं अंधभक्तगण उपदेश देने लगे है कि आप कभी गाँव देहात भी घूम आया करो, आज भी कई घरों में पैर धोये जाते हैं जो आपके घर दूर दराज से पैदल चल के आपसे मिलने आते हैं.ये है हिन्दू संस्कृति.जब दिमाग में गोबर भरा हो तो नफरत और घृणा के अलावा और कुछ समझ नहीं आता.
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