मणिपुर हिंसा के खिलाफ कैंडल लाइट मार्च

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मणिपुर हिंसा के खिलाफ कैंडल लाइट मार्च

आलोक कुमार

पटना.मणिपुर में मेइती और कुकी समुदायों के बीच 55 दिन पहले भड़की हिंसा में 100 से अधिक लोगों की जान चली गई है.मेइती समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'जनजातीय एकजुटता मार्च' आयोजित किए जाने के बाद तीन मई को पहली बार झड़पें हुईं थीं.इसको लेकर शनिवार को नई दिल्ली में सर्वदलीय बैठक हुई.उसी दिन 40 संगठनों के एक समूह ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शन किया.आज रविवार को कैंडल लाइट मार्च निकाला जाएगा.

मणिपुर हिंसा को लेकर संसद भवन में गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में करीब 3 घंटे तक सर्वदलीय बैठक चली.  शांति कैसे हो इसके लिए सभी दलों से बैठक में सुझाव मांगे गए. इस बैठक में भारतीय जनता पार्टी (BJP), कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (TMC), राजद (RJD), वामदलों समेत तमाम राजनीतिक दलों ने हिस्सा लिया.इस बैठक में तमाम राजनीतिक दलों ने अपनी बात रखी. 

 मणिपुर में मेइती और कुकी समुदायों के बीच 55 दिन पहले भड़की हिंसा में 100 से अधिक लोगों की जान चली गई है.केंद्रीय गृह मंत्री ने राज्य में शांति बहाल करने के अपने प्रयासों के तहत चार दिवसीय दौरा किया था.संसद भवन में करीब 3 घंटे तक चली.बैठक के शुरू में गृह मंत्रालय की ओर से शांति स्थापित करने के लिए अब तक उठाए गए कदमों की जानकारी दी गई. वहीं कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री बीरेन सिंह पर जनता का भरोसा नहीं होने का हवाला देते हुए उन्हें हटाने की मांग की.

  बैठक के बाद RJD सांसद मनोज झा ने कहा कि- सर्वदलीय बैठक में खुले मन से बातचीत हुई और तमाम दलों ने अपनी राय दी. हम सबने अपनी राय रखी और गृह मंत्री अमित शाह ने उसे सुना.वहीं डीएमके सांसद तिरुचि शिवा ने कहा कि उन्होंने पिछले 55 दिनों से मणिपुर में चल रही घटनाओं के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की. गृह मंत्री ने सभी की बात सुनी और अमित शाह ने कहा कि वह इसकी निगरानी कर रहे हैं. 

 डीएमके सांसद ने आने कहा कि- 'सबसे दुखद यह है कि प्रधानमंत्री ने इस पर एक शब्द तक नहीं कहा. वहां की स्थिति का अच्छे से पता लगाने के लिए एक सर्वदलीय दल को मणिपुर भेजना चाहिए.' बैठक के बाद अन्य नेताओं ने भी कहा कि- अमित शाह ने जल्द शांति बहाली का भरोसा दिया है. 

  बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा, माकपा सांसद जॉन ब्रिटास, आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह, तृणमूल नेता डेरेक ओ ब्रायन,  शिवसेना (यूबीटी) नेता प्रियंका चतुर्वेदी सहित अन्य नेता मौजूद रहे. 


हिंसा प्रभावित मणिपुर में शांति बहाली की मांग को लेकर 40 संगठनों के एक समूह ने शनिवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शन किया. इस दौरान लोगों ने जातीय हिंसा पर अपनी हार्दिक संवेदना और दुख व्यक्त किया है. रिपोर्ट के अनुसार, जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने वाले समूहों ने राज्य के कुछ हिस्सों में जलाए गए सैकड़ों चर्चें पर भी अपनी पीड़ा व्यक्त की.

समूहों ने एक संयुक्त बयान में कहा कि हमारे राज्य में कानून और व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है, जहां सशस्त्र भीड़ आए दिन शासन करती है. मणिपुर के लोगों द्वारा कई दशकों में बनाई और विकसित की गई संपत्तियां कुछ ही घंटों में जलकर राख हो गई हैं. हालांकि, दुख की बात यह है कि स्थानीय अधिकारी स्थिति को नियंत्रित करने में अप्रभावी साबित हुए हैं, और पीड़ितों का अपने घरों को छोड़कर जाना जारी है. राज्य सरकार मणिपुर के लोगों के जीवन और संपत्ति की रक्षा करने के अपने कर्तव्य में निराशाजनक रूप से विफल रही है.

  वर्तमान में, महिलाओं और बच्चों सहित 1,000 से अधिक व्यक्तियों ने असम और मिजोरम के पड़ोसी क्षेत्रों में राहत शिविरों में शरण ली है. इस बात पर जोर देना महत्वपूर्ण है कि राहत शिविरों में पनाह चाहने वाले लोग बेहद चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं। उनके पास भोजन, कपड़े और साफ पानी जैसे जरूरी सामानों का अभाव है.

  हालांकि, हम मृतकों के परिवारों को मुआवजे की पेशकश करने वाले तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग की नियुक्ति के लिए गृह मंत्रालय द्वारा की गई पहल की सराहना करते हैं. लेकिन, जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन के आयोजकों ने महसूस किया कि मौजूदा पुनर्वास पैकेज जरूरतों को पर्याप्त रूप से पूरा करने में कम है. एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा कि स्कूलों से बच्चों के विस्थापन ने भी स्थिति को खराब कर दिया है.

गौरतलब है कि तीन मई को मणिपुर में पहली बार हिंसा भड़कने के बाद से अब तक करीब 120 लोग मारे जा चुके हैं और 400 से ज्यादा घायल हुए हैं.इसके अलावा लगभग 50,650 पुरुष, महिलाएं और बच्चे अपने स्थान को छोड़कर दूसरे स्थानों पर शिफ्ट हुए हैं.249 चर्चों को आग के हवाले कर बर्बाद कर दिया गया.

    आज रविवार को मणिपुर में हिंसा के विरूद्ध कैंडल लाइट मार्च निकाला जाएगा.राजधानी के दिल डाक बंगला चौराहा से 

कैंडल लाइट मार्च निकल कर बिस्कोमान गोलंबर तक आकर समाप्त हो जाएगा.यह कैंडल लाइट मार्च पटना महाधर्मप्रांत के ईसाई समुदाय का नेतृत्व करने वाले आर्चबिशप सेबेस्टियन कल्लूपुरा का आह्वान पर किया जा रहा है.उन्होंने कहा कि कैंडल लाइट मार्च शाम 06:00 से डाक बंगला चौराहा से निकाला जाएगा.अधिकाधिक संख्या में मोमबर्ती के साथ आने का आह्वान भी किया है.




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