गांधी के हत्यारे का महिमामंडल मंजूर नहीं- केडी यादव

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गांधी के हत्यारे का महिमामंडल मंजूर नहीं- केडी यादव

आलोक कुमार

पटना.उन्माद-उत्पात की ताकतों के खिलाफ हक व इंसाफ के लिए मुस्लिमों-दलितों-महिलाओं और समाज के कमजोर तबके की व्यापक एकता के आह्वान के साथ आज इंसाफ मंच के पटना महानगर का सम्मेलन आइएमए हॉल, पटना में सफलतापूर्वक संपन्न हो गया. सम्मेलन से गालिब को अध्यक्ष व रामलखन चौधरी को सचिव चुना गया. इसके पूर्व डॉ. अलीम अख्तर, रामलखन चौधरी और आसमा खान के तीन सदस्यों के अध्यक्षमंडल के नेतृत्व में सम्मेलन की शुरूआत हुई.

इंसाफ मंच के सम्मेलन को संबोधित करते हुए माले विधायक सत्यदेव राम ने कहा कि फासीवादी भाजपा के निशाने पर मूलतः देश के मुस्लिम, दलित व महिलाएं हैं. वे अब डॉ. अंबेडकर पर भी हमले कर रहे हैं. बिहार में जगह-जगह उनकी मूर्तियां तोड़ी जा रही हैं. अंबेडकर की मूर्तियों पर हमला करके वे देश के धर्मनिरपेक्ष ढांचे पर हमला कर रहे हैं. इन ताकतों के खिलाफ मुस्लिमों-दलितों व महिलाओं की व्यापक एकता आज समय की मांग है.


केडी यादव ने अपने संबोधन में कहा कि भाजपा का असली चेहरा देश की जनता के सामने खुलकर आ गया है. धार्मिक प्रतीकों का राजनीतिक इस्तेमाल करने के बावजूद इनकी हार सुनिश्चित है. हमलोगों को एक बड़ा आंदोलन खड़े करने की दिशा में लगना होगा. जबतक हमारे हाथ में लाल झंडा है कोई मोदी इस देश के लोकतंत्र और संविधान को नुक़सान नहीं पहुंचा सकता है. आज गांधी के हत्यारे को राष्ट्रीय नायक के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है. गिरिराज सिंह रणवीर सेना के प्रमुख ब्रह्मेश्वर सिंह को गांधी बताते हैं और गोडसे सरीखे हत्यारे को सही साबित करने की कोशिश करते हैं. यह हमें मंज़ूर नहीं है.


एएन सिन्हा संस्थान में कार्यरत डॉ विधार्थी विकास ने कहा कि मुस्लिम तो बहाना है असली निशाना दलितों को मिटाना है. देश में खौंफ का मंजर बनाया जा रहा है. मनुस्मृति के जरिए देश को ग़लत दिशा में ले जाया जा रहा है. 4 करोड़ गरीब परिवार ऐसे हैं जिनको सुरक्षित भूमि परिपत्र नहीं है. देश की बहुत बड़ी आबादी को नागरिकता से बेदखल करने की प्लानिंग है. मणिपुर में विघटनकारी राजनीति के जरिए जनसंहार कराया जा रहा है जिसके पीछे मनुवादी शक्तियां हैं. सेंगोल मनुवादी फासीवाद का प्रतीक है. यह बहुत ख़तरनाक दौर है. लोकतंत्र पर खतरा है. देश पर खतरा है.


इंसाफ मंच के राज्य सचिव कयामुद्दीन अंसारी ने कहा कि आज मुस्लिम समुदाय देश के नए दलित बनाए जा रहे हैं. इंसाफ मंच 25 जून को पटना के गेट पब्लिक लाइब्रेरी में तीसरा राज्य सम्मेलन आयोजित कर रहा है. देश में उन्माद-उत्पात की राजनीति व बड़े ओहदेदारों द्वारा नफ़रत फैलाने की कोशिश के खिलाफ इंसाफ मंच खड़ा है. इसका गठन नागरिकता कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के दरम्यान समाज की जरूरत के अनुसार हुआ है. बिहार के विभिन्न जिलों में रामनवमी के मौके पर एकतरफा मुस्लिम समुदाय पर हमला किया गया है जो कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा.


सामाजिक कार्यकर्ता सरफराज ने कहा कि फासीवादी ताकतें शिक्षा के केंद्र पर हमले कर रही है, जिसका ताज़ा उदाहरण बिहार शरीफ के अजीजिया मदरसे पर हमले की घटना है. सासाराम और बिहारशरीफ के दंगाइयों की गिरफ़्तारी और सज़ा होनी चाहिए. महिलाओं पर हो रहे ज़ुल्म और अत्याचार के खिलाफ भी संघर्ष जारी रखना होगा.

    एआइपीएफ के संयोजक कमलेश शर्मा ने सम्मेलन से एकजुटता प्रकट करते हुए कहा कि भाजपा से आज निर्णायक जंग का समय आ गया है. कर्नाटक की जनता ने चुनाव में इनके सभी हथकंडों को ख़ारिज़ करते हुए उन्हें बुरी तरह हरााया. आगामी लोकसभा चुनाव में तमाम लोकतंत्र व न्याय पसंद लोग एकताबद्ध होकर भाजपा की हार सुनिश्चित करेंगे.

          नजरुल हुदा ने कहा कि बिना कुर्बानी के मंजिल नहीं मिलती है. बिना हुक़ूमत हासिल किए कुछ नहीं हो सकता है. न्यायालय में कुछ ही परिवारों का बोलबाला है. 275 सांसद ऊंची जाति के हैं. झुग्गी झोपड़ी में रहने वालों को साथ लाना होगा. ज़ुल्म सिर्फ मुस्लिमों पर ही नहीं सभी अकलियतों पर हो रहा है. बाबू लाल मांझी उर्फ भेजा जी ने कहा कि मुस्लिम, दलित और पिछड़ा वर्ग आपस में भाई हैं. यदि इनमें एकता हो जाए तो भाजपा को पीछे धकेल देंगे. नरेन्द्र मोदी कठपुतली है, इसके पीछे अडानी और अंबानी हैं. सुप्रीम कोर्ट के जज अभी भी उच्च वर्ग के ही क्यूं ?

           मुमताज रूही (कांग्रेस) ने शेर पढ़ते हुए कहा कि ना हो माहौल मायूस कि दुनिया खुद बसा अपनी दिलों में हौसला बसा अपनी. यह खामोशी यह मिजाजी हमें जीने नहीं देती इसको बदलने के लिए कोहराम मचा दो. भाजपा एकता और मुहब्बत की दुश्मन है इसे हर हाल में गद्दी से उतार फेंकने के लिए एकजुट हों.

          सम्मेलन से उपाध्यक्ष के बतौर डॉ. अलीम अख्तर, मुर्तजा अली, नसीम अंसारी, जावेद अहमद, अफजल हुसैन, विश्वनाथ चौधरी, महंत मांझी, डॉ. अर्जुन राम और सह सचिव के रूप में शहजादे आलम, आसमा खान, मुजफ्फर आलम, अशरफी सदा के चुन गया. सम्मेलन का संचालन गालिब ने किया. जसम के प्रमोद यादव और पुनीत पाठक ने गीतों की प्रस्तुति दी.


इंसाफ मंच के पहले पटना महानगर सम्मेलन से लिए गए प्रस्ताव


1. इंसाफ मंच का यह सम्मेलन गुजरात जनसंहार की पीड़िता बिल्किस बानो के बलात्कारियों व उनके परिजनों के हत्यारों को रिहा व सम्मानित करने की घटना को शर्मनाक मानते हुए उन्हें अविलंब सजा देने की मांग करता है.


2. पीएफआइ के नाम पर एनआइए के जरिए फुलवारीशरीफ समेत पूरे बिहार में मुस्लिम समुदाय को आतंकित व बदनाम करने के अभियान की यह सम्मेलन तीखी निंदा करता है और मांग करता है कि इसे बंद किया जाए व इस आधार पर किए गए सभी फर्जी मुकदमें वापस लिए जाएं.


3. इन दिनों फिरकापरस्त ताकतों द्वार शिक्षा के केंद्रों पर हमले और पाठ्यक्रमों के सांप्रदायीकरण का अभियान चल पड़ा है. इंसाफ मंच इसपर अविलंब रोक लगाने व गया के ऐतिहासिक सोगरा कॉलेज और अजीजिया मदरसे को नष्ट कर दिए जाने को शर्मनाक करार देते हुए इन्हें जल्द पुनर्निर्मित करने की मांग करता है.


4. पर्व- त्योहारों के दौरान सांप्रदायिक उन्माद उत्पात की घटनाएं पिछले दिनों सुनियोजित तरीके से बढ़ी हैं. सासाराम और बिहारशरीफ के हालिया उदाहरणों के अलावा पटना समेत बिहार के अनेक जिलों में तनाव पैदा करने की कोशिशें की गईं. इसकी तीखी भर्त्सना करते हुए इंसाफ मंच का यह सम्मेलन सरकार और प्रशासन से यह मांग करता है कि त्योहारों के शांति और सौहार्द के साथ संपन्न होने की गारंटी करते हुए इसे सांप्रदायिक उकसाए के लिए उपयोग कर लिए जाने की कोशिशों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया जाए.


5. आधुनिक राष्ट्र के निर्माता बाबा साहब डॉ.भीमराव अंबेडकर की मूर्तियों को विरूपित और नष्ट करना संविधान विरोधी सांप्रदायिक उन्मादी ताकतों का नया अभियान है. यह उनके लोकतंत्र और देश विरोधी होने की एक और पहचान बनकर सामने आया है. इंसाफ मंच इसकी आलोचना करते हुए ऐसे मामलों में अपराधियों को अविलंब दंडित करने की मांग करता है.


6. धार्मिक आयोजनों के दौरान धर्मगुरुओं की ओर से सांप्रदायिक वक्तव्यों के जरिए उन्माद पैदा करने की भी सुनियोजित कोशिशें हो रही हैं. पिछले दिनों पटना के नौबतपुर में  हुआ ऐसा ही एक आयोजन इसका ताज़ा उदाहरण है. इंसाफ मंच ऐसे प्रयासों पर चौतरफा रोक लगाए जाने की मांग करता है.


7. महिला पहलवानों के साथ यौन उत्पीड़न के आरोपी भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह की संसद सदस्यता खत्म कर उसे गिरफ्तार करने की मांग यह सम्मेलन करता है.


8. उन्माद- उत्पात की विघटनकारी/विनाशकारी राजनीति के खिलाफ हक़ व इंसाफ के लिए मुस्लिमों - दलितों -महिलाओं और समाज के सभी कमज़ोर वर्गों की व्यापक एकता के लिए पहल तेज़ करने की मांग यह सम्मेलन करता है.


9. दलित-पिछड़ा-महिला-अकलियत व संविधान विरोधी हिंदू राष्ट्र के नारे के बहाने देशवासियों पर फासीवाद थोपने की कोशिशों के खिलाफ दलितों, मुस्लिमों, महिलाओं व सभी कमज़ोर वर्गों के लिए हक़ और इंसाफ का संघर्ष तेज़ करने के लिए एकजुट होने का आह्वान करते हुए यह सम्मेलन इंसाफ मंच को व्यापक और मजबूत बनाने का संकल्प लेता है.


10. अमन, न्याय, लोकतंत्र व संविधान की रक्षा के लिए  पटना के सभी इलाकों में एक लोकप्रिय मंच के रूप में इंसाफ मंच को निर्मित करने का संकल्प यह सम्मेलन लेता है.

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