आलोक कुमार
भोपाल.गांधी भवन भोपाल में दो दिवसीय गांधी विचार चिंतन शिविर का आयोजन 30 व 31 मई को होने जा रहा है.मौजूदा राष्ट्रीय परिस्थिति महात्मा गांधी और भारतीय संविधान विषय पर चिंतन करने मध्यप्रदेश के लगभग सभी जिलों से गांधी जन भोपाल पहुंच रहे हैं.मध्य प्रदेश में इस तरह का यह एक बड़ा अवसर होगा, जिसमें देश की चार प्रमुख संस्थाओं के अध्यक्ष सहभागी होंगे. रामचंद्र राही, जो वर्तमान में राष्ट्रीय गांधी स्मारक निधि के अध्यक्ष हैं.
बता दें कि श्री राही पिछले सात दशकों से गांधी विचार को लेकर काम कर रहे हैं. आचार्य विनोबा भावे और जयप्रकाश नारायण के साथ काम करने का भी उनका अपना अनुभव है. राष्ट्रीय गांधी स्मारक निधि के देशभर के 18 राज्यों में प्रांतीय केंद्र होने के अलावा कई रचनात्मक गांधियन संस्थाएं भी हैं, जिनका संचालन श्री राही के नेतृत्व में हो रहा है.
दूसरी प्रमुख संस्था अखिल भारत सर्वोदय समाज ( सर्व सेवा संघ ) हैं, जिसके वर्तमान अध्यक्ष चंदन पॉल हैं.जिनका पूरा जीवन गांधी विचार को लेकर समर्पित है.श्री पॉल ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में शांति स्थापना के कार्य में अपने जीवन का महत्वपूर्ण समय लगाया है.सर्वोदय समाज की स्थापना आचार्य विनोबा भावे के नेतृत्व में 1948 में हुई थी, जो देश में गांधी विचार की प्रमुखतम वैचारिक व रचनात्मक संस्था है. इस संस्था के माध्यम से देश के कोने कोने में शांति और सद्भाव स्थापित करने के काम समय-समय पर हुए हैं.
श्रीमती आशा बोथरा जो वर्तमान में सेवाग्राम आश्रम प्रतिष्ठान की अध्यक्ष है.जो पिछले 5 दशकों से सर्वोदय विचार प्रचार में सक्रिय हैं, राजस्थान सर्वोदय मंडल की प्रमुख भी रही, उनके द्वारा राजस्थान में प्रौढ़ शिक्षा को लेकर काफी उल्लेखनीय कार्य किया गया.वर्तमान में वह सेवाग्राम आश्रम के माध्यम से बापू के रचनात्मक कार्यक्रमों को लेकर काम कर रही हैं. सेवाग्राम आश्रम की स्थापना 1936 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने की थी, उसके बाद से यह स्थान राष्ट्रीय आंदोलन का प्रमुख केंद्र बिंदु रहा.
श्री संजय सिंह वर्तमान में गांधी भवन न्यास के अध्यक्ष हैं जो पिछले 2 दशकों से गांधी प्रणीत रचनात्मक कार्यक्रमों में सक्रिय एक नौजवान गांधी विचारक हैं.उनके नेतृत्व में गांधी भवन, मध्य प्रदेश में जन आंदोलनों का एक प्रमुख केंद्र बिंदु है. जहां से व्यापक सामाजिक गतिविधियां संचालित हो रही है.श्री अशोक शरण जो खादी ग्राम उद्योग बोर्ड के मेंबर रहें हैं. वह खादी के रचनात्मक विचार को लेकर पूरे देश में काम कर रहे हैं.इस प्रकार राष्ट्रीय संस्थाओं के अध्यक्ष के सानिध्य में मध्यप्रदेश की प्रमुख गांधीवादी व सामाजिक संस्थाओं के लोग भी इस चिंतन शिविर का हिस्सा होंगे.
इस दृष्टि से भोपाल के गांधी भवन में अगले 2 दिन बहुत महत्वपूर्ण साबित होने वाले हैं जहां लगभग 100 गांधी विचार के साथी मिलकर देश की वर्तमान परिस्थितियों और चुनौतियों को ध्यान में रखकर मंथन चिंतन करेंगे. इस दृष्टि से भी यह चिंतन शिविर महत्वपूर्ण है जब देश में वैचारिक तोड़ मरोड़ व सांप्रदायिकता की राजनीति चरम पर है. ऐसे में यह चिंतन शिविर हमारे सामने कुछ सामयिक कार्यक्रम को लेकर प्रासंगिक बनकर उभरने वाला है.
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