पटना में 12 जून को विपक्षी नेताओं की बैठक

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पटना में 12 जून को विपक्षी नेताओं की बैठक

आलोक कुमार

पटना.बिहार की सियासी गलियारे से एक बड़ी खबर सामने आई है.मिल रही जानकारी के अनुसार, राजधानी पटना में विपक्षी दलों की बड़ी बैठक होगी.यह बैठक पटना के ज्ञान भवन में होगी. केंद्र सरकार को बारह बजाने के लिए 12 जून को देशभर के विपक्षी नेताओं की बैठक होगी. जिसमें तमाम दलों के बड़े नेता शामिल होंगे. जहां लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी एकता की रणनीति पर चर्चा होगी.

     इस बैठक में बीजेपी विरोधी पार्टियां शामिल होंगी.18 दलों के शामिल होने की बात सामने आ रही है. इस बैठक में लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर रणनीति बनाई जाएगी. इस बैठक के दौरान विपक्षी एकता को भी प्रदर्शित किया जाएगा.मालूम हो कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार लगातार विपक्षी एकता की कवायद में जुटे हुए हैं. पाला बदलकर महागठबंधन में शामिल होने के बाद वह बीजेपी के खिलाफ विपक्ष को एक मंच पर लाने के लिए दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, लखनऊ और भुवनेश्वर नाप रहे हैं. नीतीश कुमार की ये कोशिश अब कामयाब होती नजर आ रही है. 2024 चुनाव से पहले विपक्षी एकता स्वरूप लेने लगा है. 

       इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में जानकारी दी कि 12 जून को राजधानी में देश के 18 विपक्षी दलों का महाजुटान होगा. इसमें 2024 चुनाव को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष का एकजुट मुकाबले के लिए रणनीति बनाने पर चर्चा होगी और इसके जरिए विपक्षी एकता के लिए ठोस पहल की जाएगी.हालांकि इस मुहिम में नीतीश कुमार को नवीन पटनायक के बाद सपा के अखिलेश और बसपा की मायावती की तरफ से भी कोई खास रिस्पांस नहीं मिला है.जिन सियासी दलों के नेता इसमें भाग लेंगे उनमें कांग्रेस से राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे, तृकां से ममता बनर्जी, आम आदमी पार्टी से अरविंद केजरीवाल, झामुमो से हेमंत सोरेन, शिवसेना से उद्धव ठाकरे, एनसीपी से शरद पवार, राजद से तेजस्वी यादव, सीपीआई, सीपीएम, जदयू, भाकपा माले, डीएमके आदि प्रमुख हैं.ओड़िसा के सीएम व बीजेडी नेता नवीन पटनायक ने पहले ही इस बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया है. वहीं समाजवादी पार्टी के अखिलेश और बसपा की मायावती ने इसपर नकारात्मक रूख ही अख्तियार कर रखा है.

 इस बीच बिहार में विपक्षी एकजुटता को लेकर ताना-बाना बुना जा रहा है. लोकसभा के चुनाव में जेडीयू सभी 40 सीटों पर तैयारी कर रही है. सीट बंटवारे को लेकर कोई पेंच न फंसे इसलिए जेडीयू कई फार्मूले पर काम कर रही है. क्योंकि 2019 में एनडीए में जेडीयू को 16 सीटों पर जीत मिली थी. लेकिन इस बार 7 दलों के होने की वजह से कहीं न कहीं जेडीयू को कॉम्प्रोमाइज करना पड़ सकता है. ऐसे में विवाद भी हो सकता है. पार्टी में या महागठबंधन में फूट का भी खतरा हो सकता है.

      RJD कार्यालय में आयोजित बैठक के बाद बिहार महागठबंधन दलों के नेताओं ने की है. और प्रदेश से लेकर पंचायत स्तर तक महागठबंधन को-आर्डिनेशन कमेटी बनाने की घोषणा की गई है. इसके साथ ही 15 जून को महागठबंधन प्रखंड स्तर पर केंद्र सरकार के नीतियों के खिलाफ धरना प्रदर्शन करेगा. इसमें बेरोजगार महंगाई के मुद्दे शामिल हैं.


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