आलोक कुमार
पटना.सोमवार 24 अप्रैल को कांग्रेस के पूर्व सांसद राहुल गांधी को पटना हाईकोर्ट से राहत मिल गई है.अब मंगलवार 25 अप्रैल को पटना के एमपी-एमएलए कोर्ट में सशरीर हाजिर नहीं होंगे.पटना हाईकोर्ट ने एमपी एमएलए कोर्ट के आदेश पर स्टे लगाते हुए 15 मई की तारीख दी है.
भाजपा सांसद और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने 2019 में केस किया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि 2019 में कर्नाटक के कोलार में चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा था कि "सारे मोदी चोर हैं".मेरा सरनेम मोदी ही है.इस बयान से मोदी सरनेम वाले लोग काफी आहत हुए थे.इसलिए उन्होंने कोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया था.इस वक्त राहुल गांधी इस मामले में बेल पर चल रहे हैं.
दरअसल कांग्रेस के पूर्व सांसद राहुल गांधी को 12 अप्रैल को पटना एमपी-एमएलए कोर्ट को पेश होना था, लेकिन वे नहीं आए. उस दिन सूरत कोर्ट से सजा होने के बाद कोर्ट में राहुल गांधी थे.तब पटना के एमपी-एमएलए कोर्ट में उन्हें मोदी सरनेम केस में 25 अप्रैल यानी मंगलवार को सशरीर हाजिर होने का आदेश दिया था.
इसके बाद राहुल गांधी ने पटना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया.राहुल गांधी की ओर से मोदी सरनेम केस में एमपी-एमएलए कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने व 25 अप्रैल यानी मंगलवार को सशरीर हाजिर होने का आदेश के आलोक में पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी.सोमवार को हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई.जस्टिस संदीप कुमार की कोर्ट ने एमएपी-एमएल कोर्ट में पेशी के आदेश पर स्टे लगा दिया.पटना हाईकोर्ट ने एमपी एमएलए कोर्ट के आदेश पर स्टे लगाते हुए 15 मई की तारीख दी है,तब तक नीचली अदालत की प्रक्रिया पर रोक लगी रहेगी.
इस बीच कांग्रेस के पूर्व सांसद राहुल गांधी ने शनिवार को तुगलक रोड लेन स्थित अपने सरकारी बंगले की चाबी लोकसभा सचिवालय को सौंप दी. राहुल ने बंगले का दरवाजा खुद लॉक किया, लोकसभा के स्टाफ को चाबी दी, हाथ मिलाया और मां और बहन प्रियंका के साथ सोनिया गांधी के सरकारी आवास 10 जनपथ के लिए निकल गए.वे अब यही रहेंगे.
बंगला छोड़ने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि अमेठी से 2004 में सांसद चुने जाने के बाद 2005 में उन्हें यह बंगला मिला था.हिंदुस्तान की जनता ने 19 साल के लिए मुझे ये घर दिया.मैं उनको धन्यवाद देना चाहता हूं. मैंने सच बोलने की कीमत चुकाई है. मैं सच बोलने के लिए कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हूं.
वहीं, प्रियंका गांधी ने कहा कि मेरे भाई ने जो भी कहा, वह एकदम सच है. उन्होंने सरकार की सच्चाई बताई, इसलिए उनके साथ ये सब हो रहा है.लेकिन वे बहुत हिम्मत वाले हैं, डरते नहीं है. हम नहीं डरेंगे और अपना संघर्ष जारी रखेंगे.
बता दें कि सूरत की एक अदालत ने राहुल गांधी को मानहानि मामले में दोषी ठहराया था और दो साल की सजा सुनाई गई थी. इसके बाद उन्हें लोकसभा से सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था. इसके बाद लोकसभा सचिवालय की ओर से 22 अप्रैल तक बंगला खाली करने के लिए नोटिस दिया गया था और आज बंगला खाली करने का आखिरी दिन था.
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