आलोक कुमार
पटना.बिहार में बिहार प्रदेश एकता परिषद का पुनर्गठन हुआ है.मुजफ्फरपुर जिले के विजय गोरैया पुनर्गठित एकता परिषद का अध्यक्ष होंगे.बक्सर जिले के प्रदेश संयोजक रंजीत राजभर काे बनाया गया है.पटना जिले के शिवकुमार और जानकी मिथिलेश को प्रांतीय सचिव मनोनीत किया गया है.
मालूम हो कि गांधीवादी विचारक और सर्वोदयी नेता राजगोपाल पी. वी. को साल 2023 का निवानो शांति पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई है.इसके बाद राजधानी पटना में आए थे.यहां 'मित्र मिलन समारोह' में नए और पुराने साथियों से मिले.एक बार फिर विपरित परिस्थियों में गांधी,विनोबा, जयप्रकाश आदि के मार्ग पर चलकर जनांदोलन करने का आह्वान किया गया है.
इस आह्वान के बाद आज रविवार 23 अप्रैल को पटना में एकता परिषद बिहार प्रदेश की प्रांतीय समिति की बैठक हुई. इस बैठक के बाद एकता परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रदीप प्रियदर्शी ने कहा कि बिहार राज्य स्तर पर एकता परिषद की प्रांतीय समिति का पुनर्गठन किया गया है.मुजफ्फरपुर जिले के विजय गोरैया पुनर्गठित एकता परिषद का अध्यक्ष होंगे.विजय गोरैया सर्वसम्मति से निर्वाचित हुए हैं.
उन्होंने आगे कहा कि इस अवसर पर एकता परिषद के प्रदेश संयोजक रंजीत राजभर का चयन किया गया.इसके अलावे जानकी मिथिलेश एवं शिवकुमार को प्रांतीय सचिव मनोनीत किया गया.
एकता परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रदीप प्रियदर्शी ने
बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि अप्रैल से जून माह तक सदस्यता अभियान चलाया जाएगा और जुलाई में युवा शिविर का आयोजन किया जाएगा. इसके साथ साथ संगठन के विस्तार एवं सशक्तिकरण के निमित्त कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा.
एकता परिषद के प्रांतीय समिति ने एकता परिषद के संस्थापक एवं प्रसिद्ध गांधीवादी श्री राजगोपाल पी वी को शांति और अहिंसा के लिए अंतरराष्ट्रीय शांति पुरस्कार से नवाजे जाने पर हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त की गई.
मालूम हो कि गरीबों और वंचित के पक्ष में अहिंसक संघर्ष की राह पर चलने वाले राजगोपाल पी वी को शांति पुरस्कार का प्रमाणपत्र, पदक और 20 मिलियन येन यानी 1.22 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि दी जाएगी. इसकी घोषणा औपचारिक रूप से जापान की निवानो पीस ऑर्गेनाइजेशन ने की है.02 मई को भारत से जापान सर्वोदय नेता राजगोपाल और बहन जिलकार हैरिस जाएंगे.अंतरराष्ट्रीय शांति पुरस्कार सम्मान का मुख्य समारोह जापान की राजधानी टोक्यो में 11 मई को होगा.
मुजफ्फरपुर जिले के विजय गोरैया ने अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार प्रेस से बातचीत करते हुए कहा कि एकता परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष पद का महत्व मुझे पता है. किसी भी जीवंत जनसंगठन का अध्यक्ष पद बड़ी जवाबदेही वाला पद होता है. कई तरह की व्यक्तिगत परेशानियों से घिरे होने के बावजूद मेरी कोशिश रहेगी कि एकता परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष साथी श्री प्रदीप प्रियदर्शी एवं बिहार प्रदेश संचालन समिति व कोर ग्रुप के प्रिय साथियों के भरोसा पर खड़ा उतर सकूँ. सभी साथियों का आभार ! प्रांतीय संयोजक, प्रांतीय सचिव एवं विभिन्न जिला के लिए जिला-संयोजक के पदों पर निर्वाचित होने वाले सभी साथियों को बधाई ! सबको जय जगत !
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