अल्पसंख्यकों के तीन चर्च को ध्वस्त

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अल्पसंख्यकों के तीन चर्च को ध्वस्त

आलोक कुमार

मणिपुर.इस देश में आसानी से अल्पसंख्यकों के आस्था के केंद्र चर्च और मस्जिद को तोड़ा जा सकता है.मगर हिंदू के मंदिर के साथ ऐसा नहीं होता है.अगर होता भी है तो उनका वैकल्पिक व्यवस्था कर दी जाती है.इस बार अल्पसंख्यकों के तीन चर्च को ध्वस्त कर दिया गया.

   विश्व के ईसाई समुदाय ने रविवार 09 अप्रैल को ईस्टर पर्व मनाया.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ईस्टर के मौके पर दिल्ली से सेक्रेड हार्ट कैथेड्रल कैथोलिक चर्च पहुंचे.वहां पर पीएम मोदी का जोरदार स्वागत किया गया. दिल्ली महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष जोसेफ ने उन्हें शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया.उनको गुलदस्ता दिया गया.चर्च के संगीत मंडली के द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किए.कुल मिलाकर मिशनरियों ने जमकर स्वागत किए.

   इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान प्रार्थना में भी हिस्सा लिया.चर्च में कैंडल लाइट किये.उन्होंने यहां एक पेड़ भी लगाया.पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि आज ईस्टर के बेहद खास मौके पर मुझे दिल्ली के सेक्रेड हार्ट कैथेड्रल जाने का मौका मिला. मैं ईसाई समुदाय के आध्यात्मिक नेताओं से भी मिला.

        इससे पहले पीएम मोदी ने ट्वीट कर ईस्टर की शुभकामनाएं दीं थी उन्होंने लिखा था कि यह विशेष अवसर समाज में शांति और सद्भाव की भावना को और गहरा करे. यह पर्व लोगों को समाज की सेवा करने और वंचितों को सशक्त बनाने में मदद करने के लिए प्रेरित करे.हम इस दिन प्रभु ईसा मसीह के पवित्र विचारों को याद करते हैं.

        महज दो दिन के बाद मंगलवार 11 अप्रैल को तीन गिरजाघरों को ध्वस्त कर अमंगल कार्य कर दिया.भारत के उत्तरपूर्वी मणिपुर राज्य में भारतीय जनता पार्टी द्वारा संचालित हिंदू समर्थक सरकार ने 11 अप्रैल की तड़के सांप्रदायिक झड़पों से बचने के लिए तीन गिरजाघरों को ध्वस्त कर दिया. इनमें दो प्रोटेस्टेंट और एक कैथोलिक गिरजाघर शामिल हैं.इससे ईसाई समुदाय दुखित हैं.सबका साथ-सबका विकास नामक नारा पर सवाल खड़ा हो गया है. सभी धर्मों को एक साथ नहीं लेकर चलने का नमूना पेश कर दिए.

     फादर वायलो ने बताया कि ध्वस्त गिरजाघर काथलिक, बैपटिस्ट और लूथरन ख्रीस्तीय गिरजाघर हैं.उन्होंने बताया कि इंफाल धर्मप्रांत ने लगभग 20 साल पहले एक व्यक्ति से ध्वस्त किये गये होली स्पिरिट गिरजाघर की ज़मीन ख़रीदी थी, जिसपर मामला चार साल से अधिक समय से चल रहा था.

    उन्होंने कहा कि 2020 में, "जब हमने अदालत में सरकार के आदेश को चुनौती दी, तो हमारा मामला टिक नहीं सका" क्योंकि विक्रेता ने जमीन बेचने के लिए धोखाधड़ी से दस्तावेज बनाए थे.हालांकि, अदालत ने सरकार के आदेश पर रोक लगा दी और मार्च 2023 तक यथास्थिति की अनुमति दी.

       वियालो ने कहा कि मणिपुर उच्च न्यायालय ने इस साल 4 अप्रैल को यथास्थिति के अपने 2020 के आदेश को रद्द कर दिया और विध्वंस कुछ ही दिनों में हो गया.उच्च न्यायालय ने यथास्थिति के आदेश को रद्द कर दिया क्योंकि गिरजाघर के अधिकारी यह साबित करने के लिए दस्तावेजी प्रमाण प्रदान करने में विफल रहे कि गिरजाघर कानूनी रूप से उनके स्वामित्व वाली भूमि पर बनाए गए थे.      फादर वियालो ने कहा “हम विध्वंस को स्वीकार करते हैं क्योंकि यह सरकार का आदेश है और अपने लोगों से शांत रहने और इलाके में शांति के लिए प्रार्थना करने का आग्रह करते हैं.


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