आलोक कुमार
गया. गया जिले में 12अप्रैल 1974 को गोलीकांड हुआ था.शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे आंदोलनकारियों पर गोलियां चलीं.इसमें कई आंदोलनकारी शहीद हो गए. गया गोलीकांड के 46वीं वर्षगांठ पर बुधवार को शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई.
बिहार प्रदेश जेपी लोकतंत्र सेनानी संगठन की ओर से घटना स्थलों पर जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए सलामी दी गई. सरकारी आकड़े के अनुसार सात लोग शहीद हुए थे.इस कार्यक्रम में संगठन के महासचिव अखौरी निरंजन प्रसाद, उपाध्यक्ष डॉ. (प्रो.) मुंद्रिका प्रसाद नायक, जिलाध्यक्ष जगदेव सिंह, टिकेंद्र, लालजी प्रसाद, उपेंद्र सिंह, सहजानंद सिंह,हरि शंकर प्रसाद, सुरेश प्रसाद, कौलेश्वर मांझी, उपेंद्र सिंह सहित अन्य शामिल रहे.इस मौके पर समाजवादी नेता मो. मशरूर आलम के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई.
वहीं 3 अप्रैल से लोकतान्त्रिक राष्ट्र निर्माण अभियान के तहत पदयात्रा का समापन हो गया.इसमें मणिपुर के साथी टीकेन्दर और गया जिले के उपेंद्र सिंह, गया चौक पर शहीदों को पुष्प अर्पित किये.इसके बाद आकर बाराचट्टी प्रखण्ड मुख्यालय पर दस पंचायतों में पदयात्रा अभियान का समापन समारोह में शामिल हुए.समापन समारोह की अध्यक्षता कुरमामा पंचायत के पूर्व मुखिया श्री दिनेश्वर प्रसाद और संचालन नौआगर्दन के बिनोद प्रसाद दास ने किया.
समापन समारोह में मुख्य वक्ता फादर अंटो जोसेफ ने 3अप्रैल से दस पंचायत के पदयात्रा का अपना अनुभव रखते हुए कहा कि वर्तमान केन्द्र की सरकार हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए लोकतान्त्रिक संस्थाओ को कुंद कर विपक्ष को समाप्त करने पर तुली हुई है.अब वक्त की मांग है कि आम से लेकर खास स्तर की जनता 2024 में विपक्ष की आवाज बनने के लिए कमर कसकर अभी से ही तैयार हो जाए.
मौके पर रामाशीष यादव ने कहा कि आज किसी भी सरकारी दफ्तर में बिना रिश्वत देने के कोई काम नहीं होता है. श्याम बिहारी जी ने कहा कि संविधान के जगह भाजपाई मनु का संविधान पढ़ाने की तैयारी कर रही है और पुनः ब्राह्मणवादी व्यवस्था सरकार थोपना चाहती है.
राष्ट्र सेवा दल के प्रदेश संगठक कारू ने कहा कि लोकतान्त्रिक राष्ट्र निर्माण अभियान बनारस में 14-15 सितंबर 2022 के पारित घोषणापत्र को पूरे देश के लोगों के बीच लेकर जाना है.अडानी अम्बानी की दोस्ती पूरा विश्व में मशहूर है. अडानी का पैसा और मोदी का पैसा को अलग करना मुश्किल हो गया है.
अध्यक्षीय भाषण में दिनेश्वर जी ने कहा कि जिले में किसान संगठन बनाना जरूरी हो गया है. एक साल के अंदर गया किसान युनियन को हर गांव खङा करना होगा। आने वाले छह महीने किसानों का महापंचायत बुलाने के लिए अभी तैयारी होगी. समापन समारोह चार बजे समाप्त करने की घोषणा करते हुए कहा गया कि आगे के कार्यक्रम और रणनीति पर निर्णय के लिए अगले सप्ताह बैठक बुलाई जाएगी.
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