पूरी दुनिया ने गुड फ्राइडे मनाया

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पूरी दुनिया ने गुड फ्राइडे मनाया

आलोक कुमार

पटना.आज पूरी दुनिया में गुड फ्राइडे मनाया  ग या .गुड फ्राइडे ईसाइयों का एक बड़ा त्योहार है. इस त्योहार में ईसाई धर्म को मानने वाले चर्च में जाते हैं और प्रार्थना करते हैं.लेकिन इस दिन चर्च में उत्सव का माहौल नहीं होता है. दरअसल गुड फ्राइडे को प्रभु ईसा मसीह को क्रूस पर लटकाया गया था. जहां बेहद कष्टों का सामना करते हुए प्रभु ईसा मसीह को देह त्याग करना पड़ा था.इस कष्ट से मर्माहत होकर ईसाई समुदाय 40 दिन दुख भोग के रूप में मनाया.उपवास और परहेज रखा. अपने सामर्थ्य के अनुसार दान-दक्षिणा दिए.आज दुख भोग का अंतिम शुक्रवार है.

  यह कहा जाता है कि ईसाई धर्म के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक गुड फ्राइडे भी है जो आज मनाया जा रहा है. यह वह दिन है जब ईसाई धर्म के लोग येसु मसीह के क्रूस को याद करते हैं. ईस्टर संडे से पहले वाले शुक्रवार को गुड फ्राइडे मनाया जाता है.दुनियाभर के ईसाई समुदाय के लोग गुड फ्राइडे को तपस्या, दुःख और उपवास के दिन के रूप में मनाते हैं. इस धर्म का यह पवित्र सप्ताह है 02 अप्रैल से पाम संडे के साथ शुरू हुआ था. यह 09 अप्रैल को ईस्टर के साथ खत्म होगा. बता दें कि 09 अप्रैल को ईस्टर संडे मनाया जाएगा. कलवारी में शुक्रवार को सूली पर चढ़ाए जाने के बाद यह दिन यीशु के पुनरुत्थान का प्रतीक माना जाता है.

    कहा जाता है कि 2000 वर्ष पहले यरुसलेम के गैलिली प्रांत में ईसा मसीह, लोगों को मानवता, एकता और अहिंसा का उपदेश दे रहे थे. उनके उपदेश सुनकर कई लोग उन्हें ईश्वर मानने लगे थे.लेकिन कुछ धार्मिक अंधविश्वास फैलाने वाले धर्मगुरु उनसे चिढ़ने शुरू कर दिया था. जहां एक तरफ लोगों के बीच ईसा मसीह की लोकप्रियता बढ़ रही थी वहीं, दूसरी तरफ यह बात धर्मगुरुओं का अखरने लगी थी. धर्मगुरुओं ने ईसा मसीह की शिकायत रोम के शासक पिलातुस से की.उन्होंने पिलातुस से कहा कि यह व्यक्ति खुद को ईश्वर पुत्र बता रहा है. यह पापी है और ईश्वर राज की बातें करता है. जब उनकी शिकायत की गई तो ईसा मसीह पर धर्म अवमानना करने का आरोप लगाया गया. साथ ही राजद्रोह का आरोप भी लगाया गया.इसके बाद ईसा को क्रूस पर मत्यु दंड देने का फरमान दिया गया.उन्हें कोड़ें-चाबुक से मारा गया और कांटों का ताज पहनाया गया. फिर कीलों से ठोकते हुए उन्हें सूली पर लटका दिया गया.बाइबल के अनुसार, उन्हें जिस जगह पर सूली पर चढ़ाया गया था, उसका नाम गोलगोथा है.

  इसी तरह चालीसा काल (लेन्ट पीरियड) के दौरान प्रभु येसु के दुख भोग से संबंधित ‘मुसीबत‘ नामक गीत एवं प्रार्थना के धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन  07 अप्रैल पुण्य शुक्रवार के दिन दोपहर दो बजे कुर्जी  चर्च परिसर में हुआ.


    हे पिता ! हे पिता! मैं अपनी आत्मा तेरे हाथों में सौंपता हूँ


विश्व भर के ईसाई धर्म के लोग गुड फ्राइडे को पूरी भक्ति पूर्ण तरीके से मनाया

’पटना के कुर्जी चर्च की तरफ से भी विशेष प्रार्थना का आयोजित किया गया. इस क्रम में आज सुबह 7 बजे स्थानीय फेयरफील्ड स्थित आशा दीप  से प्रभु ईसा के दुख भोग पर आधारित एक झांकी निकाली गई. जो आशादीप के प्रांगण से एक विशेष प्रार्थना के साथ प्रारम्भ हुई और दीघा के मुख्य सड़क से होती हुई कुर्जी चर्च के प्रांगण तक पहुँच कर एक विशेष प्रार्थना के साथ सम्पन्न हुई.

इस झाँकी के मुख्य संयोजक विक्टर फ्रांसिस थे. पिछले कई वर्षों से विक्टर फ्रांसिस इस तरह के झांकी का आयोजन किया करते आ रहे हैं. उन्होंने जानकारी देते हुए प्रेस को बताया कि कुछ वर्षों पहले इस प्रकार की झांकी का आयोजन गांधी मैदान में हुआ करता था लेकिन अब यह पिछले कई वर्षों से हमारे चर्च के द्वारा ही आयोजित होता रहा है.

   इस झांकी के मुख्य आकर्षण विक्टर फ्रांसिस द्वारा इस बार भी प्रभु ईसा की भूमिका को निभाया था उन्होंने ने अपने अभिनय कौशल से इस झांकी को इस वर्ष भी बिल्कुल जीवंत बना दिया.

    जब यहूदियों और फरीसियों द्वारा प्रभु ईसा को क्रूस की मृत्यु का फरमान जारी किया गया था उस घटना को पिलातुस के राज महल से कलवारी पहाड़ तक प्रभु द्वारा की गई क्रूस की यातनापूर्ण यात्रा और उनके क्रूस के मरण तक पूरी घटना को कुल चौदह मुकामो में बांटा गया है जिसे संसार भर के ईसाई चालीसा काल के दौरान प्रत्येक बुधवार और शुक्रवार को गिरजाघरों में विशेष प्रार्थना के साथ दुहराते हैं. आज इस झांकी के दौरान उन सभी चौदह मुकामो को दीघा के मुख्य सड़क पर दर्शाते हुए चर्च के प्रांगण तक झांकी को लाया गया.

   इस मुख्य आकर्षण को जीवंत रूप में देखने के लिए लगभग पांच हजार से भी अधिक लोगों ने इस झांकी में शिरकत की और पूरे भक्ति पूर्ण तरीके से इस झांकी में भाग लिया. झांकी में सबसे आगे प्रभु ईसा के रूप में विक्टर फ्रांसिस, सैनिकों के रूप में स्थानीय युवक और उनके पीछे रोती बिलखती यहूदी महिलाएं.दृश्य बहुत ही मार्मिक और भक्तिपूर्ण दिख रहा था.

   बारहवें मुकाम पर जब प्रभु ईसा क्रूस पर अपने प्राण त्यागते हैं  तो इस अलौकिक दृश्य को जब विक्टर फ्रांसिस ने अपने भाव और जीवंत रूप से प्रस्तुत किया उस चर्च समय के प्रांगण में उपस्थित लोग रोने लगे.

    प्रभु ईसा  क्रूस पर अपने प्राण त्यागने के पहले अपने दोषियों को यह कहते हुए क्षमा किया  ‘ हे पिता इन्हें क्षमा करना क्योंकि ये यह नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं.‘और यह कहते हुए प्रभु ईसा ने क्रूस पर अपने प्राण त्याग दिए.‘    इस झांकी के कोर कमिटी के सदस्य के रूप में पास्का पीटर ओस्ता, संध्या ओस्ता, रॉनी बर्नार्ड,  कुंदन कुमार, राजेश कुमार, सुशील लोबो, और संरक्षक के रूप में चर्च के पल्ली पुरोहित थे.  झांकी के मुख्य कलाकार विक्टर फ्रांसिस, एलिजा आनंद, स्टीफन लुकस,वेरोनिका,प्रशांत, रंजीत डेविड, यरराहुल जोसेफ, हर्ष, दीपक, सेवासीटीयन, संजय कुमार,एलेन, निशांत जार्ज, रमेश कुमार, रोजलिन, मेरी टुडू,नेहा,एनी,नैना, संजना और अन्य कई लोगों ने भाग लिया.


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