हिसाम सिद्दीकी
नई दिल्ली/ श्रीनगर! किरण जे पटेल नाम का एक गुजराती ठग जेड प्लस सिक्योरिटी लेकर पांच महीने तक कश्मीर में घूमता रहा कश्मीर हुकूमत ने उसे श्रीनगर के पांच सितारा होटल में मुफ्त में रहने का बंदोबस्त कराया. उसे बुलेट प्रूफ गाड़ियां दी गई सीनियर अफसरान के साथ उसकी मीटिंगे होती रहीं जिनमें वह अफसरान के साथ डांट डपट करता रहा. उसने आर्मी के उन हस्सास (संवेदनशील) मकामात का भी दौरा किया जहां किसी सिविलियन के जाने की इजाजत नहीं है. वह बताता था कि प्राइम मिनिस्टर मोदी के आफिस में वह एडीशनल सेक्रेटरी स्टैªटिजी और प्लानिंग के ओहदे पर काम करता है. यही जाहिर करते हुए उसने अपना विजिटिंग कार्ड छपवा रखा है जिसपर अशोक की लाट बनी है और दिल्ली में चैंतीस (34) मीनाबाद का पता छपा है मीनाबाद के फ्लैट्स विज्ञान भवन के ठीक सामने बने हैं. अब खबर मिली है कि वह उत्तराखण्ड भी गया था जहां उसने सरकारी हेलीकाप्टर के जरिए बद्री केदारनाथ मंदिरों के दर्शन करने भी गया. किरण जे पटेल पर जम्मू कश्मीर पुलिस के मकामी अमले को शक हुआ. पुलिस ने उसे दो मार्च को गिरफ्तार कर लिया और फौरन ही रिकार्ड में उसकी गिरफ्तारी दिखा दी. खबर है कि उसके गिरफ्तार किए जाने पर दिल्ली और श्रीनगर के पुलिस अफसरान के दरम्यान घंटो फोन पर बात होती रही, बताया जाता है कि दिल्ली से यह हिदायत दी जा रही थी कि यह मामला रफा-दफा करके उसे वापस दिल्ली भेज दिया जाए. लेकिन कश्मीर की मकामी पुलिस इतने खतरनाक क्रिमिनल बल्कि दहशतगर्द को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हुई और तकरीबन दो हफ्ते बाद उसे जेल भेज दिया. उसने कश्मीर से एक ट्वीट भी किया था जिसमें पीएम मोदी के लिए लिखा था कि ‘उन्होने उसे कश्मीर में काम करने का मौका दिया. ’ इसके लिए उनका शुक्रिया.
कांग्रेस तर्जुमान पवन खेड़ा ने यह मामला उठाते हुए कहा कि चैबीस फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर दहशतगर्दों ने हमला किया था. मोदी सरकार आज तक यह नहीं बता सकी है कि पुलवामा में जो साढे तीन कुंटल आरडीएक्स फोड़ा गया वह सरहद पार से पुलवामा तक किसकी गलती और नाकामी की वजह से पहुंचा था. पवन खेड़ा ने कहा कि उस वक्त पुलवामा के डिप्टी एमपी देवेन्दर सिंह को मास्टर माइण्ड बताया गया था वह अब कहां है इसका जवाब पीएम मोदी और होम मिनिस्टर अमित शाह क्यों नहीं दे रहे हैं. उन्होने कहा कि एक डीआईजी के जरिए दो खतरनाक दहशतगर्दों को दिल्ली पहुंचाने जाते वक्त पकड़े जाने पर देवेन्दर सिंह ने कहा था कि यह बहुत बड़ा खेल है आप खेल बिगाड़ने की कोशिश मत करिए लेकिन डीआईजी ने उसे गिरफ्तार कर लिया था. वह अब कहां है सरकार को इसे बताना चाहिए. पवन खेड़ा ने कहा कि अगले साल लोक सभा एलक्शन हैं ऐसे में कश्मीर में इतने बड़े जालसाज और ठग का पकड़ा जाना कोई मामूली बात नहीं है. वह भी तब जब देवेन्दर सिंह पर कोई बात नहीं की जा रही है. इस ठग ने पीएम मोदी को ट्वीट करते हुए उनका इसलिए शुक्रिया अदा किया कि उन्होने उसे कश्मीर में काम करने का मौका दिया. आखिर वह कौन सा काम है जिसे करने के लिए उसे इस्तेमाल किया गया क्या वह अगले लोक सभा एलक्शन के लिए कश्मीर में किसी टूल किट का हिस्सा है?
पवन खेड़ा ने कहा कि प्राइम मिनिस्टर के दफ्तर में एडीशनल सेक्रेटरी स्टैªटिजी और प्लानिंग के ओहदे का विजिटिंग कार्ड छपवा कर इस तरह बेखौफ घूमने वाले को आखिर कौन सी स्टैªटिजी और प्लानिंग का काम करने के लिए कश्मीर जैसे हस्सास (संवेदनशील) यूनियन टेरिटरी में ‘सेवा’ करने के लिए भेजा गया. उन्हें जेड प्लस सिक्योरिटी किसके आर्डर या हिदायत पर दी गई. पांच महीनों से वह घूम फिर कर कश्मीर में ही प्लानिंग कर रहा था. इस दौरान उसे श्रीनगर के सबसे महंगे होटल में बार-बार मुफ्त में रखा गया. होटल का बिल किसने अदा किया. खेड़ा पूछते हैं कि क्या प्राइम मिनिस्टर के दफ्तर में तैनात किसी शख्स को जेड प्लस सिक्योरिटी दी जा सकती है. यह तो ठग है अभी तक पीएमओ में तैनात किसी भी अफसर को जेड प्लस सिक्योरिटी नहीं दी गई है. हालत यह है कि मोदी हुकूमत ने साबिक वजीर-ए-आजम मनमोहन सिंह और एचडी देवगौड़ा की सिक्योरिटी भी वापस ले ली. उन्होने सोनिया गांधी और राहुल गांधी का नाम तो नहीं लिया लेकिन यह कहा कि आप खुद ही देख लीजिए किन-किन लोगों की सिक्योरिटी वापस ली गई है.
जम्मूकश्मीर से कन्याकुमारी तक आम मुसलमानों और मुस्लिम लीडरान का कहना है कि अगर किरण जे पटेल की जगह कोई मुसलमान होता तो अब तक एनआईए मकामी पुलिस और दीगर मरकजी एजेंसियां सैकड़ों शहरों में छापे मारकर यह कहकर मुसलमानों को गिरफ्तार कर चुकी होती कि यह सब लोग उस ठग के साथी हैं. उसके टूल किट में शामिल हैं और उसके लिए टेरर फडिंग करते और कराते हैं. किरण जे पटेल के खिलाफ जब पुलिस ने कार्रवाई की तो उसके साथ होटल के कमरे में तीन और लोग मौजूद थे जिन्हें उसने पीएमओ में अपने स्टाफ का मेम्बर बताया. खबर है कि दिल्ली के दबाव मे उन तीनों को छोड़ दिया गया. अकेले पटेल को अदालत में पेश करके ज्यूडीशियल रिमाण्ड पर भेजा गया. कश्मीर पुलिस पर दिल्ली का इतना जबरदस्त दबाव बताया जाता है कि पुलिस इस ठग को रिमाण्ड पर लेने की हिम्मत नहीं कर सकी. अब जब तक उसके खिलाफ सख्ती से पूछगछ नहीं होगी उस वक्त तक वह भी कुछ नहीं बताएगा, ज्यादा अंदेशा यह है कि उसे भी साल दो साल में देवेन्दर सिंह की तरह सरकारी मदद मिल जाए.
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