हिसाम सिद्दीकी
नई दिल्ली! ‘एक अकेला सबपर भारी’ वजीर-ए-आजम नरेन्द्र मोदी ने राज्य सभा में अपना सीना ठोकते हुए यह जुमला यूं ही नहीं कहा था. वह सबपर भारी हैं. जब तक वह मुल्क के वजीर-ए-आजम हैं और देश की तमाम एजेंसियां उनके कण्ट्रोल में हैं, उस वक्त तक वह वाकई सबपर भारी हैं. वायनाड मे राहुल गांधी ने इल्जाम लगाया कि वजीर-ए-आजम मोदी ने नेहरू सरनेम न लगाने की बात कहकर मेरी और मेरे परिवार की तौहीन की है. क्या मोदी को यह नहीं पता कि हिन्दुस्तान में हर कोई अपना सरनेम अपने वालिद का लगाता है, नाना का नहीं. राहुल ने कहा कि हमने अडानी और मोदी की दोस्ती में अडानी को मिले हजारों करोड़ के फायदे पर लोक सभा में सवाल उठाए थे जवाब में मोदी ने किस्से कहानियां तो बहुत सुनाई लेकिन अडानी का नाम एक बार भी नहीं लिया. याद रहे कि लोक सभा स्पीकर और राज्य सभा के चेयरमैन ने अडानी और मोदी की दोस्ती से मुताल्लिक राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के सवालात एवान की कार्रवाई से निकलवा दिए. लेकिन उनकी यह कार्रवाई पूरी तरह बेकार साबित हुई क्योकि राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्लियामेँट के बाहर अपने तमाम इल्जामात और सवालात कई बार दोहरा दिए. मुकम्मल सरकारी ताकत, हाथों में होने की वजह से भारत सरकार ने दुनिया भर में मशहूर खबररसां एजेेसी बीबीसी के दिल्ली और मुंबई दफ्तरों पर छापे मरवाए, इनकमटैक्स मोहकमे को शायद जल्दी ही अपनी गलती का एहसास हो गया इसलिए उन्होने बयान जारी करके कहा कि यह छापे नहीं सर्वे हैं लेकिन बात तो हाथ से निकल गई और पूरी दुनिया के मीडिया हाउसेज ने भारत सरकार की इस कार्रवाई पर सख्त तनकीद की सबने कहा कि 2002 में मोदी के वजीर-ए-आला रहते गुजरात में मुसलमानों का कत्लेआम हुआ था बीबीसी ने मोदी और उनकी सरकार की पोल खोलते हुए डाक्यूमेंट्री बना दी, उससे नाराज मोदी ने बीबीसी को सबक सिखाने के लिए उसके दफ्तरों पर छापे पड़वा दिए.
वायनाड में एक जलसे को खिताब करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि वजीर-ए-आजम मोदी ने लोक सभा में किए गए एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया. उल्टे उनकी तौहीन करने की गरज से उनके सरनेम पर बयानबाजी की. राहुल ने कहा कि उनकी तकरीर के बेश्तर हिस्सों को पार्लियामेंट की कार्रवाई से निकाल दिया गया. लेकिन पीएम मोदी उनकी तौहीन करते रहते हैं तो उनका कहा हुआ एक लफ्ज भी कार्रवाई से नहीं हटाया जाता. राहुल ने कहा कि पार्लियामेंट की कार्रवाई से उनकी कही बातें निकाल दिए जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता क्योकि मैने जो कुछ अंदर कहा था उसे पूरे मुल्क ने पूरी तरह सुन लिया है और हम लोग बाहर भी हर जगह वही बातें दोहरा रहे हैं. उन्होने कहा कि सच्चाई को कोई मार नहीं सकता, मोदी ने पूरा देश अपने दोस्त अडानी को सौंप दिया यह सच्चाई है. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी हमेशा गुरूर और गुस्से में ही बोलते हैं. उन्होंने कहा कि जब मैं लोक सभा में बोल रहा था तब आप मेरा चेहरा देख लीजिए और जब पीएम मोदी बोल रहे थे उस वक्त के उनके चेहरे को देख लीजिए.
राहुल गांधी ने लोक सभा में मोदी और अडानी के रिश्तों पर जो कुछ कहा था बीजेपी का कहना है कि राहुल ने बगैर किसी दस्तावेजी सबूत के रिश्तों को बदनाम करने के लिए झूटे इल्जामात लगाए. बीजेपी मेम्बर निशिकांत दुबे ने राहुल के खिलाफ प्रीविलेज का नोटिस दिया स्पीकर ओम बिड़ला ने राहुल गांधी को नोटिस भेजकर जवाब तलब भी कर लिया. लेकिन पीएम मोदी ने बोफोर्स समेत कई ऐसे मामलात का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर बेईमानी और घोटाले करने का इल्जाम लगाया. रविशंकर प्रसाद समेत कई मेम्बरान ने टूजी और कोयला घोटाले समेत कई ऐसे मामलात का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर हमले किए जिन घोटालों का कोई सबूत नहीं है और बोफोर्स समेत सभी मामलात अदालत के जरिए क्लीन चिट हासिल कर चुके हैं फिर इन लोगों के खिलाफ प्रीविलेज की बात क्यों नहीं की गई. राहुल ने कहा कि उन्होने अडानी की वजह से मोदी पर जो भी सवाल उठाए मैंने एक भी गलत लफ्ज का इस्तेमाल नहीं किया मैंने हर बार नर्म और मोहज्जब लहजे में ही बात की किसी को गाली नहीं दी लेकिन उनका बात करने का तरीका आप लोग खुद ही देख लीजिए.
राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गए अडानी भी वहां पहुचें क्योंकि वह एक कोयला खदान लेना चाहते थे ऑस्ट्रेलिया की कोल मिनिस्ट्री ने कहा कि उन्हें तो खदान देने के लिए स्टेट बैंक आफ इंडिया की गारण्टी चाहिए फौरन ही स्टेट बैंक की चेयर पर्सन को वहां बुलाया गया और अडानी को एक अरब डालर का कर्ज वहीं दे दिया गया. अडानी को एयरपोर्ट देने के लिए जवाबित (नियमों) को बदला गया जाब्ता यह था कि जिसे एयरपोर्ट चलाने का तजुर्बा नहीं होगा उसे टेण्डर की कार्रवाई में शामिल नहीं किया जाएगा. अडानी के लिए जवाबित बदल दिए गए. नीति आयोग तक ने इस पर एतराज जताया था उन्होने कहा कि पार्लियामेंट में उन्होने जो कुछ कहा सब इंटरनेट पर मौजूद हैं इसके बावजूद मेरी तकरीर के बेश्तर हिस्सों को कार्रवाई से हटा दिया गया.
इनकम टैक्स मोहकमे ने चैदह फरवरी को बीबीसी के मुंबई और दिल्ली दफ्तरों पर छापेमारी की, फौरन ही दुनिया भर में इसकी मुखालिफत होने लगी, दुनिया भर के मीडिया ने लिखा कि बीबीसी ने 2002 में गुजरात में हुए मुसलमानों के कत्लेआम पर डाक्यूमेंट्री बनाई थी इसीलिए बीबीसी को सबक सिखाने के लिए उसके मुंबई और दिल्ली दफ्तरों पर छापे मारे गए. देश की कांग्रेस समेत सभी अपोजीशन पार्टियों ने भी इस छापेमारी की मजम्मत की, तब इनकमटैक्स मोहकमे ने कहा कि छापा नहीं सर्वे है. यह मुबय्यना (कथित) सर्वे चैैथे दिन खबर लिखे जाने तक जारी था. बीबीसी के कई मुलाजमीन और सहाफियों को उनके घर नहीं जाने दिया गया उनके लैपटाप और मोबाइल भी ले लिए गए. बीबीसी ने अपने मुलाजमीन को हिदायत दी कि वह इनकमटैक्स मोहकमे की कार्रवाई में पूरा तआवुन करें अपने कम्प्यूटर और लैपटाप से कुछ डिलीट न करें.
इनकम टैक्स मोहकमे का कहना था कि बीबीसी से टैक्स और इनकम के रिकार्ड में गड़बड़ी किए जाने की खबरें इंटरनेशनल सतह से मिली थी. इस लिए सर्वे किया गया. जहां तक बीबीसी की आमदनी का सवाल है बीबीसी का तकरीबन पूरा बजट ब्रिटेन की पार्लियामेट से पास ग्राण्ट से आता है. इसे टेलीविजन की सालाना फीस बीबीसी स्टूडियोज और बीबीसी स्टूडियो वक्र्स की फीस से भी आमदनी होती है. बीबीसी की पूरी आमदनी इसके हेडक्र्वाटर इंग्लैण्ड में ही आती है. बाकी भारत समेत पूरी दुनिया के किसी भी मुल्क से न तो इश्तेहार लेती है न दूसरी कोई आमदनी होती है. इनकम टैक्स मोहकमे को यह भी बताना पडे़गा कि वह कौन से इंटरनेशनल जराए हैं जिनसे उन्हें बीबीसी की आमदनी और टैक्स में गड़बड़ी किए जाने की इत्तेला हासिल हुई. अगर बीबीसी ने आमदनी और टैक्स में कोई गड़बड़ी की तो उसकी जांच या सर्वे तो लंदन में ब्रिटिश एजेंसियां ही करेंगी दिल्ली और मुंबई मेेें जब कोई आमदनी ही नहीं होती तो जांच का क्या जवाज (औचित्य) है. हिन्दुत्व की ठेकेदार कई तंजीमों ने बीबीसी दफ्तर के सामने मुजाहिरा किया तो वहां आईटीबीसी तैनात कर दी गई.
Copyright @ 2019 All Right Reserved | Powred by eMag Technologies Pvt. Ltd.
Comments