आलोक कुमार
पटना.इन दिनों दक्षिण भारत सुर्खियों में है.इस क्षेत्र में रोम में रहने वाले पोप फ्रांसिस का स्नेह मिल रहा है. तमिलनाडु के रहवासी नीलकंद पिल्लई,जिन्हें देवसहायम के नाम से भी जाना जाता है, वेटिकन द्वारा संत घोषित किए जाने वाले पहले भारतीय आम आदमी थे?
इसके बाद हैदराबाद के आर्चबिशप एंथनी पूला को नए कार्डिनल बनाया गया.ये सामाजिक रूप से गरीब दलित समुदाय से पहले भारतीय कार्डिनल हैं.उनकी नियुक्ति को ऐतिहासिक माना जा रहा है क्योंकि यह दलित ईसाई समुदाय को मान्यता देती है, जो कैथोलिक चर्च के भीतर जातिगत भेदभाव का शिकार है.
इसे बाद तमिलनाडु के पलायमकोट्टई धर्मप्रांत के सिंगमपरई में रहने वाले फादर जेम्स शेखर काे बक्सर धर्मप्रांत का धर्माध्यक्ष बनाया गया.इसके साथ ही तमाम अटकलों पर विराम लग गया.जो धर्माध्यक्ष बनने की अभिलाषा पाल रहे थे.ऐसे लोग निराशा के समंदर में गोता लगाने को मजबूर हो गए.
पटना महाधर्मप्रांत से विभक्त होकर बक्सर धर्मप्रांत के 18 साल के लघु इतिहास में बक्सर धर्मप्रांत के धर्माध्यक्ष बनने वाले फादर विलियम डिसूजा और फादर सेबेस्टियन कल्लूपुरा के बाद तीसरे फादर जेम्स शेखर हैं.उनका 23 सितंबर, 1967 को जन्म हुआ था.पटना महाधर्मप्रांत के लिए 26 मई, 1996 को पुरोहित नियुक्त किया गया था.बक्सर धर्मप्रांत का धर्माध्यक्ष 4 फरवरी, 2023 को नियुक्त किया गया.अभी तक विधिवत धर्माध्यक्ष बनने की तारीख का ऐलान नहीं किए गये है.
बताते चले कि अभी 56 साल के हैं धर्माध्यक्ष फादर जेम्स शेखर.रोम के द्वारा "एमेरिटस" के निर्धारित 75 साल में 19 साल शेष है.वे 19 साल तक धर्माध्यक्ष रहेंगे. आखिरी 75 साल की सेवा करने के बाद 2042 में "एमेरिटस" का मानद खिताब लेंगे. इस बीच पटना महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष सेबेस्टियन कल्लूपुरा अभी 70 साल के हैं. 5 साल के बाद 2028 में "एमेरिटस" होंगे.इस बीच धर्माध्यक्ष फादर जेम्स शेखर को पटना महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष का कोदजुटोर बनने का मौका मिल सकता.जैसे बक्सर के धर्माध्यक्ष काल में सेबेस्टियन कल्लूपुरा महाधर्माध्यक्ष का कोदजुटोर बने थे.
यहां बता दें कि पटना महाधर्मप्रांत के प्रतिष्ठित महाधर्माध्यक्ष बक्सर के धर्माध्यक्ष ही बने हैं.अंग्रेज बिशप अगस्टीन विल्डरमूथ के बाद बिहारी बिशप बेनेडिक्त जौन ओस्ता बने थे.आर्चबिशप के रूप में "एमेरिटस" होने के बाद आर्चबिशप विलियम डिसूजा बने थे.आर्चबिशप के रूप में "एमेरिटस" होने के बाद आर्चबिशप सेबेस्टियन कल्लूपुरा बने थे.अगर ऐसे ही होता रहा था,तो 2028 में पदोन्नत पाकर बिशप जेम्स शेखर को महाधर्माध्यक्ष के रूप में देखा जा सकता है.
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