हिसाम सिद्दीकी
लखनऊ! समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के दरम्यान ट्वीटर की जंग इतना बेहूदा रूख अख्तियार कर लेगी यह किसी ने सोचा भी नहीं था. समाजवादी पार्टी की जानिब से मनीष जगन अग्रवाल ने बीजेपी लीडरान के लिए ट्वीटर पर कुछ काबिले एतराज बातें लिखी, लेकिन बीजेपी युवा मोर्चा की लीडर ऋचा राजपूत ने समाजवादी पार्टी लीडरान के बजाए अखिलेश यादव की बीवी मैनपुरी से लोक सभा मेम्बर डिंपल यादव और उनकी बेटी आदिती उर्फ टीना यादव के लिए जो कुछ लिखा उसने बेहूदगी (अभद्रता) और बदतमीजी की तमाम हदें तोड़ दीं. ऋचा खुद एक खातून हैं इसके बावजूद उन्होंने डिंपल और उनकी बेटी के लिए जो कुछ लिख दिया उससे वाजेह होता है कि उनकी परवरिश (संस्कारों) में कुछ न कुछ गड़बड़ी जरूर है. दोनों तरफ से रिपोर्ट दर्ज कराई गई लेकिन उत्तरप्रदेश पुलिस ने अपोजीशन के साथ दुश्मनी जैसा बर्ताव करते हुए समाजवादी पार्टी के मनीष जगन अग्रवाल को नो जनवरी को सुबह-सुबह गिरफ्तार कर लिया, लेकिन ऋचा राजपूत के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, यह कार्रवाई पुलिस के लिए जहर साबित हो गई. अखिलेश यादव पुलिस हेडक्वार्टर पहुंच गए, काफी हंगामा हुआ पुलिस को शायद अपनी गलती का एहसास हुआ तो एक सीनियर पुलिस अफसर ने अखिलेश के कान में कहा ‘सर, आप घर जाइए हम मनीष को चौबीस घंटे के अंदर ही जेल से बाहर निकलवा देंगे. हुआ भी ऐसा ही. मनीष अगले ही दिन जेल से बाहर आ गए. खबर है कि यूपी पुलिस की इस कार्रवाई पर मरकजी होम मिनिस्टर अमित शाह ने भी सख्त नाराजगी जाहिर की तो दस जनवरी को उत्तर प्रदेश बीजेपी के सदर चौधरी भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि ऋचा राजपूत के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज है. उनके खिलाफ भी कानून के मुताबिक कार्रवाई होगी.
अपनी बीवी और बेटी पर ऋचा के जरिए किए गए बेहूदा ट्वीट पर नाराजगी जाहिर करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी वालों के परिवार नहीं होते तो क्या वह हमारे परिवार और हमारी बेटी पर इस किस्म के कमेण्ट करेंगे. आखिर उन्हें यह अख्तियार किसनेे दे दिया. उन्होने सीधे-सीधे वजीर-ए-आला योगी आदित्यनाथ का नाम लेते हुए कहा कि उनका तो कोई परिवार है नहीं इस लिए उन्होंने हमारे परिवार पर इस किस्म के घटिया कमेण्ट करवाए हैं. अखिलेश यादव ने सवाल किया कि बेहूदा कमेण्ट करने वाली खातून को ऐसा करने की ताकत कौन दे रहा है. फिर खुद ही उन्होने कहा कि उसे यह ताकत चीफ मिनिस्टर से मिल रही है. वर्ना वह इतनी हिम्मत नहीं कर पाती. उन्होने कहा कि उस खातून को इस किस्म की बातें करने की ताकत बीजेपी ने दी है. बीजेपी की ही ताकत पर वह ऐसे कमेण्ट कर रही हैं. उन्होने कहा कि क्या चीफ मिनिस्टर के इशारे पर वह ऐसा नहीं कर रही हैं अगर ऐसा नहीं है तो चीफ मिनिस्टर खामोश क्यों हैं. उन्होने कहा कि बेहूदा ट्वीट पर वजीर-ए-आला योगी आदित्यनाथ खुश हो रहे हैं. बीजेपी के पास जब कुछ कहने के लिए अल्फाज नहीं होते तो वह पुलिस को आगे कर देते हैं.
इस सिलसिले में अखिलेश यादव ने जो रूख अख्तियार किया उससे लखनऊ पुलिस और बीजेपी दोनों को बैकफुट पर आना पड़ा. अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी युवा मोर्चा की खातून (ऋचा) के उकसावे पर ही उनकी पार्टी की तरफ से जवाब दिया गया. उन्होंने कहा कि पुलिस और अफसरान बीजेपी वर्कर की तरह काम कर रहे हैं. वह सरकारी ड्यूटी नहीं कर रहे हैं. अखिलेश यादव नौ जनवरी को जब पुलिस हेडक्वार्टर पहुंचे तो पियूष मोर्डिया नाम के जूनियर अफसर ने उनसे मुलाकात की और चाय पीने की पेशकश की इसपर अखिलेश यादव का जवाब था कि ‘मैं आपकी चाय नहीं पी सकता, मुझे भरोसा नहीं है, चाय में जहर मिला दिया जाए तब. ’ उन्होंने कहा कि मुझे वाकई आप लोगों पर भरोसा नहीं है. मैं बाहर से चाय मंगाता हूं हम लोग भी पिएंगे और आप भी पीजिएए. अखिलेश यादव असम्बली में लीडर आफ अपोजीशन हैं. एक नेशनल पार्टी के सदर हैं. उनके लिए बाकायदा एक प्रोटोकाल है इसके बावजूद पुलिस हेडक्वार्टर में उनके रहने के दौरान डीजी पुलिस या कोई दूसरा सीनियर अफसर उनसे मिलने नहीं आया. बाद में एडीशनल डीजी लॉ एण्ड आर्डर प्रशांत कुमार ने मीडिया नुमाइंदों से कहा कि इतवार को छुट्टी का दिन था, इसलिए हेडक्वार्टर में अफसरान मौजूद नहीं थे. प्रशांत कुमार की यह बात दुरूस्त नहीं है. क्योकि पुलिस अफसरान की नौकरी तो हर रोज की होती है. अगर सीनियर अफसरान मौजूद नहीं थे और अखिलेश यादव एक घंटे से ज्यादा वहां मौजूद रहे तो इसकी इत्तेला डीजी समेत सारे अफसरान को हुई होगी उन्हें आफिस आ जाना चाहिए था.
यू-ट्यूब चैनल 4-पीएम के संजय शर्मा की खबर के मुताबिक यूपी मंे हुई इस घटिया और बेहूदा ट्वीटर बाजी, फिर समाजवादी पार्टी के वर्कर की गिरफ्तारी से लखनऊ से दिल्ली तक बीजेपी में हड़कम्प मच गया. सीनियर लीडरान खुसूसन होम मिनिस्टर अमित शाह को ऐसा लगा कि इससे अगले लोक सभा एलक्शन में बीजेपी को नुक्सान हो सकता है उन्होने प्रदेश सरकार और पुलिस दोनों की खिंचाई की तो पुलिस ने आनन-फानन समाजवादी ट्वीटर हैण्डल मनीष जगन अग्रवाल को जेल से बाहर निकलवा दिया और प्रदेश बीजेपी सदर चौधरी भूपेन्द्र सिंह को बयान देना पड़ा कि ऋचा राजपूत के खिलाफ भी रिपोर्ट दर्ज है उनपर भी आईटी एक्ट के मुताबिक कार्रवाई होगी. हालांकि एक दिन पहले डिप्टी चीफ मिनिस्टर केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि ट्वीटर पर गुण्डई करने वाले लोगों को बख्शा नहीं जाएगा. समाजवादी पार्टी के ट्वीटर हैण्डलर मनीष अग्रवाल को बेहूदा और गैरमोहज्जब कमेण्ट करने के लिए गिरफ्तार किया गया तो अखिलेश यादव अपने हामियों के साथ हेडक्वार्टर पर गुण्डई करने पहुंच गए. ऋचा राजपूत ने हजरत गंज कोतवाली में जो रिपोर्ट दर्ज कराई उसमें कहा है कि उनको जान से मारने और रेप करने की धमकी दी गई है. अपने इल्जाम के हक में वह कोई सबूत नहीं पेश कर सकीं.
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