आलोक कुमार
गया. गया जिले के जिला पदाधिकारी डॉक्टर त्यागराजन एसएम के पहल से एवं कृषि विभाग के सहयोग से मशरूम गांव में ही तैयार किये जा रहे हैं.जिले मे सभी प्रखंडों में मशरूम गांव तैयार किये जा रहे हैं. फतेहपुर में भारे, इमामगंज में मटहारी, डुमरिया में नंदई बिजुआ, बेलागंज में खनेटा, नीमचक बथानी में मई पंचायत का अम्बाकुऑं, मोहनपुर का मटिहानी, टिकारी का मउ सिंघापुर, मोहड़ा का तेतर, गुरारु का देवकली, कोंच का परसावां जगदीषपुर, खिजरसराय का चिरैली देवगांव, आमस में बड़की चिल्मी नीमा, बांकेबाजार में रौषनगंज उचला बेला, परैया में करहटा पंचायत का रजोई रामपुर, शेरघाटी के ढ़ाब चिरैया का भरपुरहा, वजीरगंज का पुनावा, गुरुआ का राजन, डोभी का केसापी, अतरी का नरावट गांव मशरुम गांव के लिये चिन्हित किया गया है.
इसके अतिरिक्त बोधगया के कोटहौरा, बतसपुर, हथियार एवं बकरौर, मानपुर के महुआरी कला, खानजहांपुर, सोंधी, बाराचट्टी को सोभ, अंजनियाटॉड, नगर के कंडी, कुजापी, डेल्हा एवं खरखुरा तथा टनकुप्पा के बरसौना, उतलीबारा, गजाधरपुर, टनकुप्पा, बरसीमा, सैदपुर एवं भेटौरा गांवों को मशरूम गांव के रूप में चिन्हित कर विकसित किया जा रहा है.
मशरूम गांव की महिला किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से उनके बटन एवं आयस्टर मशरूम के कम्पोस्ट एवं किट तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. ऐसा प्रयास किया जा रहा है कि ये महिलाएं मशरूम उत्पादन में आत्मनिर्भर होकर अपने परिवार के उपभोग के लिये मशरूम का उत्पादन करने के साथ मशरूम को बेचकर अतिरिक्त आय भी प्राप्त करें जिससे इनका परिवार स्वस्थ रहे और परिवार में आर्थिक खुशहाली आ सके.
’वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट अन्तर्गत गया जिले के लिए मशरूम चिन्हित है.’ जिले में नवंबर से फरवरी तक सभी प्रखंडों में महिला किसानों द्वारा बटन मशरूम का उत्पादन किया जाता है. जिला प्रशासन गया आकांक्षी जिला कार्यक्रम अंतर्गत मशरूम श्रृंखला विकसित करने के लिये कार्यक्रम क्रियान्वित कर रहा है. कार्यक्रम अंतर्गत सहायक निदेशक उद्यान गया के माध्यम से इस वर्ष 1250 महिला किसानों को प्रशिक्षण देकर मशरुम उत्पादन के माध्यम से उनकी आय को बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है.
योजना अंतर्गत सभी महिला किसानों को मशरूम उत्पादन के लिये 100 मशरूम बैग दिया जा रहा है. इन बैगों से एक महिला किसान आसानी से 15000 रुपये की कमाई एक से दो महीने में कर सकेंगी, साथ ही परिवार को उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन एवं अन्य पोषक तत्वों से भरपूर मशरूम खाने को मिल सकेगा. महिला किसानों का प्रशिक्षण कृषि विज्ञान केन्द्र, आत्मा, आरसेटी जैसी संस्थाओं के माध्यम से किया जायेगा. कार्यक्रम अंतर्गत प्रशिक्षित महिला किसान ही मशरूम किट प्राप्त कर सकेंगी.
गया जिले के वजीरगंज प्रखण्ड में आर॰के॰एस॰ इंटीग्रेटेड मशरूम इकाई एवं गुरुआ प्रखंड की महात्मा बुद्ध एग्री क्लीनिक एवं एग्री बिजनेस सेंटर मशरूम के बैग उपलब्ध कराएं. अभी तक जिले के सभी प्रखंडों के 624 महिला किसानों का प्रशिक्षण आत्मा गया के माध्यम से पूरा हो गया है. गया जिला राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है. यहां अक्टूबर से फरवरी तक बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक आते हैं. विदेशी पर्यटकों द्वारा ताजा मशरूम को ज्यादा पसंद किया जाता है, गया जिले में उत्पादित होने से विदेशी पर्यटकों को उनकी मांग के अनुसार मशरूम मिल सकेगा.
गया जिले में ’आफ सीजन में प्रतिदिन 600 से 700 क्विंटल मशरुम’ की मांग रहती है. जबकि जिले में वातानुकूलित इकाईयों के द्वारा 300 से 400 क्विंटल ही मशरूम उत्पादन ही हो पा रहा है. ’पीक सीजन में जिले की आवश्यकतानुसार 1200 से 1500 क्विंटल मशरूम का उत्पादन महिला किसानों के द्वारा’ किया जा रहा है. जिला प्रशासन मांग से अधिक उत्पादन होने पर उत्पादित मशरूम की ब्रांडिंग और मार्केटिंग के लिये नाबार्ड के सहयोग से कार्य योजना बना रहा है. ’जिले में कार्यरत एफ॰पी॰ओ॰ टिकारी एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड मशरूम की कैनिंग इकाई स्थापित कर रही है. निश्चय ही जिला पदाधिकारी एवं जिला प्रशासन के सहयोग से जिले की महिला किसान मशरूम उत्पादन में क्रांति लाने की ओर अग्रसर हैं.
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