बिहार में विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं ने उगते सूर्य को दिया अर्घ्य

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बिहार में विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं ने उगते सूर्य को दिया अर्घ्य

 आलोक कुमार

 पटना.बिहार के सभी जिलों में श्रद्धालुओं ने विभिन्न घाटों पर उगते सूर्य को अर्घ्य दिया. इसे लेकर विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं और उनके परिजनों की संख्या भी काफी ज्यादा रही.आज उदयीमान सूर्य की साधना के साथ चार दिवसीय छठ महापर्व संपन्न हो गया.इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी भगवान भास्कर को लोक आस्था के महापर्व छठ के तीसरे दिन रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य को व्रतियों ने अर्घ्य दिया.

      नहाय खाय से शुरू हुए आस्था के महापर्व छठ पूजा का आज चौथे दिन उगते हुए सूर्य देवता को अर्घ्य देने के साथ ही समापन हो गया. छठ व्रत के चौथे दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद इस व्रत के पारण का विधान है. चार दिनों तक चलने वाले इस कठिन तप और व्रत के माध्यम से हर साधक अपने घर-परिवार और विशेष रूप से अपनी संतान की मंगलकामना करता है. बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड समेत देश के तमाम हिस्सों में मनाया जाने वाला छठ पर्व छठी मैया और प्रत्यक्ष देवता भगवान भास्कर की विशेष पूजा के लिए किया जाता है.

      सबसे ज्यादा व्रतियों और श्रद्धालुओं की भीड़ गेट नंबर 83 से लेकर गेट नंबर 93 दीघा घाट, एनआईटी घाट, काली घाट, बालू घाट, घघा घाट, रौशन घाट, शिवमंदिर चौधरी टोला घाट, पथरी घाट, कोयला घाट आदि पर देखने को मिली। घाट पर नदी तक पहुंचने के लिए दउरा और सूप की लंबी कतार लगी रही। एक दउरा के हटते ही घाट किनारे दूसरा दउरा रखा जाता। घाट पर भीड़ के प्रबंधन में जिला प्रशासन, निगम प्रबंधन के साथ-साथ स्थानीय पूजा समितियों के कार्यकर्ताओं ने बढ़चढ़ कर काम किया.

  भक्तों के भारी उत्साह को देखते हुए घाट को रंग-बिरंगे बल्बों से सजाया गया था. इसके साथ ही, व्रतियों को घाटों तक पहुंचने में कोई परेशानी नहीं हो, इसका पूरा इंतजाम किया गये गए थे. छठ घाटों के आसपास रंग-बिरंगी रोशनी के साथ सीसीटीवी कैमरा, वॉच टावर, हेल्थ कैंप के अलावा सभी सुविधाओं की व्यवस्था की गयी थी. सभी घाटों पर अनाउंसमेंट के लिए माइकिंग की व्यवस्था थी. नदियों, घाटों और तालाबों में बैरिकेडिंग की गयी थी. यहां व्रतियों के कपड़ा बदलने के लिए चेंजिंग रूम बनाये गये. साथ ही, पटना के कई घाटों को खतरनाक भी घोषित किया गया था और यहां छठ करने की मनाही थी.  

     छठ को लेकर सुरक्षा के काफी इंतजाम किये गये थे. पूरे राज्य में छोटी-मोटी घटनाओं को छोड़कर किसी बड़ी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली. छठ महापर्व पर सुरक्षा और विधि-व्यवस्था को लेकर बिहार पुलिस मुस्तैद दिखी. बड़ी संख्या में अतिरिक्त पुलिस पदाधिकारी, सिपाही व होमगार्ड भी भीड़ नियंत्रण में लगाये गये थे. पुलिस मुख्यालय ने बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस की 36 और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की चार अतिरिक्त कंपनियों को जिलों में तैनात किया था. 

       छठ महापर्वको लेकर जिलों में सुरक्षा एवं विधि-व्यवस्था की पूरी जिम्मेदारी संबंधित डीएम-एसपी की थी. इसके लिए उनके स्तर पर फोर्स की तैनाती, घाटों की व्यवस्था, ट्रैफिक, नाव गश्ती, वाच टावर, मेडिकल इमरजेंसी सहित तमाम व्यवस्थाएं की गयी.   

     आज मुख्यमंत्री आवास में अपने परिवार के सदस्यों के साथ उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित किया.लोक आस्था के 4 दिवसीय महापर्व छठ के अवसर पर शुभकामनाएं.उन्होंने कहा कि यह आत्मानुशासन का पर्व है.लोग शुद्ध अन्तःकरण एवं निर्मल मन से अस्ताचल और उदीयमान भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं.भगवान भास्कर से राज्य की प्रगति, सुख, समृद्धि और शांति के लिए प्रार्थना है.   

        उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव राज्यवासियों की सुख, शांति एवं समृद्धि के लिए ईश्वर से प्रार्थना की.सूर्योपासना, सदाचार, समता, प्रेम, आस्था, श्रद्धा, भक्ति, प्रकृति और लोक आस्था के महापर्व छठ के चौथे दिन आज 'उदीयमान सूर्य' को अर्घ्य अर्पण करने के साथ पर्व का समापन हुआ.पुन: आप सबों को छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं. छठ मैया की कृपा सभी पर बनी रहे.जय हो छठी मईया! 

   वहीं पटना के डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि महापर्व छठ एक ऐसी पूजा जिसमें- 

कोई पुजारी नहीं होता,

देवता प्रत्यक्ष हैं,

ढूबते सूर्य को भी पूजते हैं,

व्रती जाति समुदाय से परे है,

पकवान घर पर बनते हैं

घाटों पर कोई ऊँच नीच नहीं होता,

ऐसी समानता, सादगी और प्रकृति प्रेम के महापर्व छठ की हार्दिक शुभकामनाएं!


खबर है कि देश के अलग-अलग हिस्सों में उगते सूर्य को प्रणाम (Surya Arghya) कर आज चार दिन तक चलने वाला छठ महापर्व (Chhath Puja) संपन्न हुआ. आज सुबह नदियों, तालाबों और दूसरे जलाशयों में खड़े होकर वर्तियों ने उगते सूर्य को अर्घ्य दिया और 36 घंटे के निर्जला व्रत का पारण किया. छठ पूजा में छठी मईया और सूर्य देव की विशेष उपासना की जाती है. माना जाता है कि  उगते सूर्य को अर्घ्य देने पर साधक के आत्मविश्वास, मान-सम्मान, संतान की आयु में वृद्धि होती है. 

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