आलोक कुमार
पटना.बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री हैं सुशील कुमार मोदी.फिलवक्त राज्यसभा सांसद हैं.उन्होंने कहा कि दिवाली की रात रोहतास जिले के करगहर थाना क्षेत्र में जहरीली शराब पीने से पांच लोगों की मृत्यु हो गई.इस तरह बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू करनें की सीएम नीतीश सरकार की विफलता व सफलता की ढोल की पौल फिर से उजागर है.मोदी ने कहा कि भाजपा पूर्ण शराबबंदी के पक्ष में है, लेकिन सरकार अब भी उन 9 मुख्य कारणों को दूर करने के प्रति गंभीर नहीं, जो हाईकोर्ट ने स्पष्ट रूप से गिनाये हैं.उन्होंने कहा कि जहरीली शराब पीने इस साल के दस महीनों में 50 लोगों की जान चुकी है.रोहतास की ताजा घटना के बाद प्रशासन जहरीली शराब को मौत का कारण मानने से इनकार कर "अज्ञात बीमारी" की कहानी गढ़ रहा है.
मोदी ने कहा कि जहरीली शराब पीने वालों का इलाज करने के लिए सरकार को हाईकोर्ट के निर्देशानुसार मानक चिकित्सा प्रक्रिया ( एसओपी) तुरंत लागू करनी चाहिए.हाई कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए श्री सुशील मोदी ने कहा कि शराबबंदी लागू करने में विफलता के कारण राज्य में प्रतिबंधित मादक पदार्थों की तस्करी और सेवन में कई गुना वृद्धि हुई. सबसे ज्यादा चिंताजनक है तस्करी में किशोर बच्चों का इस्तेमाल होना.
उन्होंने कहा कि शराबबंदी पुलिस-प्रशासन के लोगों की अवैध आय का बड़ा जरिया बन गई है, इसलिए शराब माफिया और तस्करों पर नहीं, केवल मामूली लोगों पर कार्रवाई होती है. मोदी ने कहा कि शराबबंदी के नाम पर 4 लाख लोग जेलों में डाल दिये गए और उनके मामले निपटाने में अदालतों पर बोझ बढ़ा.
उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट के 16 न्यायाधीश केवल शराबबंदी से जुड़े मामलों में जमानत की याचिका निपटाने में लगे हैं.मोदी ने कहा कि जहरीली शराब के कारण सोसराय में 5, बांका मे 12, मधेपुरा में 3,औरंगाबाद में 13 और सारण में 17 लोग जान गँवा चुके हैं.
इस संदर्भ में सरोज कुमार ने सवाल करते हुए कहा कि आपके सकारात्मक विचार कब आयेंगे पूर्व डिप्टी सीएम साहेब? जब तक आप सरकार में थे, तब तो शराबबंदी के फायदे गिनाते -गिनाते आपके मुँह बंद नहीं होते थे.काश उस वक्त चापलूसी के अलावा कुछ विचार उपजे होते तो बिहार की स्थिति कुछ और होता.
इधर दीघा थाना का कोपभाजन दीघा मुसहरी बन गया है.पुलिसिया आंतक से आंतकित है.यहां पर जब दलबल के साथ पुलिस आती है,तो एक पुलिस दबंगई पर उतरकर महिलाओं को थप्पर मारने से बाज नहीं आता है.उन्हें बेवजह पकड़कर पांच हजार रू.गड़क जाता है.वहीं पर विफन मांझी को पकड़कर शराब माफिया का तगमा लगाकर जेल भेज दिया है.वह भी एक बार नहीं दो बार किया गया.विफन की पत्नी रद्दी कागज चुनकर परिवार चला रही है.पटना सिविल कोर्ट ने विफन मांझी को जमानत देने इंकार करने से मामला पटना हाईकोर्ट में चला गया है.उसकी पत्नी परेशान है.
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