हिसाम सिद्दीकी
लखनऊ! तेइस अक्टूबर को वजीर-ए-आजम नरेन्द्र मोदी ने अयोध्या में भगवान राम का राज्याभिषेक किया इस मौके पर प्रदेश सरकार और बीजेपी की जानिब से दावा किया गया कि इस बार अयोध्या में पन्द्रह लाख छिहत्तर हजार (1576000) दिए जलाए गए. अयोध्या आने से पहले मोदी उज्जैन में महाकाल और केदारनाथ के कई प्रोग्रामों में शामिल हुए, देश का संविधान कहता है कि सरकार का कोई धर्म या मजहब नहीं है इसीलिए मजहबी कामों में सरकारी पैसे का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. लेकिन पीएम मोदी संविधान में तरमीम किए बगैर सरकारी वसायल का इस्तेमाल मजहब के बहाने वोटों के लिए करते रहे हैं. उनका फोकस अगले महीने होने वाले गुजरात असम्बली और 2024 के लोक सभा एलक्शन पर है. अयोध्या में उन्होने कहा कि संविधान में भगवान राम सीता और लक्ष्मण की तस्वीरों के साथ-साथ बुनियादी हुकूक का भी जिक्र है. हमें अपनी विरासत पर फख्र है, इसीलिए राम राज के ख्वाब की ताबीर होती दिख रही है. मोदी के अयोध्या आने के दिन जो पन्द्रह लाख छिहत्तर हजार दिए जलाए गए थे उन में तकरीबन साठ हजार लीटर सरसों के तेल का इस्तेमाल सरकारी खजाने से किया गया. अगले दिन अयोध्या और उसके इर्द गिर्द के दर्जनों गरीब लोग बाल्टियों और डिब्बों में दियों में बचा हुआ तेल इकट्ठा करते दिखाई दिए. इससे अयोध्या में गुरबत का भी अंदाजा लगता है.
अयोध्या दौरे के वक्त मोदी ने कहा कि ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ का ख्याल भगवान राम के आदर्शों के मुताबिक है. उन्होंने कहा कि 2024 से पहले भगवान राम का आलीशान मंदिर बन कर तैयार हो जाएगा और अयोध्या की एक अलग शान व शौकत दिखाई देगी. इस मौके पर मोदी ने अयोध्या में इकट्ठा लोगों को खिताब करते हुए कहा कि उनकी कोशिश है कि राम के आदर्शों की कसौटी के मुताबिक प्रदेश और देश में राज चले जहां न कोई भूका हो न बीमार हो, न गरीब हो और न जरूरत के सामानों की कमी हो, ऐसा राज कायम करना ही हमारा अस्ल मकसद है. मोदी की तकरीर के एक-एक लफ्ज से 2024 के एलक्शन की तैयारियां झलक रही थी. उन्होने कहा कि एक वक्त ऐसा था जब अपोजीशन में बैठे लोग अपनी तहजीब और तमद्दुन पर बात करने से बचते थे भगवान राम के वजूद पर ही सवालिया निशान लगाए जाते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है. गुजिश्ता आठ सालों में काफी तब्दीलियां आई है. अब हमारे देश के लोग अपनी सकाफत, तहजीब और तमद्दुन अपने विश्वास और अपने भगवानों पर खुलकर बात करने लगे हैं.
इशारों-इशारों में मोदी ने हिन्दुओं को मैसेज देने की कोशिश की कि सनातनी सकाफत अपने शऊर को दोबारा बहाल करने वाले कामों में जो रूकावट कुछ सियासी पार्टियों ने पैदा कर दी थीं उसे बड़ी तेजी के साथ खत्म किया जा रहा है. उन्होेंने राम मंदिर के तामीर के काम का गहराई से जायजा लिया और यह जाहिर करने की कोशिश की कि उन्हें जो भी कामयाबियां मिल रही हैं उसमें भगवान राम से जुड़े करोड़ों लोगों के जज्बात का ही तआवुन है. इसीलिए कोई कुछ भी कहता रहे सनातनी सकाफत की आस्था वाले मकामात (मंदिरों) और रूहानी (आध्यात्मिक) शहरों को खूबसूरत बनाने और उनकी शान व शौकत में इजाफा करने के काम जारी रखे जाएंगे. उत्तर प्रदेश के वजीर-ए-आला योगी आदित्यनाथ भी मोदी के साथ प्रोग्रामों में शामिल रहे. उन्होने कहा कि अपनी सियासत के लिए कुछ लोगों ने अयोध्या को वीरान बना दिया था लेकिन जिस नगरी का ताल्लुक भगवान राम से हो वह वीरान कैसे रहे सकती है. हमने वजीर-ए-आजम मोदी के आशीर्वाद से अयोध्या की वीरानी खत्म की है इसे मजीद अच्छा बनाने की कोशिश जारी रखेंगे. पीएम मोदी ने कहा कि हमने गुजिश्ता आठ सालों की हुकूमत के दौरान देशवासियों (हिन्दुओं) में पहली सरकार के दौरान पैदा किए गए एहसासे कमतरी की बेड़ियों को तोड़ा है. तमाम मजहबी मकामात को खूबसूरत और अपनी सकाफत के मुताबिक बनाने का काम जारी रहेगा.
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