लालू यादव समेत 16 लोगों के खिलाफ चार्जशीट

गोवा की आजादी में लोहिया का योगदान पत्रकारों पर हमले के खिलाफ पटना में नागरिक प्रतिवाद सीएम के पीछे सीबीआई ठाकुर का कुआं'पर बवाल रूकने का नाम नहीं ले रहा भाजपा ने बिधूड़ी का कद और बढ़ाया आखिर मोदी है, तो मुमकिन है बिधूड़ी की सदस्य्ता रद्द करने की मांग रमेश बिधूडी तो मोहरा है आरएसएस ने महिला आरक्षण विधेयक का दबाव डाला और रविशंकर , हर्षवर्धन हंस रहे थे संजय गांधी अस्पताल के चार सौ कर्मचारी बेरोजगार महिला आरक्षण को तत्काल लागू करने से कौन रोक रहा है? स्मृति ईरानी और सोनिया गांधी आमने-सामने देवभूमि में समाजवादी शंखनाद भाजपाई तो उत्पात की तैयारी में हैं . दीपंकर भट्टाचार्य घोषी का उद्घोष , न रहे कोई मदहोश! भाजपा हटाओ-देश बचाओ अभियान की गई समीक्षा आचार्य विनोबा भावे को याद किया स्कीम वर्करों का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न क्या सोच रहे हैं मोदी ?

लालू यादव समेत 16 लोगों के खिलाफ चार्जशीट

आलोक कुमार

पटना.सीबीआई ने आरजेडी सुप्रीमो व पूर्व रेल मंत्री लालू यादव के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दिया है. नौकरी के बदले जमीन लेने वाले घोटाले में यह चार्जशीट दाखिल किया गया  है. राबड़ी देवी समेत 16 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गयी है.चार्जशीट में सीबीआई ने लालू की बेटी मीसा भारती और रेलवे के पूर्व महाप्रबंधक को भी आरोपी बनाया है.               बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव का कहना है कि 

अगर लालू प्रसाद यादव जी बीजेपी से हाथ मिला लेते तो वो आज हिंदुस्तान के राजा हरीशचंद्र होते.तथाकथित चारा घोटाला दो मिनट में भाईचारा घोटाला हो जाता अगर लालू जी का डीएनए बदल जाता.  जब 2004 से 2009 के बीच लालू प्रसाद यादव यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे.तब का आरोप है कि लालू के रेल मंत्री रहते हुए रेलवे भर्ती में घोटाला हुआ.कहा जा रहा है कि नौकरी लगवाने के बदले आवेदकों से जमीन और प्लॉट लिए गए. सीबीआई ने इस मामले में जांच के बाद लालू प्रसाद यादव और उनकी बेटी मीसा भारती के खिलाफ मामला दर्ज किया.आरोप है कि जो जमीनें ली गईं वो राबड़ी देवी और मीसा भारती के नाम पर भी ली गईं.

   रेल भर्ती से जुड़े एक और घोटाले का आरोप यूपीए सरकार में रेल मंत्री रहे पवन बंसल के भांजे विजय सिंगला पर भी लगा है.इस मामले में भी सीबीआई ने विजय सिंगला समेत 10 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.इस मामले में विजय सिंगला पर मनी लॉन्ड्रिंग का भी आरोप है.

लालू प्रसाद यादव केवल नौकरी के बदले जमीन घोटाला, आईआरसीटीसी घोटाले में नहीं फंसे हैं. वह चारा घोटाले के अलग-अलग पांच मामलों में दोषी भी करार दिए जा चुके हैं.बता दे कि सभी पांच मामलों के बारे में और कोर्ट ने सजा सुनाई है.अगस्त में सीबीआई के तलाशी के दौरान करीब 200 जमीनों की बिक्री के दस्तावेज मिले.शुरुआती जांच के दौरान लालू के रेल मंत्री रहने के दौरान नौकरी पाने वाले ऐसे 12 उम्मीदवार मिले, जिन्होंने अपनी जमीन को ट्रांसफर किया था.

   मई में, केंद्रीय एजेंसी ने "रेलवे की नौकरी के लिए भूमि" मामले में एक एफआईआर दर्ज की थी और मामले में आरोपी के रूप में राष्ट्रीय जनता दल  के मुखिया, उनकी पत्नी और बेटियों सहित कई अन्य लोगों को नामजद किया था.इसके साथ ही लालू यादव और उनके परिवार के सदस्यों से जुड़ी संपत्तियों की भी तलाशी ली गई थी.

 जुलाई में, CBI ने एक आरोपी भोला यादव को गिरफ्तार किया था, जो कथित रूप से भूमि के बदले नौकरी के मामले में लालू यादव के केंद्रीय रेल मंत्री के रूप में विशेष अधिकारी हुआ करते थे.साथ ही एजेंसी ने रेलवे कर्मचारी हृदयानंद चौधरी को भी गिरफ्तार किया था, जो घोटाले के कथित लाभार्थी हैं.

  जांच एजेंसी सीबीआई के अनुसार, इस घोटाले में कथित तौर पर कई लोगों ने लालू यादव के परिवार के सदस्यों या उनसे जुड़े लोगों को रेलवे विभाग में नौकरी के बदले जमीन दी थी. जमीनें आमतौर पर वे लोग उपहार में देते थे या दान दी देते थे, जिन्हें रेलवे में नौकरी की जरूरत होती थी.जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि पटना में करीब 1.05 लाख वर्ग फुट जमीन लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों ने ज्यादातर जमीन बेचने वालों को कैश में पैसे का भुगतान कर अधिग्रहण किया था.

   इसके बाद फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बिना किसी विज्ञापन या पब्लिक नोटिस के रेलवे विभाग में ग्रुप-डी की नौकरियों के लिए लोगों को कथित तौर पर चयनित किया गया था.

पूरे राज्य में विरोध दिवस आज



पटना.भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि नगर निकाय चुनाव में पिछड़ों-अतिपिछड़ों को दिए जा रहे आरक्षण के मसले पर पटना उच्च न्यायालय का जो फैसला आया है, उसके पीछे भाजपा है. आरक्षण को खत्म करने की भाजपाई साजिश से हम सब वाकिफ हैं. यहां तक कि आरक्षण पर कई बार सुप्रीम कोर्ट भी उसकी साजिश का शिकार होता रहा है. आरक्षण पर उसकी अड़ेंगेबाजी ने नगर निकाय चुनाव को उलझाकर सभी प्रत्याशियों व आम जनता को भारी परेशानी में डाल दिया है.पटना उच्च न्यायालय ने ट्रिपल टेस्ट नहीं कराए जाने को आधार बनाकर आरक्षित सीटों पर चुनाव रोक दिया था. बाद में निर्वाचन आयोग ने पूरे चुनाव को ही स्थगित कर दिया. वोटिंग के 5 दिन पहले चुनाव का स्थगन बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.

भाजपा अब अतिपिछिड़ों के प्रति प्रेम का ढोंग कर रही है. नगर निकाय का यह चुनाव 2007 के प्रावधानों के अनुसार ही हो रहा था. इस आधार पर 2012 व 2017 में चुनाव हो चुके हैं. लंब अर्से से नगर विकास विभाग की जिम्मेवारी भाजपाई मंत्रियों के ही जिम्मे रही है. तब इसका जवाब भाजपा को ही देना होगा कि उसने अभी तक ट्रिपल टेस्ट के लिए कमीशन का गठन क्यों नहीं किया था? आज जब वह बिहार की सत्ता से बाहर है तो बौखलाहट में नगर निकाय चुनाव को स्थगित करने की उसने गहरी साजिश रचने का काम किया.

आरक्षण को हर स्तर पर कमजोर करने की भाजपाई साजिश के खिलाफ भाकपा-माले व्यापक स्तर पर भंडाफोड़ अभियान चलाएगी. इसके तहत आगामी 8 अक्टूबर को पूरे राज्य में विरोध दिवस का आयोजन करेगी.


  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :