नगर निगम चुनाव स्थगित करना पड़ा

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नगर निगम चुनाव स्थगित करना पड़ा

आलोक कुमार

पटना. सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश था कि बिना ट्रीपल टेस्ट के देश में किसी भी चुनाव में आरक्षण नहीं दिए जा सकते हैं.जिसे राज्य चुनाव आयोग ने नहीं माना और एनडीए सरकार के सत्ताच्युत होते ही नगर निकाय चुनाव का शंखनाद कर दिया. पटना हाईकोर्ट ने चुनाव पर रोक लगा दिया है. इसको लेकर महागठबंधन के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सह नगर विकास मंत्री तेजस्वी यादव को मुख्य विरोधी दल बीजेपी  के निशाने पर आ गए हैं.विरोधी दल सरकार की क्षमता पर सवाल उठाने लगे हैं.वहीं लाखों खर्च करने वाले भावी प्रत्याशी 

धराम से नीचे गिर पड़े.

नगर निकाय चुनाव पर हाईकोर्ट के फैसले पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि आज तक पिछड़ा अति पिछड़ा को जो भी आरक्षण मिला है वह भारतीय जनता पार्टी की तरफ से मिला है. पूर्व उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद इस मामले को लेकर रोस्टर तैयार कर रहे थे, लेकिन इसी दौरान चुनाव की घोषणा कर दी गई और साजिश के तहत आरक्षण का रोस्टर का पालन नहीं किया गया. यहीं कारण है कि आज सरकार और जनता की फजीहत हो रही है.

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि पूर्व उपमुख्यमंत्री सह नगर विकास मंत्री ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पालन करने के लिए आरक्षण देने का प्रावधान बना रहे थे कि अचानक सरकार को गिरा दी गयी.यह सरकार पिछड़ी जाति विरोधी है.

बिहार में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने बड़ा कदम उठाया है. राज्य निर्वाचन आयोग ने 10 और 20 अक्टूबर को होने वाले नगरीय निकाय चुनाव को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया है. दूसरी डेट बाद में जारी की जाएगी.हाईकोर्ट के आदेश के बाद आयोग के अफसरों ने 8 घंटे बैठक की.इसके बाद यह निर्णय लिया.

पटना हाईकोर्ट ने दशहरा पर्व के छुट्टी के दौरान नवमी के दिन नगर निकाय चुनाव में ओबीसी-ईबीसी को आरक्षण देने के मामले पर 86 पन्ने का अपना फैसला दे दिया. कोर्ट ने कहा कि नगर पालिका के चुनाव में ओबीसी को दिया गया आरक्षण कानून के तहत गलत है. आरक्षण देने के पूर्व सुप्रीम कोर्ट के 2010 में दिये गये फैसले को नजरअंदाज कर दिया गया. जबकि राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को मानने की बात कही थी. हाईकोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को आदेश दिया है कि ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों को अनारक्षित सीट घोषित कर चुनाव की अधिसूचना जारी करें.

मंगलवार को पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल और एस. कुमार की बेंच ने अपना फैसला दिया. हाईकोर्ट की बेंच ने कहा है कि स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही जो आदेश दिया था, उसका बिहार में पालन नहीं किया गया. चुनाव में पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर कोर्ट ने कहा कि पिछड़ा वर्ग के आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सही रूप से पालन नहीं हुआ है.

कोर्ट के इस फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया निर्वाचन आयोग को पूरी करनी होगी. जानकारी के मुताबिक नई व्यवस्था में अति पिछड़ा सीट सामान्य माने जाएंगे. हाईकोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग के फैसले पर नाराजगी जताते हुए कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग ने नियमों का पालन नहीं किया है.

बिहार सरकार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने नगर निकाय चुनाव पर पटना होईकोर्ट के दिए फैसले पर जबरदस्त बयान दिया है.उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार के जिद के कारण ईबीसी कोटा के लोगों को उनका अधिकार नहीं मिल पा रहा है.यही कारण है कि पटना हाईकोर्ट को अतिपिछड़ों के आरक्षण को समाप्त करना पड़ा.सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश था कि बिना ट्रीपल टेस्ट के देश में किसी भी चुनाव में आरक्षण नहीं दिए जा सकते हैं.

इससे पहले मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में भी सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव को रोक दिया था.बिहार के एडवोकेट जनरल और राज्य निर्वाचन आयोग ने बार—बार नीतीश सरकार को बताया कि यह गलत हो रहा है.नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है. बावजूद इसके सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया. सुशील मोदी की माने तो पटना हाईकोर्ट द्वारा रोक लगाए जाने के बाद अब चुनाव में कम से कम साल डेढ़ साल लगेंगे.

    बिहार में चल रहे नगर निकायों के चुनाव में अतिपिछड़ा आरक्षण को रद्द करने एवं तत्काल चुनाव रोकने का उच्च न्यायालय का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है.ऐसा निर्णय केन्द्र सरकार और भाजपा की गहरी साज़िश का परिणाम है.सरकार ने समय पर जातीय जनगणना करावाकर आवश्यक संवैधानिक औपचारिकताएं पूरी कर ली होती तो आज ऐसी स्थिति नहीं आती.उपेंद्र कुशवाहा बोले, हाईकोर्ट का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण, नगर निकाय चुनाव पर बीजेपी साजिश रच रही है.कुशवाहा ने कहा है कि केन्द्र सरकार और भाजपा के इस साज़िश के खिलाफ जद (यू.) आंदोलन करेगा. शीघ्र ही पार्टी कार्यक्रम की घोषणा करेगी.

पटना नगर निगम की निवर्तमान डिप्टी मेयर सह भावी मेयर प्रत्याशी के देवर पप्पू राय ने इस संदर्भ में कहा कि यह तो बीजेपी की साजिश है.सत्ता में रहते बीजेपी मंत्री माननीय सुप्रीम कोर्ट का आदेश को लागू नहीं कर सके.सत्ता हाथ से जाते ही महागठबंधन सरकार पर आरोप लगाने लगे.आगे उन्होंने कहा कि हमलोग सामाजिक कार्यकर्ता है जैसे पूर्व में जनहित में कार्य करते आए हैं,वैसे ही माननीय पटना हाईकोर्ट द्वारा निकाय चुनाव पर रोक लगाने के बाद भी लोकहित कार्य करते रहेंगे.ब्रेक का सवाल ही नहीं उठता है.

वार्ड 22 बी की भावी प्रत्याशी शशि देवी के पति और पैक्स अध्यक्ष  बिंदेश्वरी प्रसाद उर्फ कल्लू जी ने कहा कि माननीय पटना हाईकोर्ट का निर्णय का स्वागत करते है.हालांकि निकाय चुनाव अप्रैल में ही हो जाना था.जो 6 बाद चुनाव हो रहा था.अब बिहार सरकार का दायित्व है कि सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश ट्रीपल टेस्ट को लागू करें. 


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