जगदानंद और मुख्यमंत्री के बीच मूंछ की लड़ाई

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जगदानंद और मुख्यमंत्री के बीच मूंछ की लड़ाई

आलोक कुमार

पटना.पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि दो माह के भीतर महागठबंधन सरकार के दूसरे दागी मंत्री सुधाकर सिंह का इस्तीफा तूफान के आने की आहट है.अब लालू प्रसाद के विश्वासपात्र जगदानंद और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच मूँछ की लड़ाई है.सुशील मोदी ने कहा कि जगदानंद और उनके पुत्र सुधाकर सिंह ने खुल कर नीतीश कुमार के कृषि रोडमैप को फेल बताया, कृषि विभाग में भ्रष्टाचार की बात कर “भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस” की पोल खोली और मंडी कानून खत्म करने के फैसले का विरोध किया.      पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि दो माह के भीतर महागठबंधन सरकार के दूसरे दागी मंत्री सुधाकर सिंह का इस्तीफा तूफान के आने की आहट है.उन्होंने कहा कि तेजस्वी प्रसाद यादव को अगले साल 2023 में मुख्यमंत्री बनाने की डील सार्वजनिक करने  की कीमत जगदानंद को बेटे के मंत्रिपद का बलिदान कर चुकानी पड़ी.          मोदी ने कहा कि चारा घोटाला में लालू प्रसाद के जेल जाने और गृहिणी राबड़ी देवी के मुख्यमंत्री बनने पर राजद की फर्स्ट फैमिली के परम विश्वासी जगदानंद ने पर्दे के पीछे से सरकार चलायी  थी. अब देखना यह है कि जगदानंद और नीतीश कुमार के बीच टकराव में किसे झुकना पड़ेगा.                                    उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद के दबाव में राजद कोटे से मंत्री बनाये गए सुधाकर सिंह को खाद्य निगम के करोड़ों रुपये का  गबन करने के मामले में जेल जाना पड़ा था,वे जमानत पर थे और पूर्व कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह पर हत्या की नीयत से अपहरण का मामला चल रहा है. दोनों को इस्तीफा देना पड़ा.         मोदी ने कहा कि दो महीने मे दो दागी मंत्रियों की विदाई के साथ राज्य में राजनीतिक अस्थिरता और  महत्वांकाक्षी नीतीश कुमार की फजीहत बढ़ने वाली है.              

   इस बीच राष्ट्रीय जनता दल के बिहार प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने दावा किया है कि 2023 में तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनेंगे. नीतीश कुमार केंद्र में जाएंगे.मतलब, केंद्र की राजनीति करेंगे.लेकिन, केंद्र में किस धड़े की राजनीति करेंगे? यह सवाल अब तक अस्पष्ट है. नीतीश कुमार अचानक फैसलों से चौंकाते रहे हैं.वर्ष 2013 में एनडीए से हटकर चौंकाया.2015 में लालू विरोध की राजनीति से बिहार के सत्ता शिखर तक पहुंचने के बाद राजद से हाथ मिलाकर चौंकाया. 2017 में महागठबंधन तोड़कर एनडीए में जाने के फैसले से चौंकाया.फिर, 2022 में एनडीए छोड़कर राजद गठबंधन के साथ जाने का फैसला लेकर चौंका दिया. तो क्या, अब चौंकने की बारी उनकी है. क्योंकि, राजद वैसे ही बैटिंग कर रही है, जैसे बिहार चुनाव 2020 में 43 सीटों पर सिमटने के बाद भी नीतीश कुमार को सीएम बनाने के बाद भाजपा कर रही थी.

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