राजेंद्र कुमार
लखनऊ . उत्तर प्रदेश विधानसभा के मॉनसून सत्र के अंतिम दिन शुक्रवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव ने योगी सरकार को चकमा दे ही दिया. मॉनसून सत्र के पहले दिन 19 सितम्बर को तो पुलिस ने उन्हें पैदल मार्च कर पार्टी दफ्तर से विधानसभा तक नहीं पहुंचने दिया था, लेकिन सत्र के आखिरी दिन 23 मार्च को सदन से वॉकआउट कर अखिलेश सपा विधायकों-कार्यकर्ताओं के साथ पैदल मार्च करते हुए सड़क पर उतरे तो यूपी पुलिस अवाक रह गई. और पैदल मार्च करते हुए अखिलेश यादव पार्टी विधायकों के साथ पार्टी कार्यालय की ओर बढ़ गए.
बीते चारों दिनों से सपा विधायक सदन में महंगाई, कानून-व्यवस्था, भ्रष्टाचार और विकास के मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे थे, ऐसे में शुक्रवार को अखिलेश यादव पार्टी विधायकों के साथ पैदल मार्च करने का फैसला ले लेंगे? पुलिस प्रशासन को इसकी जरा भी आशंका नहीं थी. शुक्रवार की सुबह-सुबह अखिलेश यादव विधानसभा जाने के पहले अपने कई विधायकों के साथ राजभवन गए. वहां उन्होंने राज्यपाल आनंदीबेन से मुलाकात कर उन्हें आजम खान पर ज्यादती न होने देने की मांग वाला एक ज्ञापन सौंपा. इसके बाद विधानसभा में आकर उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय की फीस वृद्धि का मामला उठाने की कोशिश की. परन्तु विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने यह मसला उठाने की अनुमति नहीं दी और कहा कि पहले प्रश्नकाल हो जाने दें. इस पर सपा विधायक अखिलेश यादव की अगुवाई में सदन से वॉकआउट कर गए और पैदल मार्च करते हुए पार्टी कार्यालय की ओर बढ़ गए. पैदल मार्च में राष्ट्रीय लोकदल के विधायक भी शामिल रहे. बिना किसी व्यवधान के सपा विधायकों का पैदल मार्च हो गया, विधानसभा से निकल कर पार्टी दफ्तर पहुंच गया.
लखनऊ में जब यह सब हो रहा था तो उस समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर, संत कबीर नगर, बस्ती, गोंडा, अयोध्या और बाराबंकी कुल 5 जिलों के बाढ़ प्रभावित इलाकों के हवाई सर्वेक्षण पर निकले थे. पैदल मार्च करने वाले सपा विधायकों ने रास्ते में कहा कि योगी सरकार गूंगी बहरी हो चुकी है. वह सत्र चलाना नहीं चाहती. जनता के मुद्दों और विपक्ष के सवालों का सामना नहीं करना चाहती. इस समय महंगाई, बेरोजगारी, कानून-व्यवस्था सहित कई सारे मुद्दे हैं. ऐसे में सिर्फ चार दिन के सत्र का औचित्य नहीं है. सरकार इसे बढ़ाने को तैयार नहीं है. सरकार जनहित से जुड़े मुद्दों को लेकर प्रश्नों का उत्तर नहीं दे रही है. अखिलेश ने कहा कि सिर्फ चार दिन सदन चला, कई सवालों पर सरकार का जवाब तक नहीं आया. सपा नेताओं ने कहा कि गूंगी बहरी सरकार को जनता की आवाज सुनाने के लिए अब वे सड़कों पर उतरे है. सपा नेताओं का कहना है कि 19 सितंबर को भी जनहित के मुद्दों पर सरकार का ध्यान खींचने के लिए पैदल मार्च करने का प्रयास किया था लेकिन पुलिस ने सपा विधायकों को पैदल मार्च करने नहीं दिया था, लेकिन आज सपा विधायकों के सरकार को चकमा दे दिया.
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