हिसाम सिद्दीकी
नई दिल्ली! कन्याकुमारी से कश्मीर तक राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का क्या सियासी नतीजा निकलेगा इससे कांग्रेस को कितना सियासी फायदा और बीजेपी को क्या नुक्सान होगा, इसका अंदाजा लगाना तो अभी बहुत मुश्किल है लेकिन राहुल को अवामी रिस्पांस मिल रहा है और बीजेपी में जो बेचैनी दिख रही है उसे देखकर इतना तो कहा ही जा सकता है कि राहुल की इस यात्रा से बीजेपी में सिर्फ खलबली ही नहीं मची है बल्कि घबराहट भी है. भारत जोड़ो यात्रा का मकसद मुल्क में फैली नफरत मिटाना, महंगाई और बेरोजगारी पर मोदी सरकार को घेरना है. यह तीनों मुद्दे बीजेपी की बहुत बड़ी कमजोरी हैं इसलिए पार्टी इन मुद्दों को भटकाने के लिए राहुल गांधी पर तरह-तरह के झूटे इल्जाम लगा रही है. पहले बीजेपी की जानिब से राहुल की फोटो ट्वीट करके कहा गया कि यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने जो टी-शर्ट पहनी उसकी कीमत इक्तालीस हजार (41000) रूपए है. यह दावा गलत निकला तो टीवी सीरियलों में ड्रामा क्वीन रही मरकजी वजीर स्मृति ईरानी ने चीखते हुए एक बड़ा झूट बोला और कहा कि राहुल गांधी कन्याकुमारी से यात्रा कर रहे हैं लेकिन उन्होने इतनी बेशर्मी (निर्लज्जता) दिखाई कि स्वामी विवेकानंद मेमोरियल जाकर उन्हें सलाम (प्रणाम) तक नहीं किया. स्मृति ईरानी का यह झूट उन्हीं के मुंह पर उल्टा पड़ा क्योंकि राहुल गांधी यात्रा शुरू करने से पहले विवेकानंद की मूर्ति और कन्याकुमारी मंदिर दोनों जगह गए थे. बीजेपी के बड़बोले तर्जुमान संबित पात्रा ने कह दिया कि यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने जिस पादरी से मुलाकात की वह हिन्दू मुखालिफ है. इस तरह राहुल ने हिन्दुओं की तौहीन की. संबित का यह इल्जाम भी राहुल पर चस्पा नहीं हो सका.
बीजेपी के झूटे और उल्टे-सीधे बयानात के दरम्यान कांग्रेस ने खाकी नेकर की फोटो के साथ एक ट्वीट किया, जिसमें नेकर को जलते दिखाया गया नीचे लिखा था बस 145 दिन बाकी हैं. इस ट्वीट ने बीजेपी की राहुल मुखालिफ फौज को जैसे पलीता ही लगा दिया. संबित पात्रा ने कहा कि यात्रा देश जलाने के लिए है. इसपर कांग्रेस लीडर कन्हैया कुमार ने जवाब दिया कि काफी पहले ‘नेकर यात्रा’ कर आरएसएस ने फुल पैंट पहनना शुरू कर दी फिर अब नेकर फटी है, वह जल रही है. इससे बीजेपी का क्या लेना-देना, जो चीज उन्होने पूरी तरह छोड़ दी उसके लिए पार्टी तर्जुमान बौखलाए क्यों हैं?
राहुल गांधी ने अपनी यात्रा में कहा कि मुल्क का ब्यालीस फीसद नौजवान बेरोजगार हैं इसकी फिक्र न तो मोदी को है न उनकी सरकार को. इससे पहले उन्होने कहा था कि तिरंगे को सिर्फ सैल्यूट करने से तिरंगे का एहतराम नहीं हो जाता. उसके तीनों रंगों के जज्बे को समझना और उसकी इकदार (मूल्यों) का एहतराम करना असल काम है. उसपर मोदी संजीदा नहीं हैं. बीजेपी की सबसे बड़ी परेशानी यह है कि केरल के बाद तीस सितम्बर से बीस अक्टूबर यानी इक्कीस दिनों तक राहुल की भारत जोड़ो यात्रा कर्नाटक में होगी, जहां अगले साल असम्बली एलक्शन होना है. यात्रा में राहुल को मिल रही हिमायत देखकर बीजेपी को यह खतरा महसूस हो रहा है कि कहीं इस यात्रा के जरिए राहुल गांधी कर्नाटक में बीजेपी को कोई सियासी नुक्सान न पहुंचा दें. इसीलिए स्मृति ईरानी ने बंगलौर जाकर राहुल गांधी पर इतना बड़ा झूटा इल्जाम लगाया कि राहुल स्वामी विवेकानंद की मूर्ति को सैल्यूट करने नहीं गए.
मरकजी वजीर स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी के खिलाफ इतना बड़ा झूट अनजाने में नहीं जानबूझकर बोला है. क्योकि राहुल गांधी के विवेकानंद मेमोरियल जाने की वीडियो कांग्रेस की तरफ से नहीं बल्कि आजकल मोदी की इंतेहाई नजदीकी बताई जाने वाली न्यूज एजंेसी एएनआई के जरिए स्मृति के बयान से पांच दिन पहले ही ट्वीट के जरिए वायरल कर दी गई थी. अब अगर स्मृति ईरानी यह कहती हैं कि उन्हें राहुल के विवेकानंद मेमोरियल जाने की खबर नहीं थी तो अव्वल तो वह झूट है, दूसरे अगर खबर नहीं थी तो एक जिम्मेदार सरकारी ओहदे पर रहते हुए उन्होने बगैर सोचे समझे इतना गैर जिम्मेदाराना बयान क्यों दिया, सिर्फ स्मृति ईरानी और संबित पात्रा जैसे छोटे लीडर ही नहीं मुल्क के होम मिनिस्टर अमित शाह तक ने राहुल गांधी की टी-शर्ट की कीमत चालीस हजार बताते हुए उन पर जबरदस्त हमला किया था. कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर तलाश की तो राहुल की टी-शर्ट पांच हजार से कम की निकली.
होम मिनिस्टर अमित शाह समेत बीजेपी के कई लीडरान ने राहुल गांधी की टी-शर्ट की कीमत चालीस हजार बताते हुए उनपर हमले तो कर दिए लेकिन हमले करके वह खुद फंस गए. क्योकि वह चैनलों और सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कांग्रेसियों ने वजीर-ए-आजम नरेन्द्र मोदी के महंगे सूट, जूते, चश्मे, पेन, घड़ी हर चीज की कीमत बतानी शुरू कर दी. खुद अमित शाह की एक फोटो के साथ ट्वीट आया कि मोदी ने तो दस लाख का सूट पहना था, बेरोजगारी से परेशान मुल्क के वजीर-ए-आजम मोदी ने अपने चलने के लिए बारह-बारह करोड़ की कई कारें खरीद रखी हैं. अपने विदेश दौरे के लिए ऐश व आराम से सजा आठ हजार करोड़ का बोइंग खरीदा है. वह लाखों के इटैलियन सूट, अमरीकन कैनेथकोल जूते, अमरीका में बना कई लाख का आई फोन, इटैलियन घड़ी रोजर ड्यूबियस, पढने के लिए कपर विजन और धूप के लिए वर्सेएस चश्मे इस्तेमाल करते हैं. इन सबकी कीमत लाखों में है. मोदी और खुद अमित शाह जितनी महंगी शालों और जैकेट्स का इस्तेमाल करते हैं वह भारत जैसे गरीब मुल्क के लोग तो सोच भी नहीं सकते. इससे पहले बीजेपी राहुल गांधी और उनके साथ चलने वाले लीडरान के लिए इस्तेमाल होने वाले कंटेनरों पर भी सवाल उठा कर मुंह की खा चुकी है.
बीजेपी की सबसे बड़ी परेशानी यह है कि राहुल की भारत जोड़ो यात्रा पांच महीने चलने वाली है और तकरीबन हर दिन ईमानदारी से खबरे करने वाले मीडिया और मोदी की गुलामी में लगे मीडिया में राहुल गांधी की खबरे छाई रहेंगी. आम दिनों में टीवी चैनलों और अखबारों में राहुल गांधी और कांगे्रस को उतनी जगह नहीं मिलती थी जितनी अब मिल रही है. यही फिक्र बीजेपी लीडरान के लिए परेशानकुन है. मोदी और बीजेपी के गुलाम कहे जाने वाले चैनलों ने अपनी टीमें राहुल के साथ लगा रखी हैं. यह टीमें भेजी तो इस मकसद से गई थीं कि भारत जोड़ो यात्रा की खामियां तलाश करके उसपर तरह-तरह के हमले किए जाएंगे लेकिन मौके पर इसका उल्टा हो रहा है. उन्हें जो खबरें दिखानी पड़ रही हैं उन्हें राहुल मुखालिफ नहीं कहा जा सकता.
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