आलोक कुमार
पटना.सूबे में लालू-राबड़ी शासनकाल में 1990 से 2005 तक का कार्यकाल को जंगल राज घोषित कर दिया गया है.इस दौरान कई नरसंहार हुआ. अपहरण का रोजगार चालू हो गया.यह 15 सालों तक चलता रहा.सत्ता परिवर्तन के बाद जंगल राज के तमाम धंधा रुक गया.इसका मतलब सुनियोजित ढंग से लालू-राबड़ी सरकार को सत्ता से बेदखल करना था.ठीक उसी तरह अभी लघु पैमाने पर हो हल्ला शुरू कर दिया गया है.सत्ता परिवर्तन होने के बाद से ही कहा जाने लगा कि एक बार फिर जंगल राज-गुंडा राज आ गया है.इसको लेकर सियासी खेल जारी है. सीएम से इस्तीफा की मांग की जा रही है.
इस ओर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बेगूसराय में मंगलवार को हुई गोलीकांड को जानबूझ कर दिया गया अंजाम बता दिया है.उन्होंने कहा है कि पुलिस को हर पहलू पर जांच करने,एक-एक चीज पर नजर रखने और आगे भी पूरी सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है.यह भी कहा कि जहां पर घटना हुई है, वहां एक तरफ मुस्लिम तो दूसरी तरफ पिछड़ा वर्ग के लोग रहते हैं. मुख्यमंत्री बुधवार को पटना में पत्रकारों से अपने आवास के पास बात कर रहे थे.
आज भी मीटिंग बुलाकर सीएम नीतीश ने कहा कि हमने पदाधिकारियों को कहा है कि पूरा पता कीजिए. एक-एक जीच को देखना बहुत जरूरी है. ऐसा क्यों हुआ है? किस प्रकार से कोई ऐसे कर रहा है? कहां से कौन निकला? उन्होंने पदाधिकारियों को कहा है कि एक बार इस तरह हो गया है तो समझ लीजिए. कहीं भी कुछ हो सकता है.जिन लोगों को तेजी से काम करना था, क्यों नहीं काम किया. यह सब भी देखना है.हमने विस्तृत चर्चा की है.उन्होंने कहा है ठीक से देख लीजिए. किस चीज की कमी थी. लोगों को रासते पर रहना है.उन्हें हमेशा देखते रहना है. हर सड़क पर.
बेगूसराय में दो बाइक पर सवार चार अपराधी बछवाड़ा से लेकर सिमरिया तक करीब 30 किलोमीटर तक गोली बरसाते रहे तब एनएच 28 पर बने 6 थानों के सामने से गुजरे इन क्रिमिनल को कोई पुलिस थाना या पुलिस की गश्ती जीप नहीं रोक सकी. अब जब गोलीकांड में चंदन कुमार नामक एक शख्स की जान चली गई और दस लोग घायल होकर अस्पताल में भर्ती हो गए हैं. घायल गौरव कुमार चाय लाने जा रहे थे.
किसी बड़ी साजिश का आशंका जताते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि बेगूसराय की घटना घटने के बाद कई लोगों ने इसकी फोन करके मुझे जानकारी दी है. निश्चित इसमें कुछ ना कुछ साजिश है, जिसे पता करना है. सरकार बदली है, उसके बाद से ऐसी चीजें ज्यादा हो रही है, इन तमाम चीजों को देखा जाएगा. उन्होंने कहा कि एक की हत्या हुई है.पुलिस इस मामले को देख रही है. पुलिस ने ठीक से काम क्यों नहीं किया, इसे लेकर 7 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है.जिला प्रशासन जिले के 22 चौक-चौराहों पर मजिस्ट्रेट की तैनाती कर रहा है.वहीं बिहार के एजीडीपी जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि अपराधियों को पकड़वाने वालों को पचास हजार रू.इनाम में दिया जाएगा.
बेगूसराय की घटना को लेकर पुलिस ने वॉन्टेड अपराधी की तस्वीर जारी की है. पुलिस ने लोगों से अनुरोध किया है कि अगर किसी को भी आरोपी की सूचना मिले तो तुरंत इसकी जानकारी पुलिस को दें. बेगूसराय पुलिस ने कहा कि एसपी के मोबाइल नंबर 9431800011 पर जानकारी दे सकते हैं. बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एसके सिंघल से बात कर फायरिंग की घटना की जानकारी ली है.
पूर्व उपमुख्यमंत्री सह सांसद सुशील कुमार मोदी का कहना है कि बेगूसराय जिले में एनएच-28 पर बाइक सवार अपराधियों ने अंधाधुंध गोलीबारी करते हुए 30 किलोमीटर तक बेरोक-टोक गुजरना और 10 निर्दाेष राहगीरों को निशाना बनाना बिहार के आपराधिक इतिहास की ऐसी पहली घटना है, जिसने लोगों को डर से हिला दिया.
इस बीच भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने बेगूसराय जिले में अपराधियों द्वारा 10 लोगों को सरेआम गोली मारने, जिसमें एक व्यक्ति की मौत भी हो चुकी है, की घटना की कड़ी निंदा की है. उन्होंने घटना के चरित्र को देखते हुए पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है.
यह भी कहा कि जांच में भाजपाई साजिश के भी बिंदुओं की जांच होनी चाहिए क्योंकि बिहार की सत्ता से बेदखली के बाद भाजपा पूरी तरह बौखलाई हुई है और इस बात से कत्तई इंकार नहीं किया जा सकता कि ऐसी कार्रवाइयां उसकी साजिश का भी नतीजा हो सकती हैं. अभी हाल में बिहार में गरीबों की झोपड़ियां उजाड़ने की जितनी कार्रवाइयां हुई हैं, उसमें भाजपा किसी न किसी रूप में शामिल पाई गई है. सिवान के बड़हरिया में भी सांप्रदायिक उन्माद फैलाने में वह शामिल थी.
उधर, गोलीबारी की घटना में घायलों से मिलने माले के बेगूसराय जिला सचिव दिवाकर प्रसाद, आरवाइए के राष्ट्रीय महासचिव नीरज कुमार, पार्टी नेता नवल किशोर, किसान नेता बैजू सिंह, पार्टी नगर सचिव राजेश श्रीवास्तव आदि बेगूसराय सदर अस्पताल पहुंचे. नेताओं ने इलाज करा रहे जीतो पासवान व गौतम कुमार पाठक से मुलाकात की. दस में एक व्यक्ति की मौत हो चुकी है. दो लोग बेगूसराय सदर अस्पताल में, चार प्राइवेट नर्सिंग होम में और बाकी तीन को पटना पीएमसीएच रेफर कर दिया गया है.
भाकपा-माले सभी अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी, घायलों का सरकारी इलाज पर समुचित इलाज व 5-5 लाख रुपया तथा मृतक परिजन के लिए 20 लाख मुआवजा व सरकारी नौकरी की मांग करती है.
बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजन क्लेमेंट साह ने कहा है कि बिहार में नीतीश सरकार है,जहां आतंकवादी, अपराधी या साइको किलर्स सड़क पर तांडव मचा सकते हैं.सुशासन को समर्पित पुलिस को अगर सरेराह हो रही घटना की भनक तक न लगे,तो इसे क्या कहेंगे? यहां तो शराबबंदी के नशे में चूर सरकार के शिक्षक से लेकर पूरा तंत्र इसी अभियान में लगे हुए हैं.अब तो जनता बस भगवान भरोसे रह गए हैं !
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