आलोक कुमार
पटना.बिहार के दरभंगा सहित राज्य के कई जिलों में गरीबों को उजाड़ने की जारी प्रक्रिया के सिलसिले में आज भाकपा-माले के विधायक दल के नेता महबूब आलम व उपनेता सत्यदेव राम ने बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार से मुलाकात की और अपना एक ज्ञापन सौंपा.
माले विधायक दल के नेता काॅ. महबूब आलम ने बाद में एक बयान जारी करके कहा कि महागठबंधन की सरकार को अपनी कार्यशैली में अब बदलाव लेना होगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सैद्धांतिक तौर पर पहले कहा था कि बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए किसी भी गरीब का घर नहीं उजाड़ा जाएगा, लेकिन जमीन पर पुरानी नीति ही जारी है. दरभंगा की घटना बहुत बर्बर किस्म की है. उसके बाद बेगूसराय, खगड़िया, पूर्वी चंपारण आदि जिलों में भी जमीन से बेदखली का मामला सामने आया है.
उन्होंने कहा कि हमने मुख्यमंत्री को दरभंगा जिले के मनीगाछी अंचल के नेहरा ओपी के रजवाड़ा दलित बस्ती में पुलिस व स्थानीय जमींदारों की बर्बरता से अवगत कराया. वहां तकरीबन 50 परिवारों के आशियाने को अचानक ध्वस्त कर दिया गया. जब लगभग 90 प्रतिशत घर ध्वस्त हो एग तो मुकदमे बाज रंजीत झा द्वारा एक बच्चे के दब कर मर जाने की अफवाह फैलाई गई और लोगों को रोड़ेबाजी के लिये उकसाया गया. उसमें कई लोग घायल हो गए.अतिक्रमण खाली कराने गए प्रशासन की टीम ने पुलिस की भारी बंदोबस्ती तो की थी, लेकिन मेडिकल टीम और एम्बुलेंस की व्यवस्था नहीं की थी. फलतः होमगार्ड के एक जवान की मौत देर से इलाज होने के कारण हो गई. उसके बाद 6 महिलाओं समेत 18 लोगों को जेल भेज दिया गया.
एफआईआर में नाम नहीं रहने और बिना किसी वैज्ञानिक साक्ष्य के माले नेता पप्पू खाँ को गिरफ्तार कर लिया गया जबकि उनके घर दूसरे थाना क्षेत्र में पड़ता है. गरीबों को उजाड़े जाने के खिलाफ बयान देने के चलते माले नेताओं को फंसाया गया और सदर प्रखंड कार्यालय पर छापेमारी की गई है. माले विधायकों ने मुख्यमंत्री से इस मामले में अपने स्तर से हस्तक्षेप की मांग की. उन्होंने कटिहार के माहेनूर बलात्कार व हत्याकांड का भी मामला मुख्यमंत्री के समक्ष उठाया और कहा कि भाजपा के इशारे पर अब पीड़ितों को ही प्रताड़ित किया जा रहा है. इन सारी प्रक्रियाओं पर रोक लगनी चाहिए.मुख्यमंत्री ने उनकी मांगों को सुना, और इस पर कार्रवाई का आश्वासन दिया.
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