पटना .बिहार के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव मंगलवार रात अस्पतालों का जायजा लेने निकल पड़े. इस दौरान उन्होंने तीन अस्पतालों का निरीक्षण किया.लेकिन बिहार के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच की व्यवस्था देखकर वे भौंचक रह गए.मरीजों व स्वजनों ने शिकायतों की झड़ी लगा दी.वहां न सीनियर डाक्टर थे, न कर्मी और न ही पर्याप्त दवाएं.इसपर उन्होंने काफी नाराजगी जाहिर की.कहा कि इस मामले में एक्शन लिया जाएगा.
जब बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव रात 1.00 बजे पीएमसीएच पहुँचे,तब रात्रि 10 बजे से ड्यूटी शुरू करने वाले आते-आते आ रहे थे.उपमुख्यमंत्री दिन की तरह रात में अस्पताल में उपस्थित डॉक्टर साहब लोगों को अंग्रेज़ी में क्लास लेने लगे. वे टोपी पहने हुए थे. चेहरे पर मास्क भी था. पीएमसीएच इमरजेंसी और वार्डों के निरीक्षण के क्रम में उन्होंने टाटा वार्ड स्थित मेडिसिन इमरजेंसी की बदहाल व्यवस्था देखकर आपा खो दिया.दवा व सीनियर डॉक्टर के नहीं होने और वहां गंदगी देखकर उन्होंने रात में ही अधीक्षक-उपाधीक्षक को तलब किया.उन्होंने कहा कि मरीजों की अनदेखी करने वालों पर कार्रवाई होगी.इसके विपरीत न्यू गार्डिनर और गर्दनीबाग अस्पताल की व्यवस्था पर उन्होंने संतोष जताया.
उपमुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने बुधवार को राज्य स्तरीय समीक्षा की. स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में विभाग के शीर्ष अधिकारी, सभी जिलों के सिविल सर्जन, बिहार के सभी मेडिकल कॉलेजों के मेडिकल सुपरिटेंडेंट और डीपीएम उपस्थित थे.हमने सभी को स्वास्थ्य विभाग संबंधित अपने नेक इरादों और स्पष्ट लक्ष्य से अवगत करा दिया है.
बिहार के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, जिला सदर अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में स्वास्थ्य सेवा में सुधार का 60 दिनों का लक्ष्य दिया है.जिसमें सफ़ाई, दवाई, सुनवाई और कारवाई सुनिश्चित करना शामिल है. किसी भी प्रकार की कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
जिला सदर एवं बड़े अस्पतालों में 24 घंटे उचित स्टाफ़ के साथ Help Desk और Complaint Desk स्थापित करने का आदेश दिया गया है.जिसमें मरीज़ों के भर्ती होने से लेकर, Ambulance, शव वाहन, रेफ़रल की सहज व सरल सुविधा प्रदान करने साथ-साथ मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत करने की प्रक्रिया को भी सुगम बनाने का निर्देश दिया है.
जिला अस्पतालों को रेफ़रल पॉलिसी का SOP फ़ॉलो करने एवं सभी आवश्यक दवाओं की उपलब्धता व मेडिकल उपकरणों को चालू अवस्था में रखने का भी निर्देश है.जहां मानव संसाधन की कमी है उसकी तत्काल पूर्ति की जाए. रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया में तेज़ी लाया जाए.
हमने सभी को स्पष्ट कहा है कि l’am allergic to corruption. स्वास्थ्य विभाग में किसी भी प्रकार की वित्तीय अनियमितता, रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.हम पूर्व स्वास्थ्य मंत्री की तरह स्कोर नहीं पूछेंगे बल्कि पर्फ़ोर्मन्स के स्कोर के आधार पर आपकी सेवा का मूल्यांकन करेंगे.माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में हम बिहार में स्वास्थ्य सेवा को और अधिक बेहतर बनाते हुए गरीब, मज़लूम, जरूरतमंद और मरीज की मदद करने एवं बिहार को स्वस्थ व खुशहाल बनाने के लिए कृत संकल्पित है.
उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) और इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) के प्रबंधन को जमकर फटकार लगायी.पीएमसीएच परिसर में साफ-सफाई की स्थिति को दयनीय बताया और कहा कि इसे जल्द ठीक करें, अन्यथा वरीय अधिकारी पर ही कार्रवाई की जाएगी. जबकि आईजीआईएमएस प्रबंधन को मॉडल संस्थान बताए जाने पर कहा कि वहां इसके अनुरूप स्वास्थ्य व्यवस्था विकसित नहीं है. उन्होंने वहां स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था को दुरूस्त करने का निर्देश दिया. समीक्षा बैठक दो सत्रों में करीब पांच घंटे तक चली.
उपमुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव जब पीएमसीएच पहुंचे तो सुपरिटेंडेंट भी भागते पहुंचे. तेजस्वी यादव ने पूछा कि यह क्या हालात है? कैसे काम चलेगा? मीडिया से बात करते हुए उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने माना की हालात बहुत खराब है, ना अस्पताल में किसी डॉक्टर का रोस्टर सही पाया गया, ना ही नर्सेज का, साफ सफाई करने वाला कर्मचारी भी नदारद दिखे.लाश पड़ा हुआ है.डाक्टर साहब सोए पड़े हुए हैं.मेल नर्स कंट्रोलर बन गये हैं.
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