कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा 7 सितंबर से

गोवा की आजादी में लोहिया का योगदान पत्रकारों पर हमले के खिलाफ पटना में नागरिक प्रतिवाद सीएम के पीछे सीबीआई ठाकुर का कुआं'पर बवाल रूकने का नाम नहीं ले रहा भाजपा ने बिधूड़ी का कद और बढ़ाया आखिर मोदी है, तो मुमकिन है बिधूड़ी की सदस्य्ता रद्द करने की मांग रमेश बिधूडी तो मोहरा है आरएसएस ने महिला आरक्षण विधेयक का दबाव डाला और रविशंकर , हर्षवर्धन हंस रहे थे संजय गांधी अस्पताल के चार सौ कर्मचारी बेरोजगार महिला आरक्षण को तत्काल लागू करने से कौन रोक रहा है? स्मृति ईरानी और सोनिया गांधी आमने-सामने देवभूमि में समाजवादी शंखनाद भाजपाई तो उत्पात की तैयारी में हैं . दीपंकर भट्टाचार्य घोषी का उद्घोष , न रहे कोई मदहोश! भाजपा हटाओ-देश बचाओ अभियान की गई समीक्षा आचार्य विनोबा भावे को याद किया स्कीम वर्करों का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न क्या सोच रहे हैं मोदी ?

कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा 7 सितंबर से

पटना. अब कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में  सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और समान विचारधारा के लोग शामिल होकर साथ-साथ पदयात्रा करते दिखेंगे.भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत श्रीपेरंबदूर से होगी.जहां 1991 में राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी की हत्या की गई थी. राहुल गांधी श्रीपेरंबदूर स्मारक पर 7 सितंबर को श्रद्धांजलि अर्पित करने और ध्यान लगाने के बाद कन्याकुमारी में 'भारत जोड़ो यात्रा' की शुरुआत करेंगे.

राष्ट्रीय अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस यात्रा के उद्देश्य बैठक में उल्लेख किया.इस बैठक के दौरान यहां तक कह दिए कि इस यात्रा में मेरे साथ कोई चले न चले, मैं अकेला चलूंगा.' सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी ने सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों से कहा, 'मैं जानता हूं कि यह (देश को जोड़ने की) लंबी लड़ाई है. मैं इस लड़ाई के लिए तैयार हूं.' राहुल गांधी ने कहा कि वह इस यात्रा को अपने लिए तपस्या मानते हैं.' 

आगे राहुल गांधी ने बैठक में कहा, 'भारत की राजनीति का ध्रुवीकरण हो गया है. हम अपनी यात्रा में लोगों को बताएंगे कि कैसे एक तरफ आरएसएस की विचारधारा है और दूसरी तरफ हम लोगों की सबको साथ लेकर चलने की विचारधारा है. हम इस विश्वास को लेकर यात्रा शुरू कर रहे हैं कि भारत के लोग तोड़ने की नहीं, बल्कि जोड़ने की राजनीति चाहते हैं.' राहुल गांधी के साथ 150 सिविल सोसाइटी संगठनों के जो नुमाइंदे शामिल हुए उसमें स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव, योजना आयोग की पूर्व सदस्य सैयदा हमीद, एकता परिषद के पीवी राजगोपाल, सफाई कर्मचारी आंदोलन के बेजवाड़ा विल्सन शामिल थे.

इस बैठक के बाद योगेंद्र यादव ने कहा, 'दिन भर की बातचीत के बाद यह राय बनी कि हम सर्वसम्मति से इस यात्रा का स्वागत करते हैं और अपने-अपने तरीके से इस यात्रा से जुड़ेंगे. आने वाले दिनों में हम अपील जारी करेंगे कि दूसरे जन संगठन भी इस यात्रा से जुड़ें.' कांग्रेस की यह यात्रा 7 सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से आरंभ होगी.यह पदयात्रा 12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों को कवर करेगी.यात्रा कन्याकुमारी से कश्मीर तक जाएगी जो लगभग 3,500 किमी लंबी होगी और लगभग 150 दिनों में पूरी होगी.कई पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के 'पदयात्रा' में भाग लेने की उम्मीद है.इसमें सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और समान विचारधारा के लोग शामिल हो सकते हैं.

योगेंद्र यादव: स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेंद्र यादव 2015 तक आम आदमी पार्टी के साथ जुड़े थे और इसी साल अलग होकर उन्होंने स्वराज इंडिया नामक पार्टी की स्थापना कर ली. आम आदमी पार्टी को मजबूत करने में उनकी अहम भूमिका मानी जाती है.उनकी पार्टी ने 2016 में एमसीडी का चुनाव लड़ा लेकिन प्रदर्शन निराशाजनक रहा.उनकी पहचान चुनाव विश्लेषक के तौर पर है.राजनीति से गहरा नाता है और उनका विश्लेषण सटीक होता है.

बेजवाड़ा विल्सन: कर्नाटक के कोलार से आने वाले बेजवाड़ा विल्सन ने भारत में सिर पर मैला ढोने का काम खत्म कराने के लिए आंदोलन शुरू किया.विल्सन जब 20 साल के थे उस वक्त सफाई कर्मचारी कॉलोनी के बच्चों को पढ़ाना शुरू किया. वो सफाई कर्मचारी आंदोलन के संयोजक हैं और एक अनुमान के मुताबिक वो 3 लाख से अधिक लोगों को मैला ढोने के काम से मुक्त कराया है. साल 2016 में उनको रेमन मैग्सेसे अवॉर्ड भी मिला है.

सैयदा हमीद: योजना आयोग की पूर्व सदस्य हैं.महिला अधिकारों समेत दूसरे मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखती हैं. बिलकिस बानो केस में भी वह खुलकर अपनी राय सामने रख रही हैं.

पीवी राजगोपाल: पीवी राजगोपाल एकता परिषद के संस्थापक हैं.आवासीय भूमिहीनों को जमीन देने तथा भूमि सुधार कानून लागू करने को लेकर जनादेश 2007,जन सत्याग्रह 2012 और जन आंदोलन 2018 को जल,जमीन और जंगल को लेकर ग्वालियर से शुरु हुआ 25 हजार भूमिहीन ग्रामीणों और किसानों  का आंदोलन मुरैना में जाकर समाप्त हो गया.वे किसानों के मुद्दों को वह अक्सर उठाते रहते हैं.एकता परिषद के संस्थापक व गांधीवादी राजगोपाल ने किसान आंदोलन के दौरान किसानों के समर्थन में उतरे. कृषि कानूनों के विरोध में उन्होंने यात्रा भी निकाली.कहा गया कि हम सर्वसम्मति से इस यात्रा का स्वागत करते हैं और अपने-अपने तरीके से इस यात्रा से जुड़ेंगे.आने वाले दिनों में हम अपील जारी करेंगे कि दूसरे जन संगठन भी इस यात्रा से जुड़ें.

इस बीच कांग्रेस की अस्थायी सूची में कांग्रेस युवा नेता कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar), पवन खेड़ा (Pawan Kheda) और पूर्व पंजाब के मंत्री विजय इंदर सिंगला (Vijay Inder Singla) का भी नाम है, जो कन्याकुमारी से कश्मीर के बीच 3500 किमी पैदल चलेंगे.


यात्रा आयोजन समिति के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह के मुताबिक, 12 राज्यों से जाने वाले कांग्रेस के सभी नेताओं व कार्यकर्ताओं को भारत यात्री नाम दिया गया है.कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी तमिलनाडु के कन्याकुमारी से रैली के साथ यात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे.

राहुल आगामी हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा चुनाव के प्रचार के बीच ब्रेक लेकर पैदल यात्रा में शिरकत करते रहेंगे. सूची के मुताबिक, पूर्व युवा कांग्रेस अध्यक्ष केशव चंद्र यादव और उत्तराखंड के संचार विभाग के सचिव वैभव वालिया भी यात्रा में शिरकत करेंगे.यात्रा में कांग्रेस का झंडा नहीं दिखेगा। इसके बजाए तिरंगा दिखेगा.यात्रा का मकसद समाज से नफरत खत्म करना बताया गया है. 


बीजेपी प्रवक्ता संदीप पात्रा ने भारत जोड़ो पदयात्रा पर तंज कसा है.संबित पात्रा ने कहा कि कांग्रेस जिस अभियान को चलाने की योजना बना रही है, वह 'भारत जोड़ो' आंदोलन नहीं है, यह 'गांधी परिवार बचाओ' आंदोलन है.


  • |

Comments

Subscribe

Receive updates and latest news direct from our team. Simply enter your email below :